Rewari Dengue Cases: रेवाड़ी में डेंगू का आतंक, 10 दिन में 28 लोग हुए मच्छर के डंक का शिकार
रेवाड़ी जिले में डेंगू का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है अब तक 53 मामले सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग लोगों को सावधानी बरतने और जलभराव रोकने की सलाह दे रहा है। बुखार होने पर तुरंत जांच कराने और मच्छरों से बचाव करने की सलाह दी जा रही है। डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार और शरीर दर्द शामिल है।

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। रेवाड़ी जिले में डेंगू का संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है। पिछले दस दिनों के दौरान औसत हर रोज तीन मरीज डेंगू संक्रमित हो रहे हैं। इस सीजन में अभी तक डेंगू संक्रमण के कुल 53 मामले सामने आ चुके हैं।
यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में डेंगू का खतरा बढ़ सकता है। शनिवार को भी निजी अस्पताल में डेंगू संक्रमण के दो मामले सामने आए हैं। इनमें से एक मरीज निजी अस्पताल में उपचाराधीन है।
बता दें कि जिले में पांच अगस्त तक कुल 25 डेंगू संक्रमण के मामले थे। वहीं 16 अगस्त तक यह संख्या बढ़कर 53 पहुंच गई। इनमें से अधिकांश मामले निजी अस्पतालों में आ रहे हैं। संक्रमितों में 45 संक्रमित प्राइेवट और आठ संक्रमित सरकारी अस्पतालों में मिले हैं।
पिछले साल की तुलना में इस बार अगस्त माह में डेंगू और मलेरिया संक्रमितों की संख्या ज्यादा है। पिछले साल अगस्त माह तक सिर्फ 11 डेंगू संक्रमित मिले थे वहीं मलेरिया का कोई मामला नहीं आया था। इस साल जिले में मलेरिया के नौ संक्रमित मिल चुके हैं।
जिले में इस साल की अब तक रिपोर्ट
- कुल रक्त सैंपल लिए अभी तक ::::::: 1709
- शनिवार को सैंपल लिए दो (दोनों निजी अस्पताल में)
- 24 घंटे में डेंगू संक्रमित मिले दो सभी निजी अस्पताल में
- कुल डेंगू संक्रमित अभी तक 53 (आठ सरकारी में, 45 निजी संस्थानों में)
- कुल डेंगू संक्रमित इस बार भर्ती हुए 15
- बिना भर्ती हुए डेंगू संक्रमण से स्वस्थ हुए 33
- अभी तक घरों पर लार्वा जांच हुईं 14,99,254
- लापरवाही पर नोटिस थमाए 1572
लक्षण महसूस होने पर जांच कराना जरूरी
मलेरिया में तेज बुखार से सर्दी लगना, उल्टी दस्त, तेज पसीना आना तथा शरीर का तापमान 100 डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर बढ़ जाना, सिर दर्द, शरीर में जलन तथा मलेरिया में बुखार आने पर शरीर में कमजोरी होना मलेरिया के लक्षण हो सकते हैं।
मलेरिया से बचाव के लिए घर के आसपास पानी को एकत्रित नहीं होने देना चाहिए। नीम के पत्ती का धुआं करना चाहिए। अपने घर के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर रक्त की जांच अवश्य करवाना चाहिए। बुखार होने पर तुरंत जांच कराएं
डेंगू के लक्षण और बचाव
डेंगू में शुरुआत तेज बुखार और सिरदर्द व पीठ में दर्द से होती है। शुरू के दिनों में शरीर के जोड़ों में दर्द होता है।
आंखें लाल हो जाती है। डेंगू बुखार दो से चार दिनों तक होता है उसके बाद शरीर का तापमान धीरे-धीरे अपने आप सामान्य होने लगता है। बुखार के साथ शरीर में खून की कमी होने लगती है।
डेंगू से बचने के लिए मच्छरों से बचना चाहिए। जहां पानी भरा है वहां या तो काला तेल या फिर मच्छर नाशक दवा का छिड़काव करना चाहिए।
सजग व सतर्क रहने की जरूरत
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बुखार पीड़ित व्यक्तियों की पहचान करने की जिम्मेदारी आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ आमजन से मच्छरों से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनने एवं सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करने की अपील कर रहे हैं।
घर के आस-पास एवं घर के अंदर मच्छरों के पनपने के संभावित स्थान या घरों के आसपास होने वाले जल जमाव, गमले एवं पशु-पक्षियों के पानी पीने के पात्र एवं घरों की छतों पर रखी अनुपयोगी वस्तुओं का निस्तारण किया जाना जरूरी है।
जलभराव से डेंगू फैलने को मिल रहा बढ़ावा
स्वास्थ्य निरीक्षक बीरेंद्र सिंह यादव का कहना है कि डेंगू मुख्य रूप से मानसून या इसके बाद सितंबर, अक्टूबर माह में ज्यादा फैलता है। इस वर्ष जिले में जुलाई माह में अच्छी वर्षा हुई है।
इससे जलभराव के साथ तापमान में कमी से मच्छरों को बढ़ावा मिल रहा है। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं। विभाग की ओर से पानी ठहराव वाले स्थानों पर काला तेल और मच्छर नाशक दवा का छिड़काव कर रहे हैं।
डेंगू और मलेरिया की रोकथाम जागरूकता और सावधानी से ही हो सकती है। समय पर लक्षण महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेकर रक्त का सैंपल देना चाहिए। समय पर पता चलेगा तो उपचार जल्द होने से स्वस्थ होंगे। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर रक्त सैंपल लेने की व्यवस्था है। नागरिक अस्पताल में मलेरिया और डेंगू जांच के उचित प्रबंध हैं। निजी अस्पताल संचालकों को भी मलेरिया और डेंगू जांच के नाम पर विभाग द्वारा निर्धारित मानदंड अनुरूप ही जांच और उपचार करने के निर्देश दिए हुए हैं।
- डॉ. नरेंद्र सिंह दहिया, सिविल सर्जन

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