कौन हैं धर्म सिंह छौक्कर? जिन्हें ED ने किया गिरफ्तार, पुलिस की नौकरी छोड़ राजनीति में आए थे; भाई की मौत के बाद बने MLA
समालखा के पूर्व विधायक धर्म सिंह छौक्कर जो ईडी द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद चर्चा में हैं पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए थे। भाई की मौत के बाद सहानुभूति मिलने से वे विधायक बने। राजनीति में पैर जमाने के बाद उन्होंने रियल एस्टेट में कदम रखा। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाने वाले छौक्कर ने दो बार चुनाव जीता।

जागरण संवाददाता, पानीपत। प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) द्वारा दिल्ली के पांच सितारा होटल शांग्रीला से हिरासत में लेने के बाद फिर चर्चा में आए समालखा के पूर्व विधायक धर्म सिंह छौक्कर पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए थे। इनके भाई इंदर सिंह पहले से राजनीति में सक्रिय थे।
भाई की मौत के बाद मिली सहानूभूति से विधायक चुने गए। राजनीति में पैर जमने लगे तो रियल इस्टेट में कदम बढ़ाए। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाने वाले धर्म सिंह ने चार चुनाव लड़े। इनमें से दो चुनाव जीते और दो हारे। छौक्कर को समालखा क्षेत्र में कांग्रेस का चेहरा भी कहा जाता है।
ऐसे जमाए राजनीति में पैर
विधायक के भाई इंदर सिंह छौक्कर भी पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए थे। इनेलो के कार्यकर्ता थे। 2004 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने पंचायती उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए थे। इंदर सिंह की राजनीति में अपनी खास छवि थी।
इनेलो से मोह छूटा तो पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के संपर्क में आए और हजकां में शामिल हुए । वर्ष 2007 में भाई इंदर सिंह की मौत हो गई तो धर्म सिंह छौक्कर भी पुलिस की नौकरी छोड़कर वर्ष 2008 में राजनीति में गए थे। भाई मौत के बाद मिली सहानुभूति की लहर में पहली बार 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) के टिकट पर विधायक बने।
माने जाते हैं हुड्डा के करीबी
जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए। 2014 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। छौक्कर दूसरी बार 2019 में समालखा से कांग्रेस टिकट पर विधायक बने थे। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी होने से उन्होंने हलके में पांच साल में अपनी राजनीतिक जमीन तैयार कर ली। बताया जाता है कि हुड्डा राज में छौक्कर का कोई काम नहीं रुका।
वर्ष 2024 में कांग्रेस के टिकट पर फिर समालखा से चुनाव लड़ा। भाजपा ने मनमोहन भड़ाना को उतारा था। भड़ाना ने छौक्कर को लगभग 19 हजार मतों से हरा दिया था। चुनाव हारने के बाद से ही क्षेत्र में छौक्कर की गिरफ्तारी की चर्चा शुरू हो गई थी। प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) उन पर पहले से शिकंजा कसे हुए थी।
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