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    ग्रामीणों के हुनर को मिलेगी पहचान, कौशल विकास योजना के तहत हरियाणा के इन गांवों में खुलेंगे प्रशिक्षण केंद्र

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Fri, 22 Jul 2022 04:34 PM (IST)

    हरियाणा में ग्रामीणों के हुनर को अब नई पहचान मिलेगी। ग्रामीणों को उनके हुनर के मुताबिक कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से गोद लिए गए 6 गांवों में ये प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे।

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    हरियाणा के गांवों में खोले जाएंगे प्रशिक्षण केंद्र।

    कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने अपने गोद लिए छह गांवों में कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण केंद्र खोलने का फैसला लिया है। इन प्रशिक्षण केंद्रों पर तैनात इंस्ट्रक्टर ग्रामीणों के हुनर की पहचान करेंगे और उनकी रुचि के हिसाब से उनके हुनर काे तराशने का काम करेंगे।

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    इन केंद्रों में प्रशिक्षण लेकर यही ग्रामीण अपने पांव पर खड़े होंगे और अन्य ग्रामीणों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनेंगे। इससे पहले भी कुवि की ओर से एक गांव में महिलाओं के लिए निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण केंद्र चलाया जा रहा है। इसके परिणाम सकारात्मक रहे हैं।


    इन गांवों को लिया गया गोद

    गौरतलब है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से गांव मिर्जापुर, नरकातारी, दयालपुर, बारना, किरमिच व पबनावा को गोद लिया गया है। कुवि की ओर से इन गोद लिए गांवों में समय-समय पर जागरूकता शिविर लगाए जाते हैं। इन शिविरों में ग्रामीणों को सामाजिक बुराइयों को लेकर जागरूक किया जाता है। इसके साथ ही विद्यार्थी भी ग्रामीणों के साथ मिलकर उनसे कई तरह के अनुभव ग्रहण करते हैं।

    नई शिक्षा नीति में भी कौशल विकास पर भी दिया गया है जोर

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी कौशल विकास पर जोर दिया गया है। इस नीति के तहत किताबी पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों को कुशल बनाने के लिए कई फैसले लिए गए हैं। इनमें विद्यार्थी की रुचि को ध्यान में रखते हुए पढ़ाई के साथ-साथ इंटर्नशिप भी करवाई जा रही है। इंटर्नशिप से एक विद्यार्थी अपनी पढ़ाई पूरी होने तक किसी भी उद्योग के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है। अब कुवि ने विद्यार्थियों के साथ-साथ ग्रामीणों को भी कुशल बनाने की योजना तैयार कर ली है।

    समाज को नई दिशा दे सकते हैं शिक्षण संस्थान

    कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि शिक्षण संस्थान युवा पीढ़ी के साथ-साथ ग्रामीणों को भी कुशल बनाकर समाज को नई दिशा दे सकते हैं। इससे शिक्षण संस्थानों का सामाजिक दायित्व भी पूरा होता है। कुवि ने अपने गोद लिए छह गांवों में कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण केंद्र खोलने का फैसला लिया है। इसके लिए तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इन सभी केंद्रों में इंस्ट्रक्टर तैनात किए जाएंगे जो ग्रामीणों को कुशल बनाएंगे।