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    मौसम: बारिश और ठंड बढ़ने से प्रदूषण से मिली राहत, आने वाले दिनों में मौसम लेगा करवट, पढ़ें खबर

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Tue, 28 Dec 2021 12:24 PM (IST)

    बीते दिनों हुई बारिश के कारण हरियाणा में प्रदूषण से राहत मिली है। पानीपत में बारिश से पहले जहां एक्यूआई 400 के पार था वहीं बारिश आने के बाद वह 160 पर आ गया है। आने वाले दिनों में मौसम किस ओर करवट लेगा इस रिपोर्ट में पढ़ें...

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    हरियाणा में बारिश होने से प्रदूषण से मिली राहत।

    पानीपत, जागरण संवाददाता। एक दिन पहले 400 से ऊपर पहुंचे वायु प्रदूषण से बीती रात हुई बारिश ने राहत दिलाई। दो एमएम बारिश ने प्रदूषण को धो डाला। सोमवार को वायु गुणवत्ता स्तर 160 अंक दर्ज किया गया। वायु गुणवत्ता स्तर बिगड़ने से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने सोमवार को औद्योगिक सेक्टर 29 में उद्योगों की जांच की।

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    बारिश के बाद सोमवार को मौसम साफ रहा। सुबह से ही धूप खिली। हालांकि अधिकतम तापमान में दो अंकों की गिरावट रही। न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार पानीपत में दो एमएम, मतलौडा में 6 एमएम और बापौली तहसील में एक एमएम बारिश दर्ज की गई। बारिश के बाद ठिठुरन बढ़ गई। पिछले तीन चार दिनों से सुबह शाम धुंध पड़ रही थी उससे भी राहत मिली। दो एमएम बारिश से ही शहर में जगह-जगह पानी भर गया। मौसम विभाग के अनुसार पहाड़ों पर बर्फबारी का मैदानी इलाकों में असर है। 29 दिसंबर के बाद मौसम साफ होगा। इसके साथ ही तेजी से तापमान में गिरावट दर्ज होगी। ठंडक में इजाफा होगा।

    वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में सीपीसीबी ने किया दौरा

    केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने सोमवार को औद्योगिक सेक्टर 29-25 में दौरा कर उद्योगों का निरीक्षण किया। हालांकि निरीक्षण के दौरान क्या मिला की जानकारी सीपीसीबी ने अधिकारियों ने सार्वजनिक नहीं की। वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच जाने के कारण बोर्ड की टीम ने पानीपत में उद्योगों की जांच की।

    एनएमसीजी की टीम देर शाम पहुंची

    एनएमसीजी नेशनल मिशन फोर क्लीन गंगा की टीम देर शाम को पानीपत पहुंची। टीम ने ड्रेन नंबर एक दो के सैंपल लिए। पानीपत में ड्रेन का पानी सीधे यमुना में डाला जाता है। यमुना में साफ पानी जाए इसी प्रोजेक्ट को लेकर एनएमसीजी की टीम पानीपत पहुंची। सीवर का पानी एसटीपी में साफ करने के बाद ड्रेन में छोड़ दिया जाता है। सीवर का पानी ड्रेन में भी डाला जा रहा है।