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    रेवाड़ी में एक्यूआई रीडिंग मशीन दस महीने से बंद, कैसे पता चलेगी वायु की गुणवत्ता?

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 02:51 PM (IST)

    धारूहेड़ा नगरपालिका कार्यालय में लगा वायु गुणवत्ता मापक यंत्र दस माह से बंद है जिससे प्रदूषण के आंकड़े नहीं मिल रहे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी निष्क्रिय है। इससे प्रदूषण बढ़ने पर जनता और प्रशासन सतर्क नहीं हो पाएंगे। निगरानी न होने से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू करने में बाधा आ रही है। बोर्ड का कहना है कि जल्द ही मशीन चालू करवा दी जाएगी।

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    नगपालिका कार्यालय की छत पर लगा वायु गुणवत्ता मापक यंत्र। जागरण

    सुनील चौहान, धारूहेड़ा। नगरपालिका कार्यालय की छत पर लगाई एक्यूआइ (वायु गुणवत्ता सूचकांक) मापक यंत्र पिछले दस माह से बंद पड़ा हुई है। मशीन बंद होने के कारण ने तो वायु गुणवत्ता के आकड़े सामने आ रहे हैं और न ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से मशीन को चालू कराने को लेकर कोई गंभीरता दिखाई जा रही है।

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    ऐसे में अगर प्रदूषण बढ़ता तो है न तो आमजन प्रदूषण से बचाव के लिए सतर्क हो पाएंगे और न ही प्रशासन की तरफ से प्रदूषण से बचाव को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर पाएगा। वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर उसकी रोकथाम और बचाव को लेकर दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं।

    वहीं मानसून की विदाई और पराली जलाने के मामले सामने आने लगे है। वहीं दिवाली आने में 25 दिन बचे हैं लेकिन विभाग इसको लेकर गंभीर नहीं है। बता देें कि रेवाड़ी जिले में वायु की गुणवत्ता निगरानी के लिए वायु गुणवत्ता मापक यंत्र धारूहेड़ा में लगाया हुआ है। उसका रख-रखाव वाली कंपनी का ठेका खत्म होने के चलते पिछले साल नवंबर में यह बंद हो गया था।

    निगरानी सिस्टम ठप होने का नुकसान

    वायु गुणवत्ता मापक यंत्र बंद होने के चलते प्रतिदिन वायु गुणवत्ता के आकड़े दर्ज नहीं किए जा रहे हैं। निगरानी के लिए आकड़ों का होना जरूरी है। जब तक आकड़े ही नहीं होंगे तब तक अधिकारी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत प्रतिबंधों को लागू नहीं कर सकते हैं।

    रिसर्च व निगरानी के लिए पुराने डाटा पर ही निर्भर होना पड़ेगा और अभी यह भी तय नहीं है कि दिवाली तक यह निगरानी सिस्टम चल पाएगा या नहीं। ऐसे में आमजन के साथ ही प्रशासन की समस्या बढ़ने वाली है।

    पहले टेंडर खोला गया था लेकिन केवल एक ही फर्म आने से टेंडर नहीं दिया जा सका। अब दोबारा टेंडर लगा दिए गए हैं। फिलहाल अस्थायी काम एक फर्म को दिया गया है। जल्द ही मशीन चालू करवा दी जाएगी।

    - निपुण गुप्ता, क्षेत्रीय अधिकारी, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड