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    Rewari News: किराया पूरा और सफर मुश्किल भरा, अलीगढ़ रूट पर सिर्फ एक ही बस

    Updated: Tue, 24 Jun 2025 03:59 PM (IST)

    रेवाड़ी रोडवेज डिपो के पास कई लाभदायक लंबे रूट हैं, लेकिन परमिट की कमी के कारण अतिरिक्त बसें नहीं चल पा रही हैं। अलीगढ़ रूट, जो प्रतिदिन 25 हजार रुपये कमाता है, पर केवल एक ही बस चलती है। यह बस इतनी भीड़भाड़ वाली होती है कि यात्रियों को अक्सर खड़े होकर यात्रा करनी पड़ती है। यात्रियों और समाजसेवियों ने परिवहन मंत्री से इस रूट पर अतिरिक्त बसें चलाने की मांग की है, जिससे यात्रियों को सुविधा मिले और रोडवेज का राजस्व भी बढ़े।  

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     जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। स्थानीय रोडवेज डिपो के लिए कई लंबे रूट मुनाफे का सौदा हो सकते है लेकिन परमिट के अभाव में इन रूटों पर अतिरिक्त बसें नहीं चल पा रहा और इसका खामियाजा परिवहन विभाग ही नहीं, बल्कि यात्रा करने वाले लोगों को भी उठाना पड़ रहा है। इन्हीं में से एक उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ रूट है, जिस पर दिनभर में सिर्फ एक ही बस ही चलती है।

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    इस बस से हर दिन रोडवेज को 25 हजार रुपये की आमदनी होती है लेकिन बस में सफर करने वाले यात्रियों को करीब 180 किलोमीटर की इस यात्रा में आधी यात्रा खड़े होकर पूरी करनी पड़ती है, क्योंकि बस में भीड़ काफी रहती है। अलीगढ़ रूट पर बसों की संख्या बढ़ाने के लिए यात्रियों ने प्रदेश के परिवहन मंत्री को भी पत्र भेजा है।

    दरअसल उत्तर प्रदेश(यूपी) का अलीगढ़ जिला हरियाणा की सीमा के साथ सटा हुआ है। इसके चलते यूपी से बड़ी संख्या में श्रमिकों का आवागमन होता रहता है। राजस्थान के भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र से भी यात्रियों का इसी बस से आवागमन होता है। यूपी के इस जिले में हरियाणा की काफी रिश्तेदारियां हैं, जिसके चलते लोगों का आवागमन बना रहता है।

    बूथ पर लगते ही भर जाती है बस

    रेवाड़ी बस अड्डा के अलीगढ़ वाले बूथ पर लगते ही बस भर जाती है। इसके बाद यह बस लगभग साढ़े तीन सौ किलोमीटर का सफर तय करते हुए अलीगढ़ पहुंचती है। रोडवेज के आंकड़ों के अनुसार इसी बस से वापसी में बड़ी संख्या में यात्री आते हैं, जिस कारण दैनिक 25 से 30 हजार रुपये का राजस्व मिलता है।

    विभाग की पुष्कर और शिमला जैसे लंबे रूटों पर जाने वाली बसों से भी लगभग इस बस के बराबर ही राजस्व मिलता है, लेकिन इन बसों की दूरी लगभग एक हजार किलोमीटर तक है। किलोमीटर के हिसाब से अलीगढ़ रूट पर चलने वाली रिसीट प्रति किलोमीटर के हिसाब से सर्वाधिक राजस्व देने वाली है। अगर अतिरिक्त बस चलती है तो रोडवेज के राजस्व में बढ़ोतरी हो सकती है। 

    दूसरे राज्यों के लिए लेना पड़ता है परमिट

    दूसरे राज्यों में प्रदेश की रोडवेज बसों को भेजने के लिए संबंधित राज्य से परमिट लेना पड़ता है। यह परमिट दूसरे राज्य के परिवहन विभाग के साथ किए गए एग्रीमेंट के आधार पर दिया जाता है। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के लिए सुबह एक बस प्रतिदिन सुबह 7:40 बजे रवाना होती है।

    इस बस में इतनी भीड़ होती है कि पलवल तक बड़ी संख्या में यात्रियों को खड़े होकर सफर तय करना पड़ता है। इस बस से पलवल तक रास्ते में पड़ने वाले सोहना, भिवाड़ी व तावडू के यात्री भी दैनिक आवागमन करते हैं। वहीं दोपहर साढ़े 12 बजे रेवाड़ी के लिए वापसी करती है। समाजसेवी हरविंद्र सिंह रंगा, रोहित आदि ने परिवहन मंत्री अनिल विज को पत्र भेजकर मांग की है कि अलीगढ़ रूट पर एक अतिरिक्त बस सेवा शुरू की जाए, ताकि यात्रियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।  

    दूसरे राज्यों से एग्रीमेंट के आधार पर परमिट मिलता है। हम परमिट के लिए प्रयास कर रहे हैं। अगर परमिट मिलता है तो हो अतिरिक्त बस चलाई जा सकती है।

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    - प्रदीप कुमार, महाप्रबंधक रोडवेज