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मौसम ने ली करवट, हरियाणा के कई जिलों में बूंदाबांदी, किसान परेशान

हरियाणा में मौसम के करवट बदलने से गेहूं कटाई और तूड़ी (सूखा चारा) बनाने का काम प्रभावित हो रहा है। कई जगहों पर दोपहर तक बंद रहे तूड़ी बनाने वाले रीपर और कंबाइन। गेहूं कटाई का 95 फीसद काम पूरा।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 02:33 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 02:33 PM (IST)
मौसम ने ली करवट, हरियाणा के कई जिलों में बूंदाबांदी, किसान परेशान
एक बार फिर से मौसम ने करवट ली।

कुरुक्षेत्र, जेएनएन। गेहूं कटाई के सीजन में दूसरी बार मौसम के करवट लेने से गेहूं कटाई और तूड़ी बनाने का काम प्रभावित हो गया है। एक दिन पहले ही आसमान में बादल छाने और कहीं-कहीं हल्की बूंदा-बांदी से गेहूं की नली ने नमी पकड़ ली है। नली के नमी पकड़ने पर गेहूं की कटाई और तूड़ी बनाने का काम प्रभावित हो गया है। किसानों को उम्मीद है कि सुबह अच्छी धूप खिलने से दोपहर बाद काम काम शुरू हो सकता है।

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मौसम के करवट लेने से तापमान में भी चार से पांच डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार को न्यूनतम तापमान 17 डिग्री तक पहुंच गया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दिन में अधिकतम तापमान भी 31 डिग्री तक रहने का अनुमान है।

गेहूं कटाई का 95 फीसद काम पूरा

जिला भर में एक लाख 18 हजार हेक्टेयर में खड़ी गेहूं मेें से 95 फीसद से अधिक क्षेत्र से कटाई का काम पूरा हो चुका है। इन दिनों गेहूं कटाई के बाद खेत में बचे फसली अवशेषों से पशुओं के लिए तूड़ी बनाने का काम तेजी से चल रहा है। किसान जल्द से जल्द अपने काम को निपटाने के प्रयास में दिन रात एक किए हुए हैं। लेकिन मंगलवार को मौसम के करवट लेने पर दिन भर आसमान में बादल छाए रहे। कई जगहों पर हल्की बूंदाबांदी भी हुई। इस बूंदाबांदी से तापमान में गिरावट आने और नमी बढ़ने पर तूड़ी बनाने का काम भी प्रभावित हुआ है। किसान महावीर सिंह ने बताया कि बुधवार को मौसम साफ रहने और अच्छी धूप खिलने पर दोपहर बाद खेत में काम काज शुरू हो सकता है। इन दिनों में अधिक बारिश से किसान का नुकसान हो सकता है।

मंडियों में पहुंचा 60 लाख क्विंटल गेहूं

जिला भर की अनाज मंडियों और खरीद केंद्रों पर 60 लाख क्विंटल के करीब गेहूं की आवक हुई है। इसमें से अभी तक 51 लाख क्विंटल की खरीद का काम पूरा कर लिया गया है, जबकि 28 लाख क्विंटल गेहूं का उठान हुआ है। अभी भी अनाज मंडियों और खरीद केंद्रों में 30 लाख क्विंटल से अधिक गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा है।

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