Rewari News: निर्धारित से ज्यादा सीटें लगाकर दौड़ रही प्राइवेट बसें, मिलीभगत से चल रहा खेल
रेवाड़ी में प्राइवेट बसें परिवहन विभाग को टैक्स का चूना लगा रही हैं। बसों में निर्धारित से अधिक सीटें लगाकर सवारियां ढोई जा रही हैं जिससे रोडवेज को भी नुकसान हो रहा है। तीन साल से कोई कार्रवाई नहीं हुई है। रोडवेज प्रबंधन ने आरटीए को शिकायत भेजी थी पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। एसडीएम ने अब जांच कराने की बात कही है।

गोबिंद, सिंह, रेवाड़ी। रेवाड़ी में संचालित प्राइवेट बसों को निर्धारित से अधिक सीटें लगाकर दौड़ाने का खेल लंबे समय से धड़ल्ले से चल रहा है, लेकिन जिम्मेदारों ने आंखें मूंदी हुई है। परिवहन विभाग से कई बसें 32, 39 व 42 सीटर में पास हैं, लेकिन बसों में पांच से सात सीटें अधिक लगाई हुई हैं।
किसी बस में पीछे पांच सीटें अधिक हैं तो कोई बोनट पर अतिरिक्त सीटें लगाकर सवारियों को बैठाया जा रहा है। यह बसें प्रतिदिन परिवहन विभाग को टैक्स के रूप में हजारों रुपये का चूना लगा रही है, वहीं रोडवेज को भी इनके कारण आर्थिक नुकसान पहुंच रहा। प्राइवेट बसों को सीटों के
तीन वर्ष से अधिक समय से इन बसों में जांच नहीं हुई है। जहां रोडवेज प्रबंधन अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला बताकर अपना पल्ला झाड़ लेता है, वहीं क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण की अनदेखी के कारण उनके हौंसले बुलंद हैं। रेवाड़ी डिपो के अंतर्गत स्टेट कैरिज परमिट के तहत 50 के करीब प्राइवेट बसें संचालित हो रही हैं।
रोडवेज की रिपोर्ट पर हुई थी आरटीए की कार्रवाई
तीन वर्ष से परिवहन विभाग की तरफ से प्राइवेट बसों को लेकर अभी तक कोई खास कार्रवाई नहीं की गई है। रोडवेज प्रबंधन की तरफ से तीन वर्ष पहले ऐसी बसों की रिपोर्ट तैयार करते हुए क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण को भेजी गई थी, जिस पर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण की तरफ से छिटपुट कार्रवाई करते हुए मामले को शांत कर दिया गया था। अब फिर पुराने ढर्रे पर ही स्टेट कैरिज परमिट की प्राइवेट बसें चल रही हैं।
हम प्राइवेट बसों को निर्धारित समय पर बूथों पर लगवाकर सवारियां बैठाने के बाद रवाना करा देते हैं। प्राइवेट बसों की जांच हमारे अधिकारी क्षेत्र से बाहर है। उन पर कार्रवाई का अधिकार आरटीए के पास है। उनके विरुद्ध जो भी शिकायतें आती हैं हम आरटीए को भेज देते हैं।
- निरंजन कुमार, महाप्रबंधक रोडवेज
अगर प्राइवेट बसों में ऐसा हो रहा है तो इसकी टीम बनाकर जांच कराई जाएगी। नियमों की अनदेखी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- सुरेश कुमार, एसडीएम कम सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण ,
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