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    हरियाणा पुलिस ने रोकी यात्रा, राजस्थान बार्डर से हुई गुजरात वापस रवाना

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 08 Aug 2022 08:39 PM (IST)

    अहमदाबाद से एक अगस्त को शुरू हुई भीम रुदन यात्रा को हरियाणा पुलिस ने दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित जयसिंहपुर खेड़ा-शाहजहांपुर बार्डर पर करीब चौबीस घंटे तक रोककर रखा। यात्रा को रोके जाने के बाद इसमें शामिल लोग हाईवे पर ही सर्विस लेन में धरना देकर बैठे रहे। यात्रा को जब आगे नहीं जाने दिया गया तो सोमवार रात को सवा आठ बजे यात्रा राजस्थान बार्डर से ही गुजरात के लिए वापस रवाना हो गई।

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    हरियाणा पुलिस ने रोकी यात्रा, राजस्थान बार्डर से हुई गुजरात वापस रवाना

    जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : अहमदाबाद से एक अगस्त को शुरू हुई भीम रुदन यात्रा को हरियाणा पुलिस ने दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित जयसिंहपुर खेड़ा-शाहजहांपुर बार्डर पर करीब चौबीस घंटे तक रोककर रखा। यात्रा को रोके जाने के बाद इसमें शामिल लोग हाईवे पर ही सर्विस लेन में धरना देकर बैठे रहे। यात्रा को जब आगे नहीं जाने दिया गया तो सोमवार रात को सवा आठ बजे यात्रा राजस्थान बार्डर से ही गुजरात के लिए वापस रवाना हो गई। पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने यात्रा को रोकने पर विरोध दर्ज कराया तथा सरकार पर हमला बोला। कैप्टन ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व विधायक चिरंजीव राव से भी बात की तथा कहा कि इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया जाए। कैप्टन ने कहा कि सरकार डरी हुई है। इस दौरान बार्डर पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। एक अगस्त को हुई थी यात्रा शुरू सामाजिक कार्यकर्ता एवं लेखक मार्टिन मैकवान के नेतृत्व में भीम रुदन यात्रा एक अगस्त को दिल्ली के लिए अहमदाबाद से रवाना हुई थी। यात्रा में देश के करीब 14 राज्यों के 400 कार्यकर्ता शामिल है। छुआछूत मुक्त भारत की परिकल्पना को लेकर तैयार किया गया 1111 किलो वजन का पीतल का सिक्का भी यात्रा में साथ लेकर चला जा रहा है। मार्टिन मैकवान ने बताया कि उनका उद्देश्य नए संसद भवन में इस सिक्के को स्थापित कराना था। वह सरकार को यह सिक्का देने आए थे। यात्रा आरंभ करने से पूर्व उन्होंने राष्ट्रपति कार्यालय, लोकसभा स्पीकर और दिल्ली पुलिस से अनुमति मांगी थी लेकिन उनको अनुमति नहीं दी गई। सरकार अगर उनकी भेंट स्वीकार नहीं करना चाहती तो वह इसमें क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश में दलितों पर अत्याचार बढ़ रहा है। इस यात्रा के माध्यम से हम सरकार से यह सवाल पूछ रहे हैं कि अगर देश में छूआछूत नहीं है तो दलितों पर अत्याचार क्यों नहीं रुक रहे। रात सवा आठ बजे वापस रवाना हुई यात्रा रविवार देर रात को यात्रा जयसिंहपुर खेडा- शाहजहांपुर बार्डर पर पहुंची थी जहां पर हरियाणा पुलिस ने यात्रा को रोक दिया था। रेवाड़ी के अतिरिक्त पलवल व नूंह से भी अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया था। जिलाधीश अशोक कुमार गर्ग की ओर से भी रविवार को धारा-144 के आदेश जारी किए गए थे। जारी आदेशों में गया है कि दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों को लेकर किसी भी तरह के प्रदर्शन व यात्रा निकालने की अनुमति नहीं है। प्रशासन के अनुसार दिल्ली में यात्रा व प्रदर्शन के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई। यात्रा की आड़ में असामाजिक तत्वों द्वारा कानून व्यवस्था बिगाड़ने का भी अंदेशा है, जिससे आमजन में अशांति का माहौल पैदा हो सकता है। रात सवा आठ बजे तक यात्रा में शामिल लोगों ने आगे बढ़ने का इंतजार किया लेकिन जब पुलिस ने उन्हें जाने की अनुमति नहीं दी तो वह वापस लौट गए। उनको वापस छोड़ने के लिए स्थानीय डिपो से रोडवेज की आठ बसें भी भेजी गई है।

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