World Immunization Day: पानीपत में स्वास्थ्य विभाग का दावा, टीकाकरण 90 प्रतिशत, फिर भी 182 बच्चों की मौत
डब्ल्यूएचओ टीकाकरण की प्लानिंग करता है। यूनिसेफ आर्थिक मदद प्रदान करता है। हरियाणा में करीब 90 फीसद बच्चों का ही टीकाकरण होता है। रूटीन टीकाकरण में पिछड़ने का कारण अभिभावकों की लापरपाहीविभागीय टीमों का आउट रिच तक नहीं पहुंचना और संबंधित विभागों की सुस्ती को माना जाता रहा है।

पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत स्वास्थ्य विभाग शून्य से पांच वर्ष और 10 से 16 वर्ष की आयु के 90 प्रतिशत बच्चों-किशोरों का टीकाकरण करने का दावा करता है। इसके बावजूद शून्य से पांच साल के बच्चों की विभिन्न कारणों से मौत होती रही है।मौजूदा वर्ष में 182 बच्चे (अक्टूबर तक) दम तोड़ चुके हैं। वर्ष 2020 में 425 बच्चों की मौत हुई थी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) टीकाकरण की प्लानिंग करता है। यूनिसेफ आर्थिक मदद प्रदान करता है। हरियाणा में करीब 90 फीसद बच्चों का ही टीकाकरण होता है। रूटीन टीकाकरण में पिछड़ने का कारण अभिभावकों की लापरपाही,विभागीय टीमों का आउट रिच तक नहीं पहुंचना और संबंधित विभागों की सुस्ती को माना जाता रहा है। हालांकि, हेल्थ मैनेजमेंट इंफोर्मेशन सिस्टम (एचआइएमएस) पानीपत की रिपोर्ट शत-प्रतिशत टीकाकरण का दावा करती है। नोडल अधिकारी डा.मनीष पासी ने बताया कि शून्य से 16 वर्ष की आयु तक लगने वाले निशुल्क टीके निजी केंद्रों में लगवाए जाएं तो खर्च 40 हजार रुपये से अधिक आएगा।
शिशु मृत्यु दर घटे, इसके लिए केंद्र और हरियाणा सरकार का टीकाकरण पर विशेष फोकस रहता है।अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी केंद्रों में टीका लगवाकर, उन्हें तमाम तरह की बीमारियों से बचाएं। दूसरे राज्यों के परिवारों के आवागमन के कारण कुछ बच्चे टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं।
शून्य से पांच वर्ष के बच्चों की मौत
2018-19 493
2019-20 556
2020-21 425
2021-22 182 (अक्टूबर तक)
टीकाकरण की आयु टीका-वैक्सीन
जन्म के बाद 24 घंटे के भीतर हेपेटाइटिस-बी व ओपीवी (पोलियो खुराक)
जन्म के तुरंत बाद, एक वर्ष तक बीसीजी (टीबी से बचाव)
डेढ़ माह में ओपीवी, पैंटावैलेंट, रोटावायरस, पीसीवी (निमोनिया)
ढाई माह में ओपीवी, पेंटावैलेंट और रोटावायरस का टीका-वैक्सीन
साढ़े तीन माह में ओपीवी, पेंटावैलेंट, रोटावायरस, पीसीवी-13, आइवीपी
नौ माह में एमआर(खसरा), जेई (जापानी बुखार), पीसीवी बूस्टर
16 से 24 माह में डीपीटी बूस्टर, विटामिन-ए, एमआर-जेई, ओपीवी बूस्टर
पांच-छह आयु में डीपीटी बूस्टर-टू
10 से 16 साल आयु टीडी (टेटनेस एंड एडल्ट डिप्थोरिया)
टीका-वैकसीन और लाभ
बीसीजी : टीबी के खतरे को कम करता है।
ओपीवी : यह वैक्सीन पोलियो का खतरा कम करती है।
पैंटावैलेंट : गलघोंटू, काली खांसी, टिटनेस, दिमागी बुखार और पीलिया का खतरा कम।
रोटावायरस : डायरिया, बुखार-उल्टी का खतरा कम करता है।
पीसीवी : निमोनिया, दिमागी बुखार व कान के संक्रमण को कम करता है।
आइपीवी : यह पोलियो रोधी वैक्सीन है।
एमआर : यह टीका मीजल्स (खसरा) और रूबेला (जर्मन खसरा) से बचाता है।
जेई : यह टीका बच्चों को जापानी बुखार से बचाता है।
टीडी : यह बूस्टर टीका है, टिटनेस और गलघोंटू से बचाव करता है।
टीकाकरण लक्ष्य 28053 लक्ष्य प्राप्ति प्रतिशत
बीसीजी 27256 97
ओपीवी-0 22097 79
पेंटा-1 29046 104
ओपीवी-1 29159 104
आइपीवी-1 25097 89
पेंटा-टू 28373 101
ओपीवी-2 28455 101
पेंटा-3 27328 97
ओपीवी-3 27318 97
आइपीवी-2 23712 85
एमआर-1 26460 94
एमआर-2 22274 79
जेई 26377 94
फीसद गेम
97 प्रतिशत को लगा बीसीजी
79 प्रतिशत को लगा ओपीवी
89 प्रतिशत को लगा आइपीवी-1
97 प्रतिशत को लगा पेंटा-3
85 प्रतिशत को लगा आइपीवी-2

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