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    टफ्टिड डक से वर्ण संकरण क्रिया करते है कॉमन पोचर्ड

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 30 Dec 2018 06:14 PM (IST)

    कॉमन पोचर्ड एक प्रवासी पक्षी है जो भारत के उत्तरी हिस्सों में सर्दियों के मौसम में प्रवास करके आते है। यह एक मध्यम आकार की डुबकी मारने वाली बत्तख है। ...और पढ़ें

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    टफ्टिड डक से वर्ण संकरण क्रिया करते है कॉमन पोचर्ड

    प¨रदों की दुनिया: कॉमन पोचर्ड

    परिवार: एनाटीडी

    जाति: एथ्या

    प्रजाति: फेरीना

    लेख संकलन: सुंदर सांभरिया, ईडेन गार्डन रेवाड़ी।

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    कॉमन पोचर्ड एक प्रवासी पक्षी है, जो भारत के उत्तरी हिस्सों में सर्दियों के मौसम में प्रवास करके आते है। यह एक मध्यम आकार की डुबकी मारने वाली बतख है। इसे अंग्रेसी में डाई¨वग डक कहते है। अपने प्रवास के दौरान ये एक बड़े समूह में उड़ कर आते है। इनके ये बड़े समूह झीलों आदि में अन्य बतखों खासतौर पर टफ्टिड डक के साथ देखे जा सकते है। टफ्टिड डक के साथ इनका तालमेल अदभूत होता है। कभी-कभी कॉमन पोचर्ड को टफ्टिक डक के साथ वर्ण संकरण करते हुए भी देखा जा सकता है। अलग-अलग होता है नर-मादा का रंग

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    कॉमन पोचर्ड में व्यस्क नर पक्षी की चोंच लंबी व गहरे रंग की होती है, जिस पर स्लेटी रंग का बैंड होता है। इसका सिर व गर्दन लाल-भूरे रंग का, इसकी छाती काले रंग की, आंखे लाल रंग की तथा शरीर का बाकी हिस्सा स्लेटी रंग का होता है, जबकि मादा पक्षी का रंग नर से अलग होता है। मादा पक्षी हल्के भूरे-स्लेटी रंग की तथा इसके सिर का आकार नर पक्षी की तरह गोलाकार न होकर कुछ-कुछ त्रिभुजाकार दिखता है। इसके आंख के पास से एक हल्के रंग की धारी दिखती है। पांव शरीर के पिछले हिस्से में होते है। ये ज्यादातर समय गहरे पानी में रहना पसंद करते है। जब इन्हें किसी प्रकार का कोई डर होता है तो ये तेजी से पानी पर दौड़ कर उड़ान भरते है। इनकी उड़ान काफी तेज होती है। जब ये भोजन के लिए पानी में डुबकी लगाते है तो लगभग 2 मीटर तक गहरे पानी में चले जाते है। ये पानी के अंदर लगभग तीस सेकेंड तक रह सकते है। अप्रैल में लौट जाते है वापस

    इसका मुख्य भोजन जलीय वनस्पति, छोटे जलीय कीट व छोटी मछली होती है। ये ज्यादातर समय दिन में ही खाना खाते है तथा रात के समय ये आराम से बसेरा करते है। जब ये पक्षी आसमान में समूह में उड़ते है तो अंग्रेजी के अक्षर वी की आकृति में उड़ान भरते है। ऐसा ये हवा में वेग को कम करने के लिए करते है ताकि इनकी ऊर्जा कम खर्च हो। इन पक्षियों के प्रजनन का समय अप्रैल मई माह में होता है। इस दौरान ये अपने प्रवास से वापस अपने प्रजनन क्षेत्रों में लौट जाते है। इनका प्रजनन मुख्यत पश्चिमी यूरोप, मध्य एशिया व दक्षिण-मध्य साइबेरिया में होता है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के ऊपरी पहाड़ी हिस्सों में भी इसका प्रजनन देखा गया है। ये पक्षी दलदली क्षेत्रों व कम गहरी झीलों आदि क आस-पास प्रजनन करते है। ये अपना घोंसला जमीन पर रीडस व अन्य वनस्पति के अंदर छुप कर बनाते है। प्रजनन के समय इनके शरीर के रंग में बदलाव आता है। मादा पक्षी 8 से 9 अंडे देती है। चूजों के अंडों से बाहर निकलने के बाद मादा चूजों को पानी की तरफ ले जाती है। इसके चूजे जन्म से ही सक्रिय हो जाते है।