नकल माफिया में 12वीं से लेकर बीटेक पास, फिर हरियाणा के इस शहर का नाम बदनाम
पानीपत ग्राम सचिव परीक्षा पेपर लीक मामले में पुलिस के हाथ बढ़ी सफलता लगी है। नकल माफिया में 12वीं से लेकर बीटैक पास शामिल थे। वहीं एक बार फिर इस नकल माफिया गिरोह में रोहतक शहर का नाम बदनाम हुआ।
पानीपत, जेएनएन। ग्राम सचिव की परीक्षा में नकल करने और कराने की साजिश में 12वीं पास से लेकर बीटेक इंजीनियर और सब इंस्पेक्टर तक शामिल थे। स्कूल संचालक ही मिले हुए थे। पुलिस को आशंका है कि इन 14 आरोपितों के अलावा और भी लोग इस रैकेट से जुड़े हो सकते हैं। पूछताछ में सामने आया है कि कुछ आरोपित डेढ़-दो वर्ष से इसी तरह का काम कर रहे थे। आशंका है कि कहीं पहले तो कोई पेपर लीक नहीं किया।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस पूरे रैकेट में स्कूल संचालक जगदीप के साथ रोहतक निवासी शिक्षक पुष्पेंद्र भी मास्टरमाइंड था। उसने करनाल में सुबह की शिफ्ट में पेपर भी दिया था। उसके पास बहादुरगढ़ के एक युवक ने दूसरी शिफ्ट का पेपर पहुंचा दिया था। इससे पहले वो इस पेपर की आंसर की बनाकर करनाल और पानीपत के स्कूल तक पहुंचाता, पुलिस ने उसे धर लिया। उसने अपने भाई दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर विश्वजीत को भी प्रश्नपत्र साल्व करने के लिए बुलाया था। वो भी पकड़ा गया। इस गिरोह मेें उसका फुफेरा भाई अनुज भी शामिल है। अनुज परीक्षार्थी था।
स्कूल संचालक ने खींच लिया था फोटो
जगदीप ने अपने मोबाइल फोन में फोटो खींच लिया था। इस फोन को उसने स्कूल में नियुक्त किए चतुर्थ श्रेणी के कर्मी राजेश को सौंप दिया। राजेश ये फोन राहुल के पास ले जा रहा था। पुलिस ने राहुल और राजेश, दोनों को पकड़ लिया। राहुल ने बताया कि रोहतक और करनाल में भी साल्वर हैं। इसी के बाद सीआइए और सीआइए 2 ने रोहतक और करनाल में दबिश दी। रोहतक में कोई नहीं मिला। इधर करनाल में आठ आरोपित पकड़े गए।
पानीपत की तरह करनाल में भी थी सेटिंग
पुलिस को आशंका है कि पानीपत की तरह करनाल में भी सेंटर के अंदर इनकी सेङ्क्षटग थी। पानीपत में सेंटर संचालकों सहित दो बाहरी लोगों को पकड़ा गया है। इसी तरह करनाल में दो युवकों ने पर्ची अंदर पहुंचानी थी। पकड़े गए आरोपितों से इनका राज खुल सकता है।
केंद्र के अंदर कैसे पहुंचे प्रतिबंधित सामान
पुलिस की मौजूदगी में चेकिंग के बावजूद प्रतिबंधित सामान का अंदर पहुंचना एक बड़ा सवाल है। फिलहाल पुलिस ने पैराडाइज स्कूल केंद्र पर लगे सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर को अपने कब्जे में ले लिया है।
ये हैं आरोपित और इनकी शिक्षा
1. गढ़ी केसरी गन्नौर, सोनीपत का राहुल, बीएससी पास
2.गढ़ीकेवल समालखा का जगदीप, 12वीं पास
3.गढ़ीकेवल समालखा का अनुज, बीए पास
4. सिवाह का राजेश, 12वीं पास
5. सांपला रोहतक का पुष्पेंद्र, बीए कर रहा है
6.मायना करौंथा का अनुज, बीए पास
7. बलियाणा रोहतक का संजीव, 12वीं पास
8. बलियाणा रोहतक का अमन, बीएससी पास
9. सांपला रोहतक का विश्वजीत, दिल्ली पुलिस में प्रोबेशन सब इंस्पेक्टर, बीए पास
10. सुनील उर्फ सीलू पुत्र साहब वासी बलियाणा जिला रोहतक
11. बलियाणा रोहतक का अंकित, 12वीं पास
12. गन्नौर, सोनीपत का देवेंद्र, बीबीए पास
13. किशनपुरा पानीपत का वैभव, बीटेक पास
14. सांपला रोहतक का दीपक, बीए पास, प्राइवेट नौकरी कर रहा है
एक घंटे पहले पहुंचता है प्रश्न पत्र
नोडल अधिकारी के अनुसार परीक्षा प्रारंभ होने से करीब एक घंटे पहले सभी केंद्रों पर सील बंद प्रश्नपत्र पैकेट पहुंचा दिए जाते हैं। परीक्षा शुरू होने से पहले केंद्र अधीक्षक द्वारा उसे खोला और परीक्षार्थियों को बांटा जाता है। परीक्षा उपरांत उसी के द्वारा कलेक्शन कर सील किया जाता है। पर्यवेक्षक की भी हर केंद्र पर ड्यूटी होती है।
तीन जिलों के आरोपित, पहले से थी तैयारी
ग्राम सचिव पेपर लीक मामले में इतने आरोपितों का एक साथ पकड़ा जाना इस बात को साबित करता है कि इसकी तैयारी पहले से चल रही थी। इसमें पानीपत, सोनीपत और रोहतक तीन जिलों के लोग शामिल हैं। एक ही गांव के परीक्षार्थी और साल्वर भी पकड़े गए हैं। पुलिस के अनुसार, स्कूल संचालक की 10 लाख रुपये में डील हुई थी। परीक्षा पूर्व पांच और रिजल्ट के बाद पांच लाख देना था। साल्वर को एडवांस में भी 10-10 हजार रुपये देने की बात कही जा रही है, लेकिन पुलिस ने किसी से कोई बरामदगी नहीं की है। यह भी चर्चा है की परीक्षा के पहले दिन ही स्कूल स्टाफ के संदिग्ध आचरण से बात फैल गई थी। किसी ने इसकी सूचना पुलिस को बाद में दे दी।
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