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    हरियाणा रोडवेज को अभी भी माननीयों का ख्याल, बसों में तीन सीटें रिजर्व पर कई साल से नहीं बैठे मंत्री या विधायक

    By Umesh KdhyaniEdited By:
    Updated: Thu, 10 Dec 2020 02:29 PM (IST)

    बसों में माननीयों के लिए 3 4 और 5 नंबर सीट रिजर्व होती हैं। पिछले साल पूर्व विधायक दुर्गादत्त को नहीं मिल पाई थी सीट> दुष्यंत चौटाला ने भी की थी रोहतक से जींद बस यात्रा। 1970 के दशक में रोडवेज बसों में चंडीगढ़ जाते थे विधायक और मंत्री।

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    रोडवेज बसों में चालक के पीछे की दूसरी सीट रिजर्व होती है।

    पानीपत/जींद, जेएनएन। रोडवेज को अभी भी मंत्री, विधायक और पूर्व विधायक का ख्याल है। रोडवेज बसों में चालक के पीछे की दूसरी सीट पर जो सीट नंबर 3, 4, 5 होते हैं, वह सीट माननीयों के लिए आरक्षित होती हैं लेकिन कई साल बीत गए, इन आरक्षित सीटों पर कोई मंत्री या विधायक नहीं बैठा है। हां पूर्व विधायकों ने जरूर एकआध बार रोडवेज बसों में सफर किया है।

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    डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा चुनावों से पहले रोहतक से जींद तक रोडवेज की बस में सफर किया था, लेकिन तब चुनाव थे और माहौल दूसरा था। राजौंद से विधायक रह चुके दुर्गादत्त को नरवाना से चंडीगढ़ की बस में सीट ही नहीं मिल पाई थी। 

    ... ताकि आम जनता से रूबरू हो सकें माननीय

    रोडवेज के वरिष्ठ कर्मचारी बताते हैं कि 1970 के दौर में विधायक और मंत्री रोडवेज बसों में यात्रा करते थे। मंत्री और विधायक बनने के बाद जब भी उन्हें चंडीगढ़ बैठक या दूसरे कार्याें के लिए जाना होता था तो वे रोडवेज बसों में ही जाते थे। इसलिए विधायक या मंत्री के लिए बस में स्पेशल सीट आरक्षित होती थी। इसके पीछे उद्​देश्य यह भी था कि विधायक बसों में सफर करेंगे तो आम जनता से रूबरू होते रहेंगे। यात्रियों के रूप में बसों में बैठने वाले आम लोगों के बीच की चर्चा विधायक तक सीधे ही पहुंचती रहेंगी यानि यात्रियों से सीधे संवाद स्थापित होता रहेगा। इससे जनता की परेशानियों का भी पता चल जाता था।

    पूर्व विधायक दुर्गादत्त को रोडवेज बस में नहीं मिली थी सीट  

    पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में राजौंद से विधायक रह चुके दुर्गादत्त नरवाना से चंडीगढ़ के लिए रोडवेज बस में सवार हुए। बस यात्रियों से भरी थी तो उन्होंने परिचालक दलबीर से उनकी रिजर्व सीट दिलवाने का कहा। रिजर्व सीट नंबर 5 पर महिला बैठी थी तो परिचालक ने स्टाफ सीट पर ही विधायक को बैठाया। कलायत पहुंचने के बाद पांच नंबर सीट खाली हुई तो विधायक को उसकी रिजर्व सीट पर बैठाया गया।


    इन माननीयों ने भी किया लॉरी में सफर

    पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों के दौरान डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला एक बार रोहतक से जींद तक रोडवेज बस में आए थे। पूर्व विधायक धजा राम जब सफीदों से विधायक बने थे तो वह चंडीगढ़ जाने के लिए जींद डिपो की बस का ही सहारा लेते थे। उसके बाद विधायकों और मंत्रियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता गया, अब विधायकों और मंत्रियों को बसों में सफर करने की जरूरत ही नहीं पड़ती। 

    खुद परिवहन मंत्री भी नहीं बैठते बसों में 

    दूसरे मंत्री या विधायकों की बात तो दूर, खुद परिवहन मंत्री भी कभी रोडवेज बस में बैठ हालातों को नहीं देखते। पूर्व परिवहन मंत्री कृष्ण पंवार एक बार औपचारिकता पूरी करने के लिए कुछ दूरी तक बस में चढ़े थे लेकिन वह तभी उतर गए थे। वर्तमान में मूलचंद शर्मा भी रोडवेज बसों में नहीं बैठे हैं। 

    क्या कहते हैं अधिकारी

    जींद डिपो के महाप्रबंधक बिजेंद्र हुड्डा बताते हैं कि फिलहाल सांसद या विधायक द्वारा रोडवेज बसों में यात्राएं नहीं की जा रही, क्योंकि उनके पास खुद के भी वाहन हैं। दिव्यांग, लोकतंत्र सेनानी, वरिष्ठ नागरिकों, मान्यता प्राप्त पत्रकारों द्वारा रोडवेज की बस सुविधा का लाभ जरूर लिया जा रहा है।