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    मारकंडा नदी में आया उफान, सड़कों पर पहुंचा पानी, बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी, ग्रामीणों में दहशत

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Sun, 10 Jul 2022 06:25 PM (IST)

    कुरुक्षेत्र में बारिश होने के साथ ही मारकंडा नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। नदी में दस हजार क्यूसिक पानी पहुंचने पर गांव कठवा के सड़कों तक मारकंडा का पानी पहुंच गया है। प्रशासन ने बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है।

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    कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी का जलस्तर बढ़ा।

    पानीपत/शाहाबद(कुरुक्षेत्र), संवाद सहयोगी। मौसम के करवट लेने पर शनिवार को हुई वर्षा के बाद रविवार की अलसुबह शाहाबाद की मारकंडा नदी में उफान आ गया। नदी में दस हजार क्यूसिक पानी पहुंचने पर गांव कठवा के सड़कों तक मारकंडा का पानी पहुंच गया है। नदी में इतना पानी आने के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया। हालात को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से पटवारियों व ग्राम सचिवों को स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।

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    सुरक्षा के दृष्टि गत नदी के साथ लगते गांवों में मुनादी करवाई गई है और गांववासियों से अलर्ट रहने की हिदायत दी गई है। इसके साथ ही बच्चों को नदी के आस-पास न जाने देने के निर्देश जारी किए गए हैं। गेज रीडर रविंद्र कुमार ने बताया कि शनिवार देर रात नदी में पानी आना शुरू हुआ और रविवार को सुबह नौ बजे तक नदी का स्तर 10 हजार क्यूसिक तक आंका गया है। उन्होंने बताया कि पहाड़ों पर वर्षा जारी है और मारकंडा नदी में पानी और बढ़ सकता है। पानी मात्रा बढ़ने पर आस-पास के गांवों में पानी घुस सकता है।

    बारिश शुरू होने से बढ़ जाता है जलस्तर

    उल्लेखनीय है कि पानी का स्तर 10 हजार क्यूसिक से अधिक होने पर नदी के साथ लगते बाजीगर कालोनी, अरुप नगर, गुमटी, दयाल नगर, मुगलमाजरा, मदनपुर व मोहनपुर आदि गांवों के अलावा अनेक डेरे भी बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। गर्मी के कहर के कारण मारकंडा नदी की गोद अभी तक जल से सूनी पड़ी थी और नदी की रेत आग से भी ज्यादा तप रही थी। लोगों का मानना है कि हर वर्ष जून माह के आखिरी तथा जुलाई माह के शुरुआती दिनों में वर्षा शुरू होने के बाद मारकंडा नदी में जलधारा बह उठती है।

    किसान ऋषि मारकंडेश्वर मंदिर और मारकंडेय नदी में चढ़ाते हैं प्रसाद

    इंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए शाहाबाद और इसके साथ लगते सैंकड़ों गांवों के किसान इंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए इन दिनों ऋषि मारकंडेश्वर मंदिर और मारकंडेय नदी में प्रसाद चढ़ाते हैं। लोग ऐसा भी कहते हैं कि मारकंडा नदी के आस-पास स्थित खेतों के किसान नदी में पानी आने पर अपनी इच्छानुसार सोने का घोड़ा भी भेंट करते हैं ताकि नदी के पानी से उनकी फसलों का नुकसान न हो। ऐसा विश्वास भी है कि मारकंडा नदी के जल में नहाने से लोगों के शारीरिक कष्ट दूर होते हैं। हिमाचल प्रदेश में कालाआंब की पहाड़ियों से बहती हुए मारकंडा नदी शाहाबाद पहुंचती है और आगे गुहला-चीका के निकट घग्गर नदी में मिल जाती है।

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