'साहब या तो परिवार पहचान पत्र बनवा दो या ब्याह करा दो', सहरा पहन अपनी फरियाद लेकर DC के पहुंचा बुजुर्ग
रेवाड़ी में एक 71 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति पिछले एक साल से कॉमन सर्विस सेंटर के चक्कर काट रहा है। इस बुजुर्ग का कहना है कि उसका परिवार पहचान पत्र नहीं ब ...और पढ़ें

रेवाड़ी, जागरण संवाददाता। साहब, या तो मेरा परिवार पहचान पत्र बनवा दो या फिर मेरा ब्याह करा दो। जिला सचिवालय में बुधवार को सहरा पहनकर पहुंचे नयागांव निवासी सतबीर सिंह ने उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा के समक्ष जब अपनी पीड़ा बताई तो एक बार वह भी चौंक गए।
सतबीर सिंह ने बताया कि मैं पिछले एक साल से कॉमन सर्विस सेंटरों और सरकारी कार्यालयों के चक्कर पर चक्कर लगा रहा हूं। सभी जवाब देते हैं कि अकेले का परिवार पहचान पत्र नहीं बनेगा। मेरी पत्नी का छह साल पूर्व निधन हो चुका है और बच्चे बाहर रहते हैं। गांव में मैं अकेला ही हूं।
'मेरी पेंशन भी नहीं बन पा रही है'
उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र नहीं बनने के कारण मेरी पेंशन भी नहीं बन पा रही है और मुझे मेरे मकान की मरम्मत के लिए सरकार से सहायता राशि लेनी है वह भी नहीं मिल पा रही है। सतबीर सिंह ने कहा कि सहरा पहनकर अधिकारी के समक्ष पहुंचने का उसका मकसद यही है कि व्यवस्था का काला चेहरा उनके समक्ष रखा जा सके।
छह साल पहले हुआ था पत्नी का निधन
71 वर्षीय सतबीर सिंह नयागांव में रहते हैं। उनकी पत्नी का करीब छह साल पूर्व निधन हो गया था। पहले पत्नी के साथ उनका राशन कार्ड बना हुआ था। पत्नी के निधन के बाद परिवार पहचान पत्र बनने लगे। सतबीर सिंह के बेटे बाहर रहते हैं और गांव में वह अकेले ही हैं।

सतबीर सिंह ने वृद्धावस्था पेंशन के लिए आवेदन किया तो जानकारी मिली कि परिवार पहचान पत्र के बिना आवेदन स्वीकार नहीं होगा। वहीं अपने जर्जर मकान की मरम्मत के लिए भी उन्हें सरकार से मदद की जरूरत थी लेकिन वहां से भी यही जवाब मिला कि आवेदन के साथ परिवार पहचान पत्र लगाना जरूरी है।
उपायुक्त से लगाई गुहार
सतबीर सिंह एक साल से कभी सरकारी कार्यालय में तो कभी कॉमन सर्विस सेंटर पर चक्कर लगा रहे हैं। वह जहां भी जाते हैं उनको एक ही बात कही जा रही है कि अकेले व्यक्ति का परिवार पहचान पत्र नहीं बनेगा। थक हारकर सतबीर सिंह बुधवार को सहरा पहनकर उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा से मिलने के लिए पहुंचे। सतबीर ने सिर पर सहरा पहना हुआ था। सहरा पहने हुए बुजुर्ग को देखकर एक बार तो उपायुक्त भी चौंक गए।

उपायुक्त से सतबीर ने कहा कि अकेला होने के कारण उनका परिवार पहचान पत्र नहीं बन रहा है। अब क्या पीपीपी बनवाने के लिए उनको इस उम्र में शादी करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा, उपायुक्त महोदय, अगर शादी के बाद ही पीपीपी बनेगा तो उनकी शादी करा दी जाए। अगर यह जरूरी नहीं तो उनका अकेले का पीपीपी बनाया जाए। उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने सतबीर सिंह को आश्वासन दिया कि वह उनकी इस बात को सरकार तक पहुंचाएंगे ताकि कोई समाधान निकाला जा सके।

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