रोजगार परक शिक्षा प्रणाली पर दिया जाए जोर
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यूथ फैक्टर::
फोटो संख्या: 34 व 35 है।
-युवाओं का प्रमुख मुद्दा भ्रष्टाचार और बेरोजगारी
-तकनीकी रूप से प्रशिक्षितों को रोजगार की कर रहे मांग
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : आज के तकनीकी युग में शिक्षा प्रणाली काफी महंगी होती जा रही है। इस कारण सभी वर्ग के बच्चों को रोजगार परक शिक्षा नहीं मिल पा रही है। विद्यार्थी जैसे-जैसे अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं। उसे रोजगार पाने की चिंता हो जाती है। रोजगार न मिलने की स्थिति में असामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के कारण आपराधिक घटनाओं में भी इजाफा होता जा रहा है। युवाओं का प्रमुख मुद्दा भ्रष्टाचार और बेरोजगारी है। इसे दूर करने के लिए राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को विशेष ध्यान देने का आग्रह किया गया है।
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यवाओं को रोजगार नहीं मिलना महंगी शिक्षा प्रणाली सबसे बड़ा मुद्दा है। जिले की पहचान औद्योगिक क्षेत्र के रूप में होने के बावजूद युवाओं को रोजगार नहीं मिलना, उनकी अनदेखी को दर्शाता है। उन युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने चाहिए जो तकनीकी रूप से प्रशिक्षित नहीं हैं। आज ऐसे सैकड़ों युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।
- सुमित, राजपुरा।
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महंगी शिक्षा प्रणाली आज युवाओं की सबसे बड़ी समस्या है। जहां एक ओर शिक्षा का इतना भारी बोझ है वहीं दूसरी ओर बेरोजगारी की मार युवाओं पर भारी पड़ रही है। निजी शिक्षण संस्थानों में महंगी शिक्षा प्रणाली पर अंकुश लगाने पर ध्यान देने की जरूरत है। सरकारी शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों और संसाधनों की कमी के चलते छात्रों को निजी संस्थानों में भारी भरकम फीस देनी पड़ रही है। जो गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार के लिए बजट से बाहर हैं। तकनीकी ज्ञान प्राप्त करना सभी के लिए समर्थ नहीं होने से सैकड़ों युवा जल्द से जल्द अमीर बनने के लिए असामाजिक तत्वों की संगत में अपना भविष्य बर्बाद करते हैं। इसके लिए शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने के लिए प्रयास करने होंगे।
सुमित कुमार, कंवाली।

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