रद टिकट पर रेलवे ने काटे 240 रुपये, अब देने होंगे 31 हजार रुपये
रद टिकट पर रेलवे ने काटे 240 रुपये अब देने होंगे 31 हजार
रद टिकट पर रेलवे ने काटे 240 रुपये, अब देने होंगे 31 हजार रुपये
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: एक बुजुर्ग महिला द्वारा आनलाइन बुक कराई गई टिकट को रेलवे ने बिना किसी सूचना के रद कर दिया, बल्कि राशि वापस लौटाते समय 240 रुपये भी काट लिए। रेलवे के विरुद्ध बुजुर्ग महिला ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में याचिका दायर की। उपभोक्ता निवारण आयोग ने रेलवे को बुजुर्ग महिला के 240 रुपये वापस लौटाने व 31 हजार रुपये हर्जाना के रूप में देने के आदेश दिए हैं। रेलवे को यह राशि एक माह में वापस लौटानी होगी। बुजुर्ग महिला की ओर से एडवोकेट अनूप गुप्ता ने फोरम के समक्ष मामले की पैरवी की।
एडवोकेट अनूप गुप्ता के अनुसार शहर के मोहल्ला बाससिताबराय की रहने वाली वरिष्ठ नागरिक गायत्री देवी ने 12 मई 2016 को जयपुर से उज्जैन यात्रा के लिए एसी कोच की 1945.80 रुपये में आनलाइन टिकट बुक कराई थी। उस समय बुकिंग स्टेट्स 27 वेटिंग था। यात्रा के दिन जब वह जयपुर स्टेशन पर पहुंची तो उन्हें पता लगा कि रेलवे ने उनकी टिकट को रद कर दिया है। उन्होंने रेलवे अधिकारी को बताया कि उन्होंने टिकट रद नहीं कराया। रेलवे अधिकारी ने बताया कि यदि आनलाइन टिकट कंफर्म नहीं होती है तो टिकट रद कर दी जाती है। यात्रा से कुछ समय पहले ही गायत्री देवी की टिकट रद की गई थी और उन्हें इस बारे में कोई सूचना भी नहीं दी गई। उन्होंने रेलवे अधिकारी से समाधान का आग्रह किया, लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की।
रेलवे द्वारा मनमाने तरीके से टिकट रद कर दी गई और वापस लौटाते समय टिकट से 240 रुपये की कटौती भी कर दी गई। गायत्री देवी ने रेलवे के विरुद्ध जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में याचिका दायर की। मामले के परीक्षण के बाद विवाद निवारण आयोग ने पाया कि रेलवे का व्यवहार पूरी तरह मनमाना रहा। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने रेलवे को बुजुर्ग महिला की टिकट से काटी गई राशि वापस लौटाने, 20 हजार रुपये क्षतिपूर्ति व 11 हजार रुपये वाद खर्च एक माह में देने के आदेश दिए है। रेलवे को याचिका दायर करने से अब तक उपभोक्ता को नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देना होगा।
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