सरकारी जमीन पर चल रहा ये बड़ा 'खेल', रेवाड़ी में कार्रवाई के नाम पर अफसर फेल
रेवाड़ी शहर में एचएसवीपी और नगर परिषद की जमीनों पर अवैध कब्जों का खेल चल रहा है। अधिकारियों की मिलीभगत से कब्जाधारियों से किराया वसूला जा रहा है। बाईपास पर ग्रीन बेल्ट पर ढाबे और दुकानें सज गई हैं। करोड़ों की जमीन पर बिल्डिंग मटेरियल का सामान बेचने वालों ने कब्जा कर रखा है। ब्रास मार्केट में भी अवैध गोदाम बने हुए हैं, और अधिकारियों की मिलीभगत से सब कुछ चल रहा है।
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जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) और नगर परिषद की शहर में बेशकीमती जमीनों पर अवैध कब्जों के जरिये किराये का खेल चल रहा है। जहां देखो, वहीं अतिक्रमण और अवैध कब्जे दिखाई दे जाएंगे। जिससे शहर का स्वरूप बिगड़ ही रहा है और कुछ लोगों की जेब भी गर्म हो रही है।
बताया गया कि मिलीभगत से कब्जाधारियों से हर माह किराया तक वसूला जाता है। ऐसा भी नहीं है कि इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को न हो, लेकिन ‘सेटिंग’ के खेल के कारण कार्रवाई नहीं होती। बाईपास पर अभय सिंह चौक से लेकर आइओसी चौक तक तो सड़क के दोनों ओर ग्रिन बेल्ट पर ढाबा, दुकान, फल-फ्रूट के फड़ तक लग चुके हैं।
दरअसल, शहर में एचएसवीपी और नगर परिषद की प्राइम लोकेशन पर काफी जगह जमीनें खाली पड़ी हुई है। विशेषकर यह जमीन बाईपास के साथ लगती हुई है। सड़क के दोनों तरफ ग्रीन बेल्ट भी है, जिसे पूरी तरह विकसित नहीं किया गया।
इसी का फायदा उठाकर ग्रीन बेल्ट में अभय सिंह चौक, पंडित भगवत दयाल शर्मा चौक, कन्हैया लाल पोसवाल चौक, कर्नल राम सिंह चौक, राजेश पायलेट चौक व आइओसी चौक पर ढाबे, चाय के खोखे, अस्थायी फड़, फ्रूट व सब्जी के फड़ सजे हुए हैं। कुछ जगह ग्रीन बेल्ट में ही शराब के ठेके और बड़े-बड़े गोदाम तक बने हुए है। पिछले कुछ दिनों में हुई कब्जों की भरमार से साफ है कि यह बगैर सेटिंग के संभव नहीं है।
करोड़ों की जमीन पर बिल्डिंग मटेरियल सामान बेचने वालों का कब्जा
गढ़ी बोलनी रोड के अलावा अभय सिंह चौक, बाईपास पर कन्हैया लाल पोसवाल चौक के समीप एचएसवीपी की करोड़ों रुपये की बेशकीमती जमीन पर बिल्डिंग मटेरियल का सामान बेचने वालों ने कब्जा किया हुआ है। यहां निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कंक्रीट, रेत और पत्थर डाला हुआ है। बकायदा यह अवैध तरीके से बिजली का कनेक्शन तक लिया हुआ है।
वहीं, अभय सिंह चौक पर सेक्टर-10 की जमीन से तो इसी साल 15 जून को मुख्यमंत्री नायब सैनी की रैली से पहले कब्जा हटवाया गया था। लेकिन तीन-चार दिनों बाद फिर से कब्जा हो गया। विभागीय सूत्रों के अनुसार, कब्जाधारियों से हर माह वसूली होती है। यही वजह है कि उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं होती।
ब्रास मार्केट की 20 दुकानों में बने अवैध गोदाम
करीब 28 साल पहले विकसित हुई ब्रास मार्केट में एक दुकान की कीमत डेढ़ से दो करोड़ रुपये से ज्यादा है। लेकिन इसी मार्केट में एचएसवीपी की करीब 20 दुकानें ऐसी भी है, जिनकी सालों बाद भी नीलामी नहीं हो सकी। पहले यह गंदगी का कारण बनी हुई थी लेकिन अब कमाई का जरिया बनी है।
करीब डेढ़ साल पहले तक इन दुकानों में शटर तक नहीं लगे थे लेकिन अब कुछ लोगों ने बकायदा इन पर चोरी छुपे शटर तक लगवा लिए और उन्हें गोदाम के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। यह बिना प्राधिकरण के संबंधित अधिकारी की जानकारी के संभव ही नहीं है। लेकिन कुछ कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली वसूली की वजह से सबकुछ चोरी छुपे चल रहा है।

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