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    रेवाड़ी को नगर निगम का दर्जा दिलाने का प्रस्ताव पास, साथ लगते गांवों से भी मांगा जाएगा प्रस्ताव

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 02:23 PM (IST)

    रेवाड़ी नगर परिषद ने शहर को नगर निगम बनाने का प्रस्ताव पारित किया। पार्षदों ने आबादी के सर्वे और निगम में शामिल होने वाले गांवों से प्रस्ताव लेने पर जोर दिया। बैठक में सड़कों की मरम्मत स्ट्रीट लाइट और शौचालयों की हालत सुधारने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। अस्पताल को शहर में ही रखने का भी प्रस्ताव पास हुआ। अन्य विकास कार्यों पर भी सहमति बनी।

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    परिषद की बैठक में उपस्थित चेयरपर्सन पूनम यादव, ईओ सुशील कुमार, उपप्रधान श्याम चुघ व पार्षद। जागरण

    जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। रेवाड़ी को नगर निगम बनाए जाने का प्रस्ताव पहली बार नगर परिषद हाउस की बैठक में सर्वसम्मति से पास हो गया। प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए पार्षदों ने नगर निगम बनाने की पहली और बड़ी शर्त तीन लाख की आबादी प्रमाणित करने के लिए परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) को आधार बनाने की बजाय किसी एजेंसी से आबादी का सर्वे कराने की मांग रखी, जिस पर भी सभी पार्षदों ने सहमति जताई।

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    इसके अलावा शहर के साथ लगते उन गांवों की पंचायतों से भी प्रस्ताव पास कराने का निर्णय लिया गया है, जो निगम में शामिल होना चाहती है। नगर निगम का दर्जा प्रदेश सरकार के स्तर पर दिया जाना है। ऐसे में बैठक में पास किया गया यह प्रस्ताव अब सरकार के पास भेजा जाएगा।

    दरअसल, मंगलवार दोपहर बाद ढाई बजे नप के सभागार में चेयरपर्सन पूनम यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक करीब दो घंटे तक चली और इसमें कुल 12 प्रस्ताव पास किए गए। अगले साल जनवरी में नगर परिषद के चुनाव प्रस्तावित है।

    ऐसे में छह माह बाद हुई हाउस की यह बैठक काफी अहम थी। बैठक में पार्षदों ने शहर से जुड़े अहम मुद्दों को रखा। सबसे ज्यादा शिकायतें खराब स्ट्रीट लाइटें, टूटी सड़क, नई बनी सड़कों से निकली रोड़ियां और शौचालयों की बदहाली से संबंधित रखी गई।

    बैठक में एक और अहम 200 बेड के नागरिक अस्पताल को नप की सीमा में ही रखने का प्रस्ताव भी पास किया गया। पिछले कई दिनों से अस्पताल को शहर के बाहर शिफ्ट करने की चर्चाएं चल रही थी।

    ईओ बोले- मेरे कार्यालय का शौचालय तक बदहाल

    बैठक में वार्ड नंबर तीन से पार्षद और कांग्रेस के शहरी जिला प्रधान प्रवीण चौधरी उर्फ सालू ने शहर के शौचालयों की बदहाली का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि किसी भी शौचालय की हालत ऐसी नहीं है, जिसे आम लोग प्रयोग कर सके। इस पर ध्यान देना चाहिए।

    प्रवीण चौधरी के सवाल का जवाब देते हुए कार्यकारी अधिकारी सुशील भुक्कल ने कहा कि प्रदेश में शायद ही कोई ऐसी नगर परिषद होगी, जिसके शौचालय की बदहाली रेवाड़ी जैसी होगी। मेरे कार्यालय तक का शौचालय ठीक नहीं है।

    ईओ का जवाब सुनकर सभी हैरान रह गए। वहीं बैठक में ही बताया गया कि नागरिक अस्पताल के बाहर नगर परिषद की जमीन पर माडल शौचालय बनाया जाएगा। बैठक में वार्ड नंबर 18 से पार्षद मनीष गुप्ता, वार्ड नंबर पांच से पार्षद लोकेश यादव, वार्ड नंबर 1 से पार्षद रंजना भारद्वाज सहित अन्य पार्षदों ने अलग-अलग समस्याएं रखी।

    मोनू राव बोले- नालों की नहीं हुई सफाई, पेमेंट रोकी जाए

    वार्ड नंबर 14 से पार्षद राजबाला राव के बेटे मोनू राव ने बैठक में कहा कि बरसाती नालों की इस बार सफाई सही से नहीं हो पाई इसलिए टेंडर लेने वाली फर्म की पेमेंट रोकी जाए।

    वहीं मनोनित पार्षद रोहताश वाल्मिकी ने कहा कि पिछली बैठक में आंबेडकर चौक व महर्षि वाल्मिकी चौक पर हाई मास्ट स्ट्रीट लाइटें लगाए जाने का प्रस्ताव पास हुआ था। छह माह बीत गए, लेकिन बार-बार टेंडर रद हो रहे हैं, जिससे अभी तक इन दोनों ही प्रमुख चौक पर लाइटें नहीं लग पाई।

    बैठक में यह प्रस्ताव हुए पास

    बैठक में शहर में बलिदानी सिद्धार्थ यादव के नाम पर चौक बनाने, शहर के चारों ऐतिहासिक गेट भाड़ावास गेट, गोकल गेट, दिल्ली गेट व कानोड़ गेट के सुंदरीकरण, शहर में नए शौचालय बनाने और पुराने शौचालयों का नवीनीकरण, बड़ा तालाब और सोलाराही तालाब को टूरिस्ट पैलेस बनाने, नगर परिषद क्षेत्र के सभी मुख्य मार्गों पर स्वागत द्वार बनाने, शहर के सभी चौक का सुंदरीकरण, नप कार्यालय की मरम्मत, रंग-रोंगन करने के अलावा शौचालय बनाने के अलावा नप क्षेत्र में लाल डोरा क्षेत्र में प्रमाण पत्र को लेकर कमेटी बनाने का प्रस्ताव पास किया गया।