जीएलएस ग्रुप पर क्यों हुई छापामारी? आयकर विभाग के एक्शन से कारोबारियों में मची खलबली
रेवाड़ी में जीएलएस ग्रुप पर आयकर विभाग ने छापा मारा टीमें 36 घंटे से रिकॉर्ड खंगाल रही हैं। दिल्ली और गुरुग्राम से आई टीमों ने ग्रुप की कंपनियों आवासों और कार्यालयों पर एक साथ कार्रवाई की। फैक्ट्रियों के गेट सील कर दिए गए हैं और जांच जारी है। इससे पहले भी जिले के कई कारोबारियों और डॉक्टरों पर ऐसी कार्रवाई हो चुकी है जिससे उनमें खलबली मची है।

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। जिला के उद्योगपति एवं कारोबारी आयकर विभाग के निशाने पर है। पिछले एक साल के दौरान विभाग की ओर से पांच से अधिक कारोबारियों व चिकित्सकों पर छापामार कार्रवाई की है।
इस बार गांव नंगलिया रणमौख व गुरावड़ा स्थित जीएलएस ग्रुप की औद्योगिक इकाई पर आयकर विभाग ने छापा मारा है। 36 घंटे से आयकर विभाग की टीमें फैक्ट्री में रिकॉर्ड खंगालने में जुटी है। संभवतया बुधवार को भी विभाग की कार्रवाई जारी रहेगी। आयकर की कार्रवाई से अन्य कारोबारियों में भी खलबली मची हुई है।
दरअसल, दिल्ली और गुरुग्राम के सौ से अधिक अधिकारी व कर्मचारियों की टीमों जांच के लिए सोमवार को सुबह करीब छह बजे जीएलएस कार्यालय में पहुंच गई थी। टीम की ओर से ग्रुप की सभी कंपनियों, आवास और कार्यालय पर एक साथ कार्रवाई की है।
टीम का नेतृत्व आईआरएस अधिकारी पद्मिनी सहरावत कर रही है। हालांकि अभी तक छापेमारी के दौरान किस तरह की जांच की गई, इसको लेकर किसी ने अधिकारिक पुष्टि नहीं की है। आयकर विभाग की टीमें मंगलवार देर शाम तक फैक्ट्री में ही जांच करती रही।
तीन मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां
बता दें कि जिले के नांगलिया रणमौख और गुरावड़ा गांव में इस ग्रुप की कंपनियां पैकेजिंग, एल्युमिनियम फोइल और पालिफिल्म्स मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां हैं। फिलहाल कोई भी जानकारी जारी नहीं की गई है।
विभाग की ओर से सब कुछ गोपनीय तरीके से किया गया है। इस दौरात फैक्ट्रियों के मुख्य गेटों को सील कर दिया गया है। किसी को भी अंदर या बाहर आने-जाने की अनुमति नहीं दी गई।
अंदर केवल जांच अधिकारी और सीमित कर्मचारी ही मौजूद हैं, जबकि बाहरी स्टाफ को बाहर रोक दिया गया है, जिन कर्मियों को रात की शिफ्ट के बाद सुबह सात बजे निकलना था, उन्हें करीब 11 बजे तक रोके रखा गया।
कारोबारियों व चिकित्सकों पर भी हो चुकी कार्रवाई
इससे पूर्व भी जिले के पांच से अधिक कारोबारी एवं चिकित्सकों पर आयकर विभाग की कार्रवाई हो चुकी है। पिछले पांच माह के दौरान आयकर की यह तीसरी बड़ी कार्रवाई है।
जब-जब विभाग की कार्रवाई हुई है अन्य कारोबारियों व चिकित्सकों में खलबली मच जाती है। हालांकि विभाग की ओर से अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है, जिन-जिन पर छापामार कार्रवाई हुई उनमें क्या मिला है।
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