Rewari Durga Puja: उद्यमी बनाकर आत्मनिर्भरता का उदाहरण बनीं रेवाड़ी की दिव्या
Rewari News दिव्या सिंह स्वावलंबन के क्षेत्र में आदर्श नारी की भूमिका निभा रही हैं। मूल रूप से महेंद्रगढ़ जिले की रहने वाली दिव्या सिंह ने अपनी पढ़ाई ...और पढ़ें

रेवाड़ी [ज्ञान प्रसाद]। नवरात्र में देवी के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। देश के विकास में नारी शक्ति का योगदान अलग-अलग अवसरों पर रहा है। इसी दिशा में दिव्या सिंह स्वावलंबन के क्षेत्र में आदर्श नारी की भूमिका निभा रही हैं। मूल रूप से महेंद्रगढ़ जिले की रहने वाली दिव्या सिंह ने अपनी पढ़ाई के साथ स्टार्टअप के माध्यम से लघु उद्यमी की पहचान बनाई है।
आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की सशक्त उदाहरण
मीरपुर स्थित इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय से एमबीए की पढ़ाई करते हुए दिव्या सिंह रेवाड़ी सहित अन्य जिलों में भी आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की सशक्त उदाहरण बनी हुईं हैं। उन्होंने मानव संसाधन एवं मार्केटिंग में एमबीए की पढ़ाई इसी वर्ष अगस्त में पूरी की। पढ़ाई करने के साथ उन्होंने अपनी मां शारदा देवी के साथ मिलकर टूरिस्ट और स्कूल बैग बनाने का काम शुरू किया।
उद्यमिता विकास प्रशिक्षण के माध्यम से शुरू की संस्था
उद्यमिता विकास प्रशिक्षण के माध्यम से महिला सशक्तीकरण परियोजना के तहत उद्योगिनी के नाम से छोटी सी संस्था आरंभ की। आज उनकी 90 हजार से एक लाख रुपये तक हर महीना आमदनी है। इतना ही नहीं कोरोना काल में उन्होंने काफी संख्या में जरूरतमंद महिलाओं और युवतियों को प्रशिक्षण देते हुए रोजगार भी दिया। दिव्या सिंह बताती हैं कि अभी तक वे 30 से अधिक जरूरतमंद महिलाओं और युवतियों को प्रशिक्षण दे चुकी हैं।

काम सिखाने के साथ मानदेय भी दे रही
वर्तमान में उनके पास चार महिलाएं काम कर रही हैं जिन्हें काम सिखाने के साथ मानदेय भी दे रही हैं। वह कहती हैं कि उन्होंने 30 ग्रामीण महिलाओं को बैग बनाने का प्रशिक्षण दिया। इसके चलते आज वे सभी आत्मनिर्भर हैं और उनकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हुई है। उनका मानना है कि लक्ष्य निर्धारित आगे बढ़ा जाए पढ़ाई के साथ स्वरोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं। आज सिलाई, कटाई के साथ मार्केटिंग प्रबंधन का काम महिलाओं की देखरेख में हो रहा है।

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