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    Rewari Fraud Case: बीमा राशि भेजने का झांसा देकर पंचायत अधिकारी से 60 हजार रुपये की ठगी

    By Jagran NewsEdited By: Himani Sharma
    Updated: Tue, 09 May 2023 07:36 AM (IST)

    Rewari Fraud Case रेवाड़ी में बीमा राशि भेजने का झांसा देकर पंचायत अधिकारी से 60 हजार रुपये की ठगी कर ली गई। आरोपितों से कोई संपर्क नहीं होने पर उन्हें ठगे जाने का पता लगा। साइबर थाना पुलिस ने ठगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।

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    बीमा राशि भेजने का झांसा देकर पंचायत अधिकारी से 60 हजार रुपये की ठगी

    जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: साइबर ठगों ने पंचायत अधिकारी को एक मुश्त में बीमा राशि खाते में भेजने का झांसा देकर 60 हजार रुपये ठग लिए। काफी दिनों तक जब बीमा की राशि खाते में नहीं आई तो उन्हें ठगी के बारे में पता लगा और सोमवार को शिकायत देकर साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

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    कुंड मंडी के रहने वाले कैलाश चंद बीडीपीओ खोल कार्यालय में पंचायत अधिकारी है। शिकायत में कैलाश चंद ने कहा है कि उन्होंने एक एजेंड के जरिए साल 2018 में मैक्स लाइफ इंश्योरेंस की पालिसी ली थी। 30 मार्च को उनके पास अनजान मोबाइल नंबर से सुरभि शर्मा नाम की लड़की का फोन आया। सुरभि ने बताया कि उनकी इंश्योरेंस पालिसी में से एजेंट ने तीस प्रतिशत कमीशन व बोनस देने के लिए आवेदन किया है।

    फिर अनजान नंबर से आया कॉल

    वह इसकी शिकायत कर सकते है और वह उनकी शिकायत को जीवन बीमा लोकपाल मुंबई को भेज देंगी। लड़की ने उन्हें एक शिकायत नंबर भी दिया। 31 मार्च को उनके पास फिर अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को जीवन बीमा लोकपाल मुंबई कार्यालय का अधिकारी आदित्य अग्रवाल बताया।

    आदित्य ने बताया कि वह उन्हें वाट़्सएप पर अपना आधार व पेन कार्ड, किसी भी बैंक का एक कैंसिल चेक, फोटो व ई-मेल आइडी भेज दें और 60 हजार रुपये की राशि मुंबई फेडरल बैंक में इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस के खाते में आरटीजीएस के जरिए जमा करा दें।

    पूरी राशि उनके खाते में कर दी जाएगी ट्रांसफर

    इसके बाद बीमा की पूरी राशि एक मुश्त उनके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी। कैलाश चंद ने उसी दिन 60 हजार रुपये आरटीजीएस के जरिए आरोपित द्वारा दिए गए बैंक खाते में जमा करा दिए और सभी कागजात वाट्सएप पर भेज दिए।

    एक माह से भी अधिक बीत जाने पर जब बीमा की राशि उनके खाते में नहीं आई तो उन्होंने वापस संपर्क किया। आरोपितों से कोई संपर्क नहीं होने पर उन्हें ठगे जाने का पता लगा। साइबर थाना पुलिस ने ठगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।