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    Rewari News: मंत्री विपुल गोयल के आदेश दरकिनार, 20 दिन बाद भी क्रेता-विक्रेताओं पर दर्ज नहीं हुई FIR

    Updated: Sun, 21 Dec 2025 12:04 PM (IST)

    हरियाणा के रेवाड़ी में मंत्री विपुल गोयल के आदेशों को दरकिनार कर दिया गया है। क्रेता-विक्रेताओं पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश के 20 दिन बाद भी कोई कार्र ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। हर माह जिला मुख्यालय पर होने वाली लोक संपर्क एवं परिवेदना समिति की बैठक में आने वाली शिकायतों पर कार्रवाई के लिए कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल द्वारा दिए जाने वाले आदेशों को लेकर ही अधिकारी गंभीर नहीं है।

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    20 दिन पहले आयोजित हुई बैठक में प्रथम विश्व युद्ध में विक्टोरिया पदक विजेता रहे स्वर्गीय श्योदी सिंह की जमीन से जुड़े मामले में मंत्री विपुल गोयल ने क्रेता और विक्रेताओं के विरुद्ध एफआईआर और तत्कालीन तहसीलदार को चार्जशीट करने के आदेश दिए थे लेकिन मंत्री के आदेशों पर आज तक न तो तहसीलदार पर कार्रवाई हुई और न ही पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।

    गांव रथनथल बास के रहने वाले श्योदी सिंह के पड़पौत्र राज विजय ने कहा कि मंत्री के आदेशों के बावजूद कार्रवाई नहीं करना अपने आप में ही एक सवाल है। वह पांच एकड़ जमीन को लेकर काफी समय से लड़ाई लड़ रहे हैं। अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने पर मंत्री विपुल गोयल के सामने फरियाद लगाई थी। जिसके बाद कुछ आस जगी थी लेकिन अधिकारियों ने फिर से ठंडे बस्ते में मामले को डाला हुआ है।

    दो टुकड़ों में मिलीभगत करके जमीन की रजिस्ट्री कराई

    पीड़ित राज विजय ने बताया कि उनके पड़ दादा श्योदी सिंह ने करीब पांच एकड़ जमीन वर्ष 1914 में खरीदी थी। जिसका इंतकाल नंबर 387 व 388 है। उनकी दोनों पीढ़ियों में ज्यादातर लोग भारतीय सेना में रहे हैं। श्योदी सिंह ने प्रथम विश्व युद्ध में हिस्सा लिया था, जिसके बाद उन्हें विक्टोरिया पदक मिला था।

    पांच एकड़ जमीन पर सालों से गांव के ही कुछ लोगों ने कब्जा किया हुआ था। जिसको लेकर उन्होंने वर्ष 2012 में कोर्ट में केस दायर किया। राज विजय ने बताया कि सिविल कोर्ट के अलावा हाईकोर्ट में भी मामला विचाराधीन था।

    इसी बीच कुछ लोगों ने वर्ष 2023 में कोसली के तत्कालीन तहसीलदार से मिलीभगत करके जमीन की रजिस्ट्री कराकर किसी दूसरे व्यक्तियों को बेच दी। रजिस्ट्री में हवाला दिया गया कि इस जमीन से जुड़ा कोई भी मामला न्यायालय में पेंडिंग नहीं है, जबकि मामला न्यायालय में आज भी पेंडिंग है।

    29 नवंबर को मंत्री ने एफआईआर के दिए थे आदेश

    राज विजय सिंह 29 नवंबर को आयोजित बैठक में मंत्री के सामने फरियाद लगाते हुए कहा था कि वह सभी भाई सेना में नौकरी करते थे। इस बीच कुछ लोगों तहसीलदार से मिलीभगत करके फर्जी विक्रेता बनाकर जमीन को बेच दिया गया था।

    काफी शिकायतों के बाद हुई जांच में क्रेता व विक्रेताओं सहित अधिकारी को भी जिम्मेदार पाया गया था। इस संज्ञान लेते हुए मंत्री ने जून 2025 में सेवानिवृत हो चुके तहसीलदार जितेंद्र को जार्चशीट करने के साथ ही करीब चार क्रेता व 10 विक्रेताओं के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।