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    Rewari Fraud: भिवाड़ी रहने वाले ट्रांसपोर्टर के साथ हुई धोखाधड़ी, कार डीलरशिप का झांसा देकर 5.91 लाख रुपये ठगे

    By Jagran NewsEdited By: Jagran News Network
    Updated: Wed, 22 Feb 2023 09:27 AM (IST)

    Rewari Fraud Case साइबर ठगों ने एक ट्रांसपोर्टर को कार की डीलरशीप देने का झांसा देकर ठग लिया। साइबर ठगों ने ट्रांसपोर्टर से पांच लाख 91 हजार रुपये की राशि जमा करा दी। जब ट्रांसपोर्टर कार कंपनी के कार्यालय में पहुंचे तो उन्हें ठगी के बारे में पता लगा ।

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    कार डीलरशिप का झांसा देकर युवक से 5.91 लाख रुपये ठगे।

    जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। साइबर ठगों ने एक ट्रांसपोर्टर को कार की डीलरशीप देने का झांसा देकर ठग लिया। साइबर ठगों ने ट्रांसपोर्टर से पांच लाख 91 हजार रुपये की राशि जमा करा दी। जब ट्रांसपोर्टर कार कंपनी के कार्यालय में पहुंचे तो उन्हें ठगी के बारे में पता लगा और पुलिस को शिकायत दी। साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

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    आनलाइन किया था आवेदन

    पुलिस को दी शिकायत में राजस्थान के जिला अलवर के गांव सैदपुर के रहने वाले करण सिंह ने कहा है कि उनका धारूहेड़ा में ट्रांसपोर्ट का काम है और द्वारकाधीश सोसायटी में उनका कार्यालय है। 15 जनवरी को उन्होंने एक कार कंपनी की वेबसाइट पर डीलरशिप के लिए आनलाइन आवेदन किया था।

    18 जनवरी को उनके पास एक काल आई। काल करने वाले ने बताया कि कंपनी की डीलरशिप टीम से बिपिन गुप्ता बोल रहा है। बिपिन गुप्ता ने एप्लीकेशन में सारी जानकारी भर कर ई-मेल करने के लिए कहा। करण सिंह ने 24 जनवरी को अपने पहचान-पत्र, फोटो, बैलेंस शीट व अन्य कागजात ई-मेल से भेज दिए। कागजात भेजने के बाद बताया कि उनकी आनलाइन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

    5.91 लाख रुपये कराए जमा

    कागजात भेजने के बाद साइबर ठगों ने करण सिंह को बताया कि रजिस्ट्रेशन के लिए एक लाख 25 हजार 400 जमा कराने के लिए कहा। करण सिंह ने कार कंपनी के नाम से खुले अकाउंट में एनईएफटी के जरिए यह राशि जमा करा दी। अगले दिन एनओसी के लिए चार लाख 65 हजार 900 रुपये जमा कराने के लिए ई-मेल आई। ई-मेल में बताया कि पेमेंट जारी करने के लिए 11 लोगों की टीम जगह का निरीक्षण करेगी और मीटिंग भी की जाएगी। करण सिंह ने आरटीजीएस के जरिए यह राशि भी बैंक खाते में जमा करा दी। दो फरवरी को ई-मेल भेज कर दस लाख 85 हजार रुपये सिक्योरिटी राशि जमा कराने के लिए कहा गया।

    कार्यालय पहुंचने पर लगा ठगी का पता

    दस लाख 85 हजार रुपये जमा करने की ई-मेल आने के बाद करण सिंह को संदेह हो गया। वह गुरुग्राम स्थित कंपनी के कार्यालय में पहुंचे तो पता लगा कि जिस वेबसाइट व ई-मेल के जरिए करण सिंह को जानकारी देकर रुपये जमा कराए जा रहे है, वह फर्जी है। फर्जीवाड़े का पता लगने के बाद करण सिंह ने साइबर थाना पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने ठगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।