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    ब्रह्मवर्त में छिपी है दस हजार वर्ष पुरानी सभ्यता

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 04 Oct 2018 07:26 PM (IST)

    यह आम धारणा है कि 2500 ईसा पूर्व हड़प्पा और मोहनजोदड़ो में विकसित सभ्यता की नींव पड़ चुकी थी, लेकिन हम यहां जिस विकसित सभ्यता की बात कर रहे हैं वह 10 हजार वर्ष पुरानी है। हम बात कर रहे हैं एक दशक की मेहनत के बाद की गई 'ब्रह्मवृत' प्रदेश की खोज की। ब्रह्मवृत रिसर्च फाउंडेशन का दावा है कि ब्रह्मवृत की सभ्यता हड़प्पा व मोहनजोदड़ो से भी विकसित थी। यह प्रदेश वैदिक ग्रंथों में वर्णित ²षद्वती (साहबी) व सरस्वती नदी के बीच पुष्कर तक फैला था। अगर सरस्वती नदी की तरह इस क्षेत्र में खोदाई हो तो एक विकसित सभ्यता सामने आने में देर नहीं लगेगी। फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल से खोदाई शुरू करवाने का अनुरोध किया है। फाउंडेशन का दावा है कि इसी ब्रह्मवृत राज्य से आर्य सभ्यता दुनिया में फैली थी। भारत में आर्य कहीं बाहर से नहीं आए थे बल्कि यहीं यह सभ्यता विकसित हुई थी। ब्रह्मवृत में ही वैदिक ग्रंथों की रचना हुई थी।

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    ब्रह्मवर्त में छिपी है दस हजार वर्ष पुरानी सभ्यता

    महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी

    यह आम धारणा है कि 2500 ईसा पूर्व हड़प्पा और मोहन जोदड़ो में विकसित सभ्यता की नींव पड़ चुकी थी, लेकिन हम यहां जिस सभ्यता की बात कर रहे हैं वह 10 हजार वर्ष पुरानी है। हम बात कर रहे हैं एक दशक की मेहनत के बाद की गई 'ब्रह्मवर्त ' प्रदेश की खोज की। ब्रह्मवर्त रिसर्च फाउंडेशन का दावा है कि इस प्रदेश की सभ्यता हड़प्पा व मोहन जोदड़ो से भी अधिक विकसित थी। यह प्रदेश वैदिक ग्रंथों में वर्णित दृषद्वती (साहबी) व सरस्वती नदी के बीच पुष्कर तक फैला था। अगर सरस्वती नदी की तरह इस क्षेत्र में खोदाई हो तो एक विकसित सभ्यता सामने आने में देर नहीं लगेगी। फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल से खोदाई शुरू करवाने का अनुरोध किया है।

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    यहीं से दुनिया में फैली थी आर्य सभ्यता

    फाउंडेशन का दावा है कि ब्रह्मवर्त राज्य से ही आर्य सभ्यता दुनिया में फैली थी। भारत में आर्य कहीं बाहर से नहीं आए थे। यहीं वैदिक ग्रंथों की रचना हुई थी। ब्रह्मवर्त रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष व इंटेक (इंडियन नेशनल ट्रस्ट फार आर्ट एंड कल्चरल हैरीटेज) के स्थानीय चेप्टर के अध्यक्ष सुधीर भार्गव ने पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री मनोहरलाल के रेवाड़ी आगमन पर ब्रह्मवर्त प्रदेश के बारे में प्रजेंटेशन दी थी। सुधीर भार्गव ने सेटेलाइट की मदद से ब्रह्मवर्त प्रदेश का जो नक्शा तैयार किया है, उसे भी मुख्यमंत्री को दिखाया। मुख्यमंत्री ने भी इसमें रुचि दिखाई। सुधीर भार्गव ने दस वर्ष पूर्व ब्रह्मवर्त फाउंडेशन की स्थापना थी और अथक प्रयास के बाद ब्रह्मवर्त प्रदेश का इतिहास व नक्शा तैयार किया है।

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    हम चाहते हैं कि वन विभाग द्वारा साहबी पर विकसित की जा रही कृत्रिम झील के पास बनने वाले म्यूजियम में ब्रह्मवर्त का इतिहास व यहां मिलने वाली आर्कियोलाजिकल सामान प्रदर्शित हो। मुख्यमंत्री सरस्वती डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष होने के नाते सभी चीजों को समझते हैं। हमने मुख्यमंत्री को यह बताया है कि किस प्रकार भूगर्भीय गतिविधियों से छह-सात हजार साल पहले नदियों के रास्ते बदले और ब्रह्मवर्त से लोगों का पलायन शुरू हुआ।

    -सुधीर भार्गव, अध्यक्ष

    ब्रह्मवर्त फाउंडेशन