सांस्कृतिक क्षेत्र में भारतीयता की पहचान हैं रुबिया भारती
कला और सांस्कृतिक क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों के साथ समाज को प्रेरित कर रही हैं रुबिया भारती ...और पढ़ें

ज्ञान प्रसाद, रेवाड़ी कला और सांस्कृतिक क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों के साथ समाज को प्रेरक संदेश देने का काम कर रही हैं कुतुबपुर निवासी संगीत प्रवक्ता रुबिया भारती। वे कुशल संगीत प्रवक्ता होने के साथ ही गायन, नृत्य, अभिनय, मंच संचालन, सामाजिक कार्य हर क्षेत्र में अपनी विशिष्टता समेटे हुए हैं। उनकी प्रस्तुतियों में पाश्चात्य संस्कृति का कहीं अंश भी नहीं आता। कोरोना काल में भी उन्होंने यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक लाइव सहित विभिन्न माध्यमों से संगीत, नाट्य व अभिनय के साथ प्रेरक संदेश देते हुए लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रेरित किया। विद्यालय और महाविद्यालय में लोकसंगीत, लोक नृत्य, अभिनय, मंच संचालन में राज्य और राष्ट्रीयस्तर पर विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में तीन दर्जन से अधिक पुरस्कार जीत चुकी हैं। जिला महेंद्रगढ़ में हरिओम कौशिक द्वारा निर्देशित लघु फिल्म 'भिडी' में बच्चे की मां की भूमिका में अभिनय कर चुकी हैं। इससे पहले श्रमिक के जीवन पर आधारित फिल्म मुआवजा में वे गरीब की बेटी की भूमिका से अभिनय की छाप छोड़ चुकी हैं। करीब पंद्रह साल के करियर में उन्होंने नाटक, थिएटर, टीवी व रेडियो में सीधा प्रसारण, प्रशासन और सामाजिक संगठनों की ओर से आयोजित विभिन्न अवसर पर प्रस्तुति देने के साथ विभिन्न स्कूलों में बच्चों को संगीत की शिक्षा देने का काम किया है। लोक व सुगम संगीत उनका पसंदीदा क्षेत्र है। वर्तमान में वे बेरलीखुर्द स्थित कैनाल वैली पब्लिक स्कूल में संगीत प्रवक्ता के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा महेंद्रगढ़ के राजकीय विद्यालय और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से पूरी की। संगीत विषय में एमफिल, एमए, विशारद कर चुकी रुबिया भारती ने अविवाहित होते हुए भी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए एक बेटी को गोद लिया हुआ है। वे बताती हैं कि यह बेटी करीब एक साल की थी, तब उन्हें मिली थी। आज उनके साथ रहते हुए पांच साल की हो गई है।
मूलरूप से महेंद्रगढ़ जिले के रहने वाली रुबिया के पिता वेदप्रकाश महेंद्रगढ़ में जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में कार्यरत हैं। मां मनोज देवी गृहणी हैं। पिता विभिन्न मंचों पर गीत, भजन और लोकसंगीत की प्रस्तुति देते हैं। बेटी को संगीत के प्रति रुचि पिता से मिली। वे कहती हैं कि उनके जीवन का उद्देश्य कला, संगीत, नाट्य सहित हर क्षेत्र में भारतीय सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना है।

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