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    डिफेक्टिव कार बेचने पर मारुति कंपनी पर लगा जुर्माना, गाड़ी की कीमत भी करनी होगी वापस

    रेवाड़ी उपभोक्ता आयोग ने मारुति कंपनी को खराब गाड़ी बेचने पर 75 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और गाड़ी की पूरी कीमत वापस करने का आदेश दिया। कर्मवीर नामक व्यक्ति ने एक मारुति वैगन ऑर खरीदी थी जिसमें जंग लगा हुआ था। शिकायत के बावजूद समाधान न होने पर उन्होंने आयोग में शिकायत दर्ज कराई। आयोग ने इसे सेवाओं में लापरवाही मानते हुए यह फैसला सुनाया।

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 08 May 2025 03:11 PM (IST)
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    मारुति कंपनी पर लगाया 75 हजार का जुर्माना, गाड़ी की कीमत भी करनी होगी वापस

    जागरण संवाददाता,रेवाड़ी। जिला उपभोक्ता आयोग ने मारुति कंपनी को डिफेक्टिव कार बेचने का दोषी पाते हुए न केवल 75 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है बल्कि गाड़ी की कुल कीमत भी वापस करने के आदेश दिए हैं। जुर्माना राशि 30 दिन के अंदर शिकायतकर्ता को अदा करनी होगी, अन्यथा कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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    बावल उपमंडल के गांव सुलखा के रहने वाले कर्मवीर ने एक कार मारुति वैगन आर कंपनी के शोरूम से 10 अप्रैल 2022 को खरीद की थी। खरीदने के बाद जब गाड़ी वह घर लेकर गए तो पता चला की गाड़ी के नीचे जंग लगा हुआ है।

    गाड़ी एजेंसी के कर्मचारियों को थी शिकायत

    इसकी शिकायत तुरंत गाड़ी एजेंसी के कर्मचारियों को की गई। पूरी गाड़ी में जंग धीरे-धीरे फैल गया। जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत कंपनी एजेंसी के कर्मचारी एवं कस्टमर केयर पर की थी, लेकिन शिकायत के बावजूद जब कोई समाधान नहीं हुआ तो उन्होंने अपने अधिवक्ता संदीप कुमार के जरिए जिला उपभोक्ता आयोग में 17 जनवरी 2023 को शिकायत दायर की।

    शिकायत दायर करने के बाद जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष संजय कुमार खंडूजा एवं सदस्य राजेंद्र प्रसाद ने साक्ष्यों को आधार मानते हुए पाया कि गाड़ी डिफेक्टिव थी। शिकायतकर्ता को कंपनी की ओर से मैन्युफेक्चरिंग डिफेक्ट समेत गाड़ी बेची गई थी, जो की सेवाओं में लापरवाही का मामला बनता है।

    नौ प्रतिशत ब्याज के साथ लौटानी होगी रकम

    इसलिए उपभोक्ता आयोग ने शिकायतकर्ता को कंपनी की ओर से गाड़ी की कुल कीमत सात लाख 91 हजार रुपये नौ प्रतिशत ब्याज सहित वापस करने के आदेश जारी किए हैं। इतना ही नहीं कंपनी पर 75 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति और 11 हजार रुपये वाद खर्च अलग से दिए जाने के आदेश दिए गए हैं।