रेल टिकट का यह नियम जाना जरूरी, टिकट कैंसलेशन पर लग रहा 5 प्रतिशत GST चार्ज
रेल टिकट कैंसलेशन चार्ज पर पांच प्रतिशत जीएसटी चार्ज लग रहा है। रेल टिकट बुक करवाते समय अपर क्लास में पांच प्रतिशत जीएसटी भी वसूल करता है रेलवे। हाल ही में वित्त मंत्रालय के जारी सर्कुलर के बाद रेलवे को भी देनी पड़ी सफाई नहीं हुआ नियमों में बदलाव।

अंबाला, [दीपक बहल]। रेलवे में टिकट बुक करवाते समय और रद करते समय दोनों स्थितियों में पांच प्रतिशत गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) देना पड़ रहा है। हालांकि टिकट रद करवाते समय कैंसलेशन चार्ज पर ही पांच प्रतिशत जीएसटी लिया जाता है। हाल ही में वित्त मंत्रालय के एक सर्कुलर में टिकट रद करवाने पर पांच प्रतिशत जीएसटी का जिक्र किया गया, जिसको लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई।
भारतीय रेल में यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों को लगा कि अब टिकट रद करवाते समय पांच प्रतिशत जीएसटी और देना होगा। हालांकि बाद में रेल मंत्रालय ने सफाई दी और स्थिति स्पष्ट की कि कैंसलेशन चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया। इस विरोधाभास में यात्रियों को यह पता लग गया कि वह कैंसलेशन चार्ज पर भी जीएसटी दे रहे हैं।
रोजाना 14 लाख टिकट बुक
रेलवे में रोजाना करीब चौदह लाख टिकट बुक होती हैं। तीन सितंबर 2022 को जारी वित्त मंत्रालय के एक सर्कुलर में टिकट कैंसलेशन में पांच प्रतिशत जीएसटी का जिक्र किया गया, जिसको लेकर यह समझा गया कि अब टिकट रद करवाने पर भी पांच प्रतिशत जीएसटी लिया जाएगा। यह इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया कि अब यात्रियों को अपनी जेबें और हल्की करनी पड़ेंगी।
रेल मंत्रालय तक पहुंचा मामला
मामला जब रेल मंत्रालय तक पहुंचा, तो सफाई दी गई कि रेल टिकट रद होने पर किराया और लिया गया जीएसटी यात्रियों को लौटा दिया जाता है। एसी क्लास वेटिंग टिकट रद करवाने पर प्रत्येक यात्री से 60 रुपये एसी क्लास में चार्ज किए जाते हैं। इस 60 रुपये पर पांच प्रतिशत जीएसटी लिया जाता है, जो टिकट कैंसल करवाने वाले प्रत्येक यात्री से 65 रुपये हो जाता है।
ये नियम है
कैंसलेशन नियम में टिकट बनाकर रद करने पर रेलवे सर्विस देता है, जिसका चार्ज वसूल किया जाता है। यदि टिकट कंफर्म हो तो यह राशि अधिक हो जाती है और घंटों के हिसाब से टिकट कैंसलेशन के नियम बने हुए हैं। सन 2017 से अपर क्लास (एसी क्लास) रेल टिकट पर पांच प्रतिशत जीएसटी लिया जा रहा है। रेलवे की इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म (आइआरसीटीसी) की वेबसाइट से रोजाना करीब 11.50 लाख टिकट बुक हो रही हैं। इसी तरह स्टेशनों पर भी करीब ढाई लाख टिकट बुकिंग हो रही है। इस टिकट पर लिया जाने वाला जीएसटी यात्रियों से लेकर वित्त मंत्रालय के खाते में डाल दिया जाता है।
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