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    World Hypertension Day: साइलेंट किलर है हाई बीपी, जानिए क्‍या हैं इसके लक्षण और कारण, इन आसान तरीकों से करें बचाव

    By Anurag ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 16 May 2022 08:40 AM (IST)

    17 मई को उच्च रक्तचाप दिवस। अगर आप भी हाई ब्‍लड प्रेशर से परेशान हैं तो ये खबर आपके काम की है। तीस मिनट की सैर बचाएगी उच्च रक्तचाप से। खानपान का रखें ख्याल तो उच्च रक्तचाप की समस्या काफी हद तक मिल सकेगी राहत।

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    हाइपरटेंशन के मरीज इन तरीकों को अपनाकर बीमारी से निजात पाएं।

    कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। रोजाना तीस मिनट की सैर आपको उच्च रक्तचाप से बचा सकती है। खासकर पूरा दिन एसी में एक ही जगह बैठकर काम करने वाले युवाओं को सजग होने की ज्यादा जरूरत है। इसके साथ ही खानपान का भी ख्याल रखना होगा। अच्छी जीवनशैली को अपनाकर इस साइलेंट किलर की चपेट में आने से अपने आपको बचाया जा सकता है। चिकित्सकों के मुताबिक 70 प्रतिशत मरीजों में उच्च रक्तचाप की बीमारी के लक्षण नहीं होते। इसलिए 40 वर्ष से ऊपर होते ही लोग अपनी जांच जरूर करवाएं।

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    सामान्य व्यक्ति भी नियमित रूप से जांच करवाएं : डा. गौरव

    एलएनजेपी अस्पताल के डा. गौरव ने बताया कि एक सामान्य व्यक्ति को भी नियमित रूप से अपनी जांच करानी चाहिए, क्योंकि यह साइलेंट किलर है। ऐसा देखा गया है कि 70 प्रतिशत लोगों को इसके होने की खबर ही नहीं होती। उच्च रक्तचाप मोटापा, अधिक वजन, धूम्रपान, अधिक नमक का प्रयोग, ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन, उच्च रक्तचाप का पारिवारिक इतिहास, तनाव के कारण होता है। इससे बचने के लिए धूम्रपान, शराब का सेवन न करें।

    वजन उच्च रक्तचाप और मधुमेह के बड़े कारण : डा. कृष्ण

    एलएनजेपी अस्पताल के फिजिशियन डा. कृष्ण कुमार ने बताया कि वजन बढ़ने से उच्च रक्तचाप और मधुमेह की समस्या घेरने लगती है। अगर कोई व्यक्ति उच्च रक्तचाप की चपेट में आ रहा है और वह मोटा है तो उसे सबसे पहले अपना वजन कम करना चाहिए। इसके अलावा नमक का प्रयोग कम करने से मरीज को 10 से 15 प्रतिशत वैसे ही आराम आ जाता है। इसलिए आम लोगों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वजन को बढ़ने न दें। साथ ही नियमित रूप से तीस मिनट व्यायाम करें।

    इसे समझें : उच्च रक्तचाप एक ऐसी स्थिति है जहां धमनी दीवार के खिलाफ खून की शक्ति अत्यधिक ऊंची होती है, जिससे हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। रक्तचाप आमतौर पर रक्त के स्तर से निर्धारित होता है जो दिल को पंप करता है। यदि धमनियां संकीर्ण हैं और दिल अत्याधिक मात्रा में रक्त पंप करता है, तो दबाव अधिक हो जाता है। हाइपरटेंशन बिना किसी स्पष्ट लक्षण के कई सालों तक विकसित हो सकता है। उच्च रक्तचाप स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसी जटिलताओं को जन्म दे सकता है, जिसमें समय पर इलाज नहीं होने पर मृत्यु हो सकती है।