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    कमीशन पर साइबर ठगों को बैंक खाता बेचने वाला गिरफ्तार, 7 सालों में 122 करोड़ की ठगी कर चुका है गिरोह 

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 02:09 PM (IST)

    भिवाड़ी पुलिस ने साइबर ठगों को कमीशन पर बैंक खाते बेचने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह पिछले 7 सालों में 122 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है। आरोपी कमीशन लेकर साइबर अपराधियों को बैंक खाते मुहैया कराता था, जिनका इस्तेमाल ठगी की रकम को ठिकाने लगाने के लिए किया जाता था। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।

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    साइबर थाना पुलिस की गिरफ्त में आरोपित अंकित शर्मा। सौ. पीआरओ

    संवाद सहयोगी, भिवाड़ी। भिवाड़ी साइबर क्राइम थाना पुलिस ने कमीशन लेकर व्यक्तियों के बैंक खाते साइबर ठगों को उपलब्ध कराने वाले एक शातिर आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान उत्तर प्रदेश के बागपत के रहने वाले अंकित शर्मा के रूप में हुई है। अंकित फिलहाल दिल्ली के वेस्ट कांति नगर में रह रहा था।

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    उसके कब्जे से 38 बैंक खातों की चेक बुक, 20 एटीएम कार्ड, आठ क्यूआर कोड, नौ मोबाइल फोन, नौ रबर मोहर, एक स्वाइप मशीन और दो लाख 50 हजार रुपये की नकदी बरामद की है। आरोपित की मदद से इसका गिरोह पिछले सात सालों में देशभर में अलग-अलग तरीके से 122 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी को अंजाम दे चुका है।

    जांच में सामने आया कि आरोपित अंकित शर्मा पिछले छह-सात साल से साइबर ठगों के संपर्क में था। आरोपित पहले विभिन्न व्यक्तियों व फर्मों के बैंक खाते से संबंधित गोपनीय जानकारी ठग गिरोह को उपलब्ध कराता और फिर भोले-भाले लोगों को सोशल मीडिया के जरिए उनसे संपर्क कर लालच देकर उनके बैंक खाते हासिल करता था। इनमें गरीब तबके के लोग शामिल होते थे। इसके बाद उनके खातों को ठगी की रकम ट्रांसफार कराने के लिए गिरोह को बेच देता था। इन खातों का इस्तेमाल देशभर में आनलाइन ठगी की रकम ट्रांसफर करने में किया जाता था।


    एसपी प्रशांत किरण ने बताया कि साइबर ठगी के मामलों में तीन स्तर पर म्यूल अकाउंट किराए पर दिए जाते हैं। सबसे पहले खाताधारक अपना खाता अंकित शर्मा जैसे बिचौलियों को किराए पर देते हैं, फिर ये लोग साइबर ठगों तक खाता पहुंचाते हैं। इस नेटवर्क के जरिए ठग गिरोह आसानी से करोड़ों रुपये का फर्जी लेनदेन करते हैं। एसपी ने बताया कि अंकित शर्मा जिस गिरोह से जुड़ा था, उसने देशभर में अलग-अलग प्रकार से करीब 122 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर ठगी की हुई है।

    इस मामले में पहले ही राशिद और अजमत नाम के दो आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 11 बैंक खातों की चेक बुक, चार एटीएम कार्ड, चार क्यूआर कोड, एक स्वाइप मशीन और पांच मोबाइल फोन बरामद हुए थे। शातिर द्वारा ठगों को मुहैया कराए गए बैंक खातों से संबंधित 183 शिकायतें एनसीआरपी पोर्टल 1930 पर दर्ज हैं। राशिद और अजमत से पूछताछ के दौरान अंकित शर्मा का नाम सामने आया, जिसके बाद साइबर क्राइम टीम ने उसे गिरफ्तार किया।