तथ्यों को छिपा कर नागरिक अस्पताल में नौकरी पाने का आरोप, निदेशक के आदेश के बाद जांच शुरू
एक व्यक्ति पर नागरिक अस्पताल में तथ्यों को छिपाकर नौकरी पाने का आरोप है। निदेशक के आदेश पर जांच शुरू हो गई है। आरोप है कि व्यक्ति ने पिछली नौकरी की जानकारी छुपाई। निदेशक ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। जांच टीम दस्तावेजों की जांच करेगी। अस्पताल प्रशासन ने पारदर्शिता का आश्वासन दिया है और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की बात कही है।

एक महिला द्वारा तथ्यों को छिपाकर नियुक्ति पाने का आरोप लगा है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। शहर के नागरिक अस्पताल में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत लगाए गए (डिस्ट्रिक्ट कंसल्टेंट क्वालिटी एश्योरेंस) जिला सलाहकार गुणवत्ता आश्वासन के पद पर एक महिला द्वारा तथ्यों को छिपाकर नियुक्ति पाने का आरोप लगा है।
महेंद्रगढ़ जिला के एक युवक ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को शिकायत कर भर्ती प्रक्रिया में नियमों को दरकिनार कर एक चिकित्सक द्वारा अपनी पत्नी की नियुक्ति कराने का आरोप लगाया है। मामला वर्ष 2024 का है। युवक द्वारा आरटीआई से जानकारी मांगने पर इसका पता चला। उधर, नेशनल हेल्थ मिशन के निदेशक के आदेशों के बाद रेवाड़ी सिविल सर्जन ने मामले में जांच कमेटी बना दी है।
शिकायतकर्ता राहुल ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में आरोप लगाया है कि जिला सलाहकार गुणवत्ता आश्वासन के पद पर एक महिला की नियुक्ति की गई है। यह पद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित था। इस पद के लिए अन्य दो उम्मीदवार भी थे। नियुक्ति कमेटी के सदस्यों में से उनके डाक्टर पति भी शामिल थे।
नियुक्ति पत्र में डीसी आब्जर्वर या नामिनी के हस्ताक्षर नहीं होने का भी आरोप लगाया है। नियमानुसार एनएचएम नियुक्तियों में इनका हर प्रक्रिया में शामिल होना जरूरी है। इससे संबंधित शिकायत जब नेशनल हेल्थ मिशन के निदेशक के पास पहुंची तो उन्होंने इस मामले में सिविल सर्जन को जांच करने के आदेश दिए। सिविल सर्जन ने भी मामले में जांच कमेटी बना दी है।
वर्ष 2024 में हुई थी भर्ती
बता दें कि 30 जुलाई 2024 को एनएचएम में भर्ती के लिए हेल्थ मिशन की ओर से विज्ञापन जारी किया गया था। वर्ष 2024-25 के लिए कांट्रेक्ट के आधार पर भर्ती निकाली गई थी। सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद मार्च माह में नागरिक अस्पताल में जिला सलाहकार गुणवत्ता आश्वासन के पद पर नियुक्ति की गई थी। यह पद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित था।
निदेशालय के आदेश पर कमेटी बनाई
मामला मेरे संज्ञान में है। मिशन निदेशालय की ओर से जांच के लिए पत्र मिला था। उसके बाद एक जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है। जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद एनएचएम निदेशालय को भेज दिया जाएगा। - नरेंद्र दहिया, सिविल सर्जन, रेवाड़ी

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