Rewari वालों के लिए गुड न्यूज, शहर में ही बनेगा नए अस्पताल का भवन
रेवाड़ी में 200 बिस्तरों वाले नए नागरिक अस्पताल को लेकर विवाद सुलझता दिख रहा है। अस्पताल का निर्माण पुरानी जगह पर ही होने की संभावना है। अस्थाई अस्पताल के लिए दो जगहों की तलाश की जा रही है। डीसी ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ चर्चा की। वर्तमान जगह पर बहुमंजिला भवन बनाने के साथ वैकल्पिक जगह की तलाश जारी है ताकि मरीजों को कोई परेशानी न हो।
ज्ञान प्रसाद, रेवाड़ी। 200 बिस्तर के नए नागरिक अस्पताल को लेकर चल रहे विवाद के बीच सुलह का रास्ता निकलता दिखाई देने लगा है। नए भवन का निर्माण जिला मुख्यालय पर स्थित पुरानी जगह पर ही होने की पूरी संभावनाएं बन रही है। इसको लेकर बकायदा अस्थाई अस्पताल शिफ्ट करने के लिए विकल्प के तौर पर शहर में दो जगह भी तलाशी जा चुकी है। अभी मामला मुख्यमंत्री नायब सैनी के दरबार में लंबित है।
डीसी अभिषेक मीणा की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मुख्यमंत्री नायब सैनी और स्वास्थ्य निदेशालय के अधिकारियों के साथ लंबी चर्चा भी हो चुकी है। पिछले दिनों एडीसी राहुल मोदी ने भी नागरिक अस्पताल परिसर का निरीक्षण कर अधिकारियों से मुलाकात की थी।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, वर्तमान जगह में ही बहुमंजिला भवन बनाने के साथ तब तक इस अस्पताल की सेवाएं संचालित करने के लिए वैकल्पिक जगह की भी तलाश की जा रही है। इसमें माडल टाउन स्थित समाज कल्याण विभाग के वृद्ध आश्रम परिसर और सेक्टर-चार स्थित पुराने सैनिक स्कूल की बिल्डिंग को देखा जा चुका है।
इनमें से किसी एक बिल्डिंग में ओपीडी और अन्य चिकित्सीय व्यवस्थाएं संचालित करने का सुझाव दिया जा रहा है। वृद्ध आश्रम में ग्राउंड फ्लोर में समाज कल्याण विभाग का कार्यालय चल रहा है वहीं बाकी प्रथम तल के आठ कमरों में वृद्धजन और उनके खाने पीने के लिए रसोईघर, गेस्ट हाउस आदि हैं। वहीं द्वितीय तल पूरी तरह खाली है। प्रथम और द्वितीय तल में 22- 22 कमरे हैं। वहीं ग्राउंड फ्लोर में भी कई कमरे खाली हैं।
सैनिक स्कूल की पुरानी बिल्डिंग भी खाली
वहीं दो एकड़ से ज्यादा में बनी सैनिक स्कूल की पुरानी बिल्डिंग का भवन भी काफी समय से खाली है। सैनिक स्कूल शिफ्ट होने के बाद यहां काफी समय तक राजकीय कन्या महाविद्यालय की कक्षाएं लगी। इसके बाद इसे एक निजी संस्था को दिया जा रहा था। हालांकि विवाद के बाद से यह बिल्डिंग पूरी तरह खाली है। इसमें काफी कमरें और हाल है। विकल्प के तौर पर यहां भी अस्पताल को शिफ्ट कर चिकित्सका सेवाएं शुरू की जा सकती है।
वर्तमान अस्पताल की जगह पांच एकड़ से ज्यादा
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ प्रशासन की ओर से भी अधिकारी कई अन्य जगह भी तलाश कर रहे हैं। ऐसे में प्रबल संभावना है कि वर्तमान जगह पर 5.92 एकड़ क्षेत्र में नागरिक अस्पताल के साथ सिविल सर्जन कार्यालय को अन्यत्र शिफ्ट कर इसी जमीन पर बहुमंजिला भवन बनाकर व्यवस्थित किया जा सकता है। ट्रामा सेंटर के भवन को भी मरम्मत और सुधार की दरकार है। नागरिक अस्पताल और ट्रामा सेंटर को जोड़ने के लिए फुटओवरब्रिज भी बना हुआ है।
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वहीं, वर्तमान में निचले इलाके में होने के कारण वर्षा के दिनों में नागरिक अस्पताल में जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ता है। वहीं 45 साल पुराने भवन और 2018 में बने नए विस्तारित भवन में कामचलाऊ के रूप में 200 बिस्तर का अस्पताल संचालित है। पुराने भवन के साथ नए भवन के कई कमरे जर्जर हो चुके हैं। पोस्टमार्टम कक्ष को भी कंडम घोषित किया हुआ है। इसलिए इनकी नए सिरे से बनाया जाए तो बेहतर हो सकता है।
आबादी के हिसाब से भी विस्तार की जरूरत
जिस प्रकार आबादी बढ़ रही है उसके हिसाब से स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार भी हो रहा है। इसके अनुरूप स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ रही हैं। ऐसे में अस्पताल के भवन का विस्तार हो रहा है। गुरुग्राम की तर्ज पर दो नागरिक अस्पताल बनाए जा सकते हैं। इसलिए बहुमंजिला अस्पताल भवन के साथ अन्य जगह भी अस्पताल का निर्माण किया जा सकता है। पंचकुला में भी बहुमंजिला भवन में नागरिक अस्पताल चल रहा है। उपरोक्त संभावनाओं के मद्देनजर वर्तमान जगह में नागरिक अस्पताल बनता है तो न केवल शहर के लोगों को बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को अन्यत्र भटकना नहीं पड़ेगा।
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