रेवाड़ी में बदमाशों का नायाब तरीका, 10 लाख के गहने चोरी करने से पहले खोल दी पानी की नल
Rewari Crime रेवाड़ी में एक अनोखी चोरी हुई। नेत्रहीन दंपति के परिवार के साथ तीर्थ यात्रा पर जाने के बाद चोरों ने उनके घर में घुसकर पहले पानी की नलें ख ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। शहर के पुराना हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में एक घर में चोरी करने के लिए बदमाशों ने नायाब तरीका अपनाया। चोरों ने घर में दाखिल होने के बाद सबसे पहले शौचालय की सभी नल खोल दी, जिससे पानी के शोर के बीच किसी को बाहर लॉक तोड़ने सहित चहल कदमी की आवाज सुनाइ न दे।
इसके बाद एक घंटे से ज्यादा का समय घर में बिताया और घर से दस लाख रुपये के गहने और नकदी चोरी कर ले गए। वारदात के समय परिवार के सभी सदस्य तीर्थ यात्रा पर बाहर गए हुए थे। घर पहुंचे तो कमरों में पानी और लाइटें जलीं मिली। सामान चेक करने पर चोरी का पता चला।
तीर्थ यात्रा पर गए थे नेत्रहीन दंपती
दरअसल, पुराना हॉउसिंग बोर्ड के रहने वाले दिनेश और उनकी पत्नी निर्मला देवी दोनों शत प्रतिशत नेत्रहीन हैं। उनका घर प्रथम तल पर है। दोनों शुक्रवार की सुबह अपने बच्चों के साथ तीर्थ यात्रा पर गोगामेड़ी, सालासर, खाटूश्याम, जीण माता के दर्शन करने के लिए गए थे। शनिवार की रात नौ बजे घर पहुंचे तो बाहर मेन गेट पर लगा ताला टूटा मिला।
बेड पर बिखरा था सामान
बच्चों ने अंदर जाकर देखा तो कमरों में पानी भरा हुआ था। साथ ही बेड पर सामान बिखरा हुआ था। पड़ोसी को बुलाने के बाद सामान चेक किया तो अलमारी में रखे आठ तोला सोने के आभूषण, 1.4 किलोग्राम चांदी के आभूषण के अलावा दस हजार रुपये की नकदी गायब मिली। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना मॉडल टाउन थाना पुलिस को दी। सूचना के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची।
मौके पर फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट की टीम को मौके पर बुलाकर साक्ष्य जुटाए गए। पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज कर लिया है। दिनेश ने बताया कि चोरी की वारदात सुबह तीन बजे के करीब हुई। अक्सर वह सुबह तीन बजे के आसपास उठने के बाद नहा लेते है। ऐसे में नीचे वाले फ्लोर पर रहने वाले लोगों को नल के पानी की आवाज तो लगा कि हम नहा रहे होंगे। इसलिए नीचे रहने वाले लोगों को चोरी का पता नहीं चल पाया।
डीसी-एसपी और सेशन जज का आवास पास में
दिनेश लोक संपर्क विभाग में सेवादार के पद पर कार्यरत है। जबकि उनकी पत्नी निर्मला भी सरकारी कार्यालय में कार्यरत है। दिनेश जिस हाउसिंग बोर्ड में रहते हैं, वह जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आवास के बिल्कुल सामने है। कुछ ही दूरी पर जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक का सरकारी आवास है। वीआइपी एरिया होने के बावजूद इलाके में इतनी बड़ी वारदात होना पुलिस गश्त पर भी सवाल उठाता है।

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