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    अजब गजब: खोए हुए हैवी ड्राइविंग लाइसेंस से बनाते फर्जी लाइसेंस, चालान भरता असली मालिक

    By Anurag ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 19 Jul 2021 02:21 PM (IST)

    कैथल में फर्जी लाइसेंस का मामला सामने आया। गुम हैवी ड्राइविंग लाइसेंस से बनाए फर्जी लाइसेंस बनाने वाले का पर्दाफाश हुआ। स्कैन करने वाले युवक ने पांच अन्य फर्जी लाइसेंस बनाए। इनमें से एक युवक नौकरी मांगने गया तो हुआ खुलासा।

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    गुम हुए लाइसेंस से फर्जी लाइसेंस बनाने का मामला।

    कैथल, जागरण संवाददाता। गुम हैवी लाइसेंस को स्कैन कर छह फर्जी लाइसेंस बनाकर नौकरी करने का मामला सामने आने के बाद पीड़ित व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दी है। बताया जा रहा है कि उक्त व्यक्ति के लाइसेंस को स्कैन कर छह अन्य लाइसेंस बनाने गए। इन लाइसेंसों पर वाहन दौड़ाते हुए चालान कटे तो पीड़ित ने ही भरे।

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    नेहरू गार्डन कालोनी निवासी दीपक कुमार ने बताया कि वह ट्रक चलाता है। करीब दो माह पहले गुजरात में ट्रक लेकर गया था। कंपनी में गाड़ी लोड करवाने से पहले गेट पास बनवाने लगा तो हैवी लाइसेंस गेट के पास गिर गया। करीब एक घंटे बाद जींद जिला के गांव बिदराणा निवासी युवक सोनू उर्फ जादू ने उसे वापस लौटा दिया।

    उक्त युवक ने कहा कि यह लाइसेंस गेट पर गिर गया था। लेकिन उसे यह जानकारी नहीं थी कि उसके लाइसेंस को स्कैन कर लिया गया। इसके बाद लाइसेंस पर शिकायतकर्ता की फोटो की जगह खुद की फोटो लगवाकर रंगीन प्रिंट निकलवा लिया। फोटो के अलावा नाम, पता लाइसेंस नंबर के साथ भी छेड़छाड़ की गई। इसके बाद लाइसेंस स्कैन करने वाले युवक ने पांच अन्य युवकों के भी इसी तरह से फर्जी लाइसेंस बना दिए।

    आरोपित ने फोटो बदलकर इन लाइसेंसों को बनाते हुए सड़कों पर वाहन दौड़ाने भी शुरू कर दिए। इस दौरान यातायात नियम तोड़ने पर जो भी चालान बनते वह लाइसेंस के असली मालिक दीपक के पास पहुंचता और उसे भरना पड़ता। इस तरह से आनलाइन रकम पीड़ित व्यक्ति को लाइसेंस की भरनी पड़ी।

    इस तरह से हुआ खुलासा

    शिकायतकर्ता ने बताया कि दीपक के असली लाइसेंस को स्कैन कर फर्जी लाइसेंस बनाकर बिदरराणा गांव का युवक प्रमोद कलायत में एक ट्रक चालक के पास नौकरी लेने के लिए पहुंचा। उसने अपना नाम दीपक बताया। उक्त ट्रक चालक पहले से ही दीपक को जानता था। जब उसने लाइसेंस पर पता व फोटो देखी तो समझ गया की यह लाइसेंस फर्जी तरीके से बनाया हुआ है।

    इसके बाद उक्त ट्रक मालिक ने शिकायतकर्ता दीपक को फोन किया और नौकरी मांगने आए युवक को भी वहां बैठा लिया। दीपक के वहां पहुंचने के बाद जब उससे पूछताछ की तो पता चला की यह लाइसेंस तो उसने सोनू से खरीदा है। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह विभागीय अधिकारियों को भी इस बारे में अपनी समस्या बताता रहा, लेकिन उसकी कहीं पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। अब पुलिस प्रशासन से मांग है कि आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।