Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    World Immunization Day: पानीपत में स्वास्थ्य विभाग का दावा, टीकाकरण 90 प्रतिशत, फिर भी 182 बच्चों की मौत

    By Naveen DalalEdited By:
    Updated: Tue, 09 Nov 2021 09:47 PM (IST)

    डब्ल्यूएचओ टीकाकरण की प्लानिंग करता है। यूनिसेफ आर्थिक मदद प्रदान करता है। हरियाणा में करीब 90 फीसद बच्चों का ही टीकाकरण होता है। रूटीन टीकाकरण में पिछड़ने का कारण अभिभावकों की लापरपाहीविभागीय टीमों का आउट रिच तक नहीं पहुंचना और संबंधित विभागों की सुस्ती को माना जाता रहा है।

    Hero Image
    टीकाकरण के बावजूद शून्य से पांच साल के बच्चों की विभिन्न कारणों से मौत।

    पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत स्वास्थ्य विभाग शून्य से पांच वर्ष और 10 से 16 वर्ष की आयु के 90 प्रतिशत बच्चों-किशोरों का टीकाकरण करने का दावा करता है। इसके बावजूद शून्य से पांच साल के बच्चों की विभिन्न कारणों से मौत होती रही है।मौजूदा वर्ष में 182 बच्चे (अक्टूबर तक) दम तोड़ चुके हैं। वर्ष 2020 में 425 बच्चों की मौत हुई थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) टीकाकरण की प्लानिंग करता है। यूनिसेफ आर्थिक मदद प्रदान करता है। हरियाणा में करीब 90 फीसद बच्चों का ही टीकाकरण होता है। रूटीन टीकाकरण में पिछड़ने का कारण अभिभावकों की लापरपाही,विभागीय टीमों का आउट रिच तक नहीं पहुंचना और संबंधित विभागों की सुस्ती को माना जाता रहा है। हालांकि, हेल्थ मैनेजमेंट इंफोर्मेशन सिस्टम (एचआइएमएस) पानीपत की रिपोर्ट शत-प्रतिशत टीकाकरण का दावा करती है। नोडल अधिकारी डा.मनीष पासी ने बताया कि शून्य से 16 वर्ष की आयु तक लगने वाले निशुल्क टीके निजी केंद्रों में लगवाए जाएं तो खर्च 40 हजार रुपये से अधिक आएगा।

    शिशु मृत्यु दर घटे, इसके लिए केंद्र और हरियाणा सरकार का टीकाकरण पर विशेष फोकस रहता है।अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी केंद्रों में टीका लगवाकर, उन्हें तमाम तरह की बीमारियों से बचाएं। दूसरे राज्यों के परिवारों के आवागमन के कारण कुछ बच्चे टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं।

    शून्य से पांच वर्ष के बच्चों की मौत

    2018-19 493

    2019-20 556

    2020-21 425

    2021-22 182 (अक्टूबर तक)

    टीकाकरण की आयु टीका-वैक्सीन

    जन्म के बाद 24 घंटे के भीतर हेपेटाइटिस-बी व ओपीवी (पोलियो खुराक)

    जन्म के तुरंत बाद, एक वर्ष तक बीसीजी (टीबी से बचाव)

    डेढ़ माह में ओपीवी, पैंटावैलेंट, रोटावायरस, पीसीवी (निमोनिया)

    ढाई माह में ओपीवी, पेंटावैलेंट और रोटावायरस का टीका-वैक्सीन

    साढ़े तीन माह में ओपीवी, पेंटावैलेंट, रोटावायरस, पीसीवी-13, आइवीपी

    नौ माह में एमआर(खसरा), जेई (जापानी बुखार), पीसीवी बूस्टर

    16 से 24 माह में डीपीटी बूस्टर, विटामिन-ए, एमआर-जेई, ओपीवी बूस्टर

    पांच-छह आयु में डीपीटी बूस्टर-टू

    10 से 16 साल आयु टीडी (टेटनेस एंड एडल्ट डिप्थोरिया)

    टीका-वैकसीन और लाभ

    बीसीजी : टीबी के खतरे को कम करता है।

    ओपीवी : यह वैक्सीन पोलियो का खतरा कम करती है।

    पैंटावैलेंट : गलघोंटू, काली खांसी, टिटनेस, दिमागी बुखार और पीलिया का खतरा कम।

    रोटावायरस : डायरिया, बुखार-उल्टी का खतरा कम करता है।

    पीसीवी : निमोनिया, दिमागी बुखार व कान के संक्रमण को कम करता है।

    आइपीवी : यह पोलियो रोधी वैक्सीन है।

    एमआर : यह टीका मीजल्स (खसरा) और रूबेला (जर्मन खसरा) से बचाता है।

    जेई : यह टीका बच्चों को जापानी बुखार से बचाता है।

    टीडी : यह बूस्टर टीका है, टिटनेस और गलघोंटू से बचाव करता है।

    टीकाकरण लक्ष्य 28053 लक्ष्य प्राप्ति प्रतिशत

    बीसीजी 27256 97

    ओपीवी-0 22097 79

    पेंटा-1 29046 104

    ओपीवी-1 29159 104

    आइपीवी-1 25097 89

    पेंटा-टू 28373 101

    ओपीवी-2 28455 101

    पेंटा-3 27328 97

    ओपीवी-3 27318 97

    आइपीवी-2 23712 85

    एमआर-1 26460 94

    एमआर-2 22274 79

    जेई 26377 94

    फीसद गेम

    97 प्रतिशत को लगा बीसीजी

    79 प्रतिशत को लगा ओपीवी

    89 प्रतिशत को लगा आइपीवी-1

    97 प्रतिशत को लगा पेंटा-3

    85 प्रतिशत को लगा आइपीवी-2