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    Rewari में मांझे का कहर, बच्ची की मौत के मामले में आखिर नींद से जागी पुलिस और...

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 03:09 PM (IST)

    रेवाड़ी में जानलेवा मांझे से एक बच्ची की मौत के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 39 रील मांझा बरामद किया है। प्रशासन ने मांझा बेचने और स्टॉक करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद पुलिस हरकत में आई।

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    रिशु की मौत के बाद पुलिस ने मांझा बेचने वाले चार आरोपी गिरफ्तार किए। जागरण

    जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। रेवाड़ी में जानलेवा मांझे की वजह से 9 साल की रिशु की मौत के बाद आखिरकार पुलिस की नींद टूट गई। पुलिस ने शहर के अलग-अलग एरिया में कार्रवाई करते हुए जानलेवा मांझा बेचने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से जानलेवा मांझा की 39 रील बरामद की है।

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    वहीं, डीसी अभिषेक मीणा ने जानलेवा मांझा बेचने और स्टाक करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए धारा 163 लागू कर दी है। साथ ही एसपी हेमेंद्र कुमार मीणा ने एक बार फिर चेतावनी जारी करते हुए कहा कि इस प्रकार का मांझा बेचने वालों को किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

    वहीं, मंगलवार के अंक में ‘दैनिक जागरण’ ने इसे प्रमुखता से उठाते हुए ‘जानलेवा मांझा बेचने वालों ने ताख पर रखे आदेश’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसके बाद प्रशासन की तरफ से एक्शन लिया गया।

    पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि पुरानी सब्जी मंडी गारदा मस्जिद के पास अशोक कुमार व चंदू नामक दुकानदार अपनी दुकान के गेट के पास जानलेवा मांझा बेच रहे हैं। सूचना पर सबसे पहले यहां छापेमारी करते हुए पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से जानलेवा मांझा की पांच रील बरामद की।

    इसके बाद तेलीवाड़ा मोहल्ले में दुकान पर जानलेवा मांझा बेचने वाले आरोपित प्रकाश को 21 रील जानलेवा मांझा के साथ गिरफ्तार किया। बल्लूवाड़ा मोहल्ले में कार्रवाई करते हुए त्रिवेंद्र गुप्ता को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से प्लास्टिक के कट्टे में रखे जानलेवा मांझा के 13 बरामद की। आरोपितों के विरुद्ध शहर थाना में मामला दर्ज किया गया है।

    एसपी हेमेंद्र कुमार मीणा ने कहा कि जानलेवा मांझा पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ग्लास लेपित सिंथेटिक धागा है जो पर्यावरण के साथ-साथ पशु-पक्षियों और इंसानों के लिए भी बेहद हानिकारक है। इस तरह की पतंग डोर पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। ये प्रतिबंध इंसानों, पक्षियों, अन्य जानवरों और पर्यावरण को नुकसान से बचाने के लिए लगाए गए है।

    इनके वितरण और स्टाकिंग में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए टीमें चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। इसका इस्तेमाल करने वालों के विरुद्ध एक लाख रुपये का जुर्माना और पांच साल की सजा का प्रावधान है।