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    रेवाड़ी में 30 साल पुरानी रंजिश में बना अपराधी, पिता पर हमले का बदला लेने के लिए 50 लाख का लोन लेकर खरीदे हथियार

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 12:55 AM (IST)

    रेवाड़ी में 30 साल पुरानी रंजिश में पीएचडी स्कॉलर देवांशु अपराधी बन गया। उसने कांस्टेबल पिता पर हुए हमले का बदला लेने का फैसला किया। इस घटना ने क्षेत् ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। बचपन से पढ़ाई में होनहार और जवानी की दहलीज पर पहुंचते ही संगीन अपराध कर देने वाला पीएचडी स्काॅलर देवांशु 30 साल पहले कांस्टेबल पिता पर हुए कातिलाना हमले की आग में झुलसा हुआ था। पुलिस रिकाॅर्ड में भले ही उसके पिता सूरजभान सड़क हादसे में घायल हुए थे, लेकिन उसे ही नहीं, बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों को भी शक था कि सूरजभान पर अजमेर के हिस्ट्रीशीटर विनोद फेडरिक ने हमला कराया था।

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    लोन लेकर खरीदे थे हथियार

    इसी का बदला लेने के लिए देवांशु ने न केवल अलग-अलग बैंकों से 50 लाख रुपये का लोन लिया, बल्कि इस पूरी रकम को हथियार व अन्य सामान खरीदने में खपा दिया। विनोद की हत्या के लिए उसने बकायदा एक गैंग तैयार कर ली थी, जिसमें आजमगढ़ का शुभम व मेरठ का रहने वाला हथियार तस्कर बंटी उसके दोस्त बनने के साथ गैंग में शामिल हो चुके थे। अब वह मौके की तलाश में था लेकिन इससे पहले 16 दिसंबर को रेवाड़ी में कैब चालक संजय को गोली मारकर स्विफ्ट डिजायर कार लूटने के मामले में पकड़ा गया।

    देवांशु के पिता ने हिस्ट्रीशीटर को दिलाई थी सजा

    राजस्थान के ब्यावर का रहने वाले नशा तस्कर विनाेद फेडरिक नसीराबाद का बदमाश है। वह अजमेर के शहर थाना का हिस्ट्रीशीटर भी है। वर्ष 1993 में उसने दिनदहाड़े तलवार से काट कर एक युवक की हत्या कर दी थी। विनोद के खौफ के कारण पुलिस भी उस पर हाथ डालने से बचती थी, लेकिन इस मामले में देवांशु के पिता कांस्टेबल सूरजभान ने विनोद को गिरफ्तार किया था, जिससे बाद ही विनोद को इस केस में 10 साल की सजा भी हुई थी।

    जैसे-जैसे बड़ा होता रहा, धधकती रही रंजिश की आग

    सूरजभान की इसी मामले में बहादुरी व ईमानदारी के कारण वर्ष 1995 में पुलिस विभाग ने प्रमोशन देकर सम्मानित किया गया था। वर्ष 1995 में ही सूरजभान एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। स्वजन ने हिस्ट्रीशीटर विनोद पर हमला कराने का शक जताया था। उस समय देवांशु का जन्म भी नहीं हुआ था लेकिन जन्म होने के बाद जैसे-जैसे देवांशु बड़ा हुआ तो घर में पिता पर हमले का जिक्र होने लगा और यही बात उसके दिमाग में बैठ गई। इसके बाद उसने बड़ा होकर विनोद से बदला लेने की ठानी। देवांशु अपने माता-पिता की इकलौती संतान है।

    बड़ी मात्रा में हथियार-कारतूस और हथकड़ी मिली

    सोमवार को डीएसपी क्राइम सुरेंद्र श्योराण ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि आरोपित देवांशु अपने पिता का बदला लेने के लिए अपनी गैंग तैयार कर रहा था। इसके साथ ही विभिन्न बैंकों से पचास लाख रुपए का ऋण लेकर विनोद को मारने के लिए हथियार स अन्य सामान जमा किए थे। पूछताछ के दौरान आरोपित से पांच देशी पिस्टल, 250 कारतूस, आठ मैगजीन, 22 मैगजीन की स्प्रिंग, एक बैरल की स्प्रिंग, एक बैग, एक आईफोन, छह वाकी-टाकी सैट, पांच वाकी-टाकी चार्जर, पांच अडैप्टर, एक पैकेट दस्ताना, एक दूरबीन, दो पावर अडैप्टर, तीन कारतूस की खाली डब्बी व एक हथकड़ी बरामद की है।

    दोबारा कोर्ट में पेश कर जेल भेजा

    शुरुआत में देवांशु से दो पिस्टल, 89 जिंदा कारतूस, वेव ब्लाकर, जीपीएस डिटेक्टर व मोबाइल फोन सहित अन्य सामान बरामद किया था। देवांशु के साथ ही शुभम को पांच दिन के रिमांड पूरा होने पर दोबारा कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। वहीं बंटी अभी रिमांड पर चल रहा है।

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