निर्धन व कमेरा वर्ग की आवाज थे कर्नल राव राम¨सह
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : अहीरवाल की राजनीति में पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्नल राव राम ¨सह क
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : अहीरवाल की राजनीति में पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्नल राव राम ¨सह का विशिष्ट स्थान है। आज भी पूरे अहीरवाल में उनका नाम आदर के साथ लिया जाता है। अपने जीवनकाल में निर्धन एवं कमेरा वर्ग के लिए कर्नल ने पुरजोर आवाज उठाई थी। सही मायने में कर्नल कमजोर वर्ग के दोस्त थे। उनकी जयंती पर शनिवार को रेवाड़ी के अलावा गुड़गांव में भी कार्यक्रम होंगे। शुभ ¨चतकों में कर्नल साहब के नाम से विख्यात राव राम ¨सह ने सेना में बहादुरी दिखाने के बाद राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखा था।
कर्नल राव राम ¨सह का जन्म 9 अगस्त 1925 को कोसली विधानसभा क्षेत्र के गाव सादत नगर में कप्तान हरी ¨सह के घर हुआ था। कप्तान हरि ¨सह स्वयं अच्छे रिकार्ड वाले अफसर थे। राव राम ¨सह की प्रारंभिक शिक्षा वर्ष 1932 से 1937 तक दिल्ली के प्रतिष्ठित माडर्न स्कूल में हुई। उसके बाद देहरादून स्थित रायल इंडियन मिल्ट्री स्कूल देहरादून से उन्होंने 1943 में सीनियर कैंब्रिज परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की।
स्वतंत्रता के बाद उन्होंने 1947-48 के जम्मू कश्मीर आप्रेशन, 1962 भारत-चीन युद्ध और 1965 में कच्छ के मैदान में पाकिस्तानी सेना के दांत खट्टे किए। 1977 में जनता पार्टी की टिकट पर पहली बार रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। पहली ही राजनीतिक पारी में हरियाणा के शिक्षा मंत्री का ओहदा मिला। अपनी कुशल कार्यशैली तथा दबंग प्रशासनिक पकड़ के चलते एक वर्ष बाद वर्ष 1978 में उन्हें हरियाणा विधानसभा का स्पीकर बना दिया गया। वर्ष 1982 में विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा और लगातार दूसरी बार रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की। जीतकर दोबारा से काग्रेस में शामिल हुए और परिवहन मंत्री बने। 1991 में लोकसभा का चुनाव जीता और 1992 में केंद्रीय मंत्री परिषद में बतौर राज्य मंत्री बंजर भूमि विकास का जिम्मा मिला। 30 जनवरी 2012 को उन्होंने अंतिम सास ली थी। कर्नल चले गये, लेकिन आम लोगों में आज भी धारणा यही है कि कमजोर की आवाज चली गई।