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    रेवाड़ी में कचरा प्रबंधन में भारी लापरवाही, ठेके के बावजूद चल रहा है बड़ा खेल

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 10:16 AM (IST)

    रेवाड़ी नगर परिषद में कचरा संग्रहण व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। सवा करोड़ के टेंडर के बावजूद सूखा और गीला कचरा अलग नहीं उठाया जा रहा। 31 वार्डों में 45 वाहन तैनात हैं, लेकिन सभी में अलग-अलग व्यवस्था नहीं है। कचरा पृथक्करण पर लाखों खर्च हो रहे हैं, फिर भी लापरवाही बरती जा रही है। अधिकारी जल्द समाधान का आश्वासन दे रहे हैं।

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    रेवाड़ी नगर परिषद में कचरा संग्रहण व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

    प्रीतम सिंह, रेवाड़ी। रेवाड़ी नगर परिषद द्वारा किए जा रहे अच्छे और बुरे कामों का जिम्मेदार कौन है? बेशक, जनता अधिकारियों से यह सवाल पूछ रही है। शहर के विकास के लिए नगर परिषद द्वारा करोड़ों रुपये का सालाना बजट आवंटित किए जाने के बावजूद, शहर का विकास उसी पुराने ढर्रे पर चल रहा है। यही वजह है कि डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए सवा करोड़ रुपये का टेंडर होने के बावजूद, सूखा और गीला कचरा अलग-अलग नहीं उठाया जा रहा है।

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    जनता जहां कचरे के प्रति जागरूक हो रही है, वहीं कचरा संग्रहण के लिए तैनात ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और ऑटो-रिक्शा में सूखा और गीला कचरा अलग-अलग करने की कोई व्यवस्था नहीं है। कचरा संग्रहण अभियान धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है, लेकिन इसका संग्रहण ठीक से नहीं हो रहा है। इस अनियंत्रित कुप्रथा को रोकने के लिए जिम्मेदार अधिकारी मौन हैं, जबकि जनता परेशान है।

    गौरतलब है कि नगर परिषद ने शहर के 31 वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए 45 वाहन तैनात किए हैं, जिनमें आठ ऑटो-रिक्शा और तीन ट्रैक्टर-ट्रॉलियां शामिल हैं।

    कचरा संग्रहण वाहनों में गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग व्यवस्था है। नगर परिषद के कुछ वाहनों में यह व्यवस्था लागू है, लेकिन ऑटो-रिक्शा और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में यह व्यवस्था नहीं है। यह तब है जब कचरा संग्रहण टेंडर में इसका विशेष प्रावधान है। इसके बावजूद यह काम निर्बाध रूप से जारी है।

    सवाल यह उठता है कि इस कचरे को अलग कैसे किया जाएगा। कचरा पृथक्करण पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है, लेकिन यहां तो सरकारी कर्मचारी, या यूं कहें कि कचरा संग्रहण एजेंसी ही नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं।

    कचरा अलग-अलग एकत्र किया जाना चाहिए, लेकिन कुछ वाहनों में ऐसी व्यवस्था नहीं है। जल्द ही सभी वाहनों में ऐसी व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। फिलहाल 31 दिसंबर तक के लिए अस्थायी टेंडर जारी किया गया है। स्थायी टेंडर फाइनल होने के बाद यह समस्या नहीं रहेगी।
    -सुधीर कुमार, मुख्य सफाई निरीक्षक, नगर परिषद, रेवाड़ी।