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    Rewari News: नेताओं-अधिकारियों की कोठी पर ड्यूटी दे रहे सफाईकर्मी, शहर में मच रहा गंदगी का शोर

    रेवाड़ी शहर में सफाई कर्मचारियों की कमी के बावजूद लगभग 120 कर्मचारी नेताओं और अधिकारियों की कोठियों पर तैनात हैं। जिला नगर आयुक्त ब्रह्मप्रकाश ने निरीक्षण के दौरान कई कर्मचारियों को गैरहाजिर पाया और कुछ को वापस बुलाया। वर्तमान में नगर परिषद के पास 326 सफाई कर्मचारी हैं जो शहर के लिए पर्याप्त नहीं हैं जिसके कारण स्वच्छता रैंकिंग में गिरावट आई है।

    By Satyendra Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 26 Aug 2025 12:59 PM (IST)
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    माडल टाउन में सफाई कर्मचारियों की हाजिरी चेक करते हुए डीएमसी ब्रह्मप्रकाश अहलावत। जागरण

    मुकेश शर्मा, रेवाड़ी। अहीरवाल का लंदन, पीतल नगरी और न जाने कितने नामों से मशहूर रेवाड़ी शहर में कुछ दिनों से गंदगी का शोर काफी सुनाई दे रहा है। इसके पीछे की वजह इस बार शहर का स्वच्छता रैंकिंग में काफी पिछड़ जाना रहा।

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    साथ ही नगर परिषद के पास पर्याप्त सफाई कर्मचारियों का न होना भी समय-समय पर मुद्दा बनता रहा लेकिन हकीकत यह है कि वर्तमान में जितने सफाई कर्मचारी कार्यरत है, उनमें से एक तिहाई सफाईकर्मी अधिकारी और नेताओं की कोठियों ड्यूटी दे रहे हैं।

    दो जगह हाजिरी चेक करने पर 23 गैर हाजिर मिले

    नगर परिषद के सूत्रों के अनुसार, करीब 120 सफाई कर्मचारी काफी समय से विधायक, अधिकारी, चेयरमैन, पूर्व चेयरमैन व अन्य नेता की कोठी पर ड्यूटी कर रहे हैं। किसी के पास दो तो किसी के यहां चार-चार सफाई कर्मी है।

    दरअसल, स्वच्छता को लेकर जिला नगर आयुक्त ब्रह्मप्रकाश काफी गंभीर दिख रहे हैं। पिछले एक सप्ताह से लगातार बैठकें करने के बाद सोमवार की सुबह साढ़े पांच बजे ही फील्ड में उतर गए। उन्होंने सेक्टर-चार व माडल टाउन एरिया के सफाई कर्मचारियों की हाजिरी चेक की।

    माडल टाउन में 48 में से 29 ही हाजिर मिले। 18 गैर हाजिर व एक छुट्टी पर मिला। इसी तरह सेक्टर चार में 25 में से 19 हाजिर और पांच गैरहाजिर पाए। एक सफाईकर्मी छुट्टी पर गया हुआ था।

    डीएमसी ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि चार सफाई कर्मचारी एक अधिकारी और कुछ कर्मचारी अलग-अलग नेता की कोठी पर ड्यूटी पर है। इसके बाद डीएमसी ने उनमें कटौती करते हुए कुछ को तुरंत वापस बुला लिया।

    नप के पास 326 सफाईकर्मी

    वर्तमान में नगर परिषद के पास 326 सफाई कर्मचारी है। शहर की आबादी और एरिया को देखते हुए यह पर्याप्त नहीं है। इसको लेकर पक्ष और विपक्ष के नेता समय-समय पर मांग भी उठाते रहे हैं। लेकिन सफाई कर्मचारी की संख्या कम होने के बावजूद उनकी ड्यूटी शहर की सफाई की बजाए किसी दूसरी जगह होना अजीब बात है।

    इस बार की स्वच्छता रैंकिंग ने तो रेवाड़ी को एक तरह से शर्मसार ही कर दिया। देशभर में 490वीं और प्रदेश में 57वीं रैंक आई है। जबकि प्रदेश में कुल 22 जिले है। ऐसे में स्वच्छता के मामले में रेवाड़ी की स्थित किसी कस्बे से भी बदतर है।

    स्वच्छता को लेकर गंभीरता से किया जा रहा कार्य

    शहर को स्वच्छ और साफ सुथरा बनाए जाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। तमाम सफाई कर्मचारियों की हाजिरी भी चेक की जा रही है। पहले दिन दो जगह का दौरा किया है। कुछ कर्मचारी गैर हाजिर मिले है।

    सफाई के मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगले कुछ दिनों के अंदर स्वच्छता के मामले में शहर की तस्वीर कुछ अलग ही नजर आएगी। इसमें आम लोगों की भागीदारी भी जरूरी है।

    -ब्रह्मप्रकाश अहलावत, डीएमसी