दस मिनट का सफर सवा घंटे में, चालीस लाख का ज्यादा तेल भी फूंका..हजारों वाहन फंसे रहे
शहर में बादल ऐसे बरसे कि जल-थल एक हो गए। इस सबके बीच ट्रैफिक व्यवस्था बाढ़ में बह गई। इसका परिणाम पानीपत के हजारों लोगों को भुगतना पड़ा। जो रास्ता महज दस मिनट में तय हो जाता था उसके लिए पूरे सवा घंटे लग गए। पंद्रह-पंद्रह मिनट तक तो वाहन जीटी रोड से सरक ही नहीं सके।

जागरण संवाददाता, पानीपत : शहर में बादल ऐसे बरसे कि जल-थल एक हो गए। इस सबके बीच ट्रैफिक व्यवस्था बाढ़ में बह गई। इसका परिणाम पानीपत के हजारों लोगों को भुगतना पड़ा। जो रास्ता महज दस मिनट में तय हो जाता था, उसके लिए पूरे सवा घंटे लग गए। पंद्रह-पंद्रह मिनट तक तो वाहन जीटी रोड से सरक ही नहीं सके। दैनिक जागरण ने सेक्टर छह से लेकर खादी आश्रम तक हालात देखे। अगर प्रशासन की ओर से वैकल्पिक इंतजाम किए जाते तो कम से कम आम लोग इस तरह जाम में नहीं फंसते। एक तो जाम लगा, दूसरा वाहनों के निकले धुएं से प्रदूषण बढ़ा। दूसरा, तकरीबन 40 लाख पेट्रोल-डीजल अतिरिक्त जला। जागरण में पढि़ए, ये पड़ताल रिपोर्ट। और क्या होना चाहिए समाधान।
जीटी रोड किनारे दो और चार पहिया वाहनों के खड़े होने के कारण कई जगहों पर सड़क 25 फीट, कई जगह 15 से 20 फीट रह जाती है। वहीं 10 से 20 फीट की सर्विस रोड पांच फीट की रह जाती है। बारिश हो जाए तो हर कोई जीटी रोड की तरफ चलना चाहता है, क्योंकि फुटपाथ का पता नहीं चलता। कहीं गाड़ी फंस न जाए, इस डर से रास्ते का इस्तेमाल नहीं होता। सबसे ज्यादा समस्या बस स्टैंड, लालबत्ती और संजय चौक पर आ रही है। जीटी रोड को लेकर ट्रैफिक पुलिस ने जो प्लान बनाए हैं, वो बेअसर साबित हो रहे हैं। इस कारण दिनभर जीटी रोड पर वाहन रेंग-रेंगकर कर चल रहे हैं। एंबुलेंस को भी निकलने में काफी समय लग जाता है। ऐसी बढ़ी दिक्कत
ट्रैफिक पुलिस ने सनौली मोड़, संजय चौक पर पुलिस की गाड़ी लगाकर सनौली रोड मार्ग को बंद कर दिया। इसके बाद जीटी रोड सर्विस लेन पर सभी वाहनों को उतारा गया, लेकिन सर्विस लेन पर पहले ही जलभराव ज्यादा था। इसके कारण बंद पड़े सनौली रोड की तरफ से ज्यादा ट्रैफिक जाम हो गया। इसके बाद जीटी रोड भी पूरी तरह जाम हो गया। जानिए..ऐसे लगा इन मार्गों पर तय समय से ज्यादा समय
- खादी आश्रम से बस स्टैंड 4.9 किमी. का सफर 10 मिनट, जाम के दौरान सवा घंटे में तय हो रहा।
- संजय चौक से माडल टाउन 1.7 किमी. का सफर पांच मिनट, जाम के दौरान एक घंटे में तय हुआ।
- लाल बत्ती चौक से शनि मंदिर असंध रोड 2.5 किमी. का सात मिनट का सफर, जाम के दौरान पौने घंटे में तय हुआ।
- तहसील कैंप से सेक्टर 12 तक 3.50 किमी. का सफर, 16 मिनट का सफर जाम के दौरान डेढ़ घंटे में हुआ पूरा। एक्सपर्ट से जानिये, कैसे जाम का हमें सीधा नुकसान
स्काई लार्क मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैप्पी के अनुसार, अगर एक गाड़ी दस मिनट बिना चले भी स्टार्ट रहे तो कम से कम 15 रुपये का तेल लग जाता है। रुक-रुककर चलने से तो और ज्यादा तेल लगता है। स्काईलार्क से खादी आश्रम तक कम से कम दस हजार गाड़ियां तो फंसी ही थीं। इस तरह देखा जाए तो 11 लाख 25 हजार का तेल अतिरिक्त जला ही। यह तो सुबह भीषण जाम के हालात थे। शाम पांच बजे तक जाम लगा रहा, चालीस लाख से ज्यादा अतिरिक्त तेल लग गया होगा। क्या होना चाहिए समाधान
1- जाम जैसे हालात में पुल के नीचे के रास्ते को खोला जा सकता है। कम से कम बाइकों को यहां निकाल सकते हैं। पुल के नीचे सड़क भी ठीक बनी हुई है। तिरंगा यात्रा के लिए जब कट खोले जा सकते हैं तो जाम जैसे हालात से लोगों को बचाने के पुल के नीचे रास्ता दिया जा सकता है।
2- जीटी रोड पर सिवाह से लेकर टोल तक कोई कट नहीं है। मलिक पेट्रोल पंप, खादी आश्रम, बरसत रोड और सेक्टर छह के नजदीक कट खोले जा सकते हैं। डीसी ने कहा, एनएचएआइ से बात हुई है
डीसी सुशील सारवान से दैनिक जागरण ने जब बात की तो उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर से चर्चा हुई है। उनसे कहा है कि पानीपत में जीटी रोड पर कट खोलने के लिए जो अड़चन हैं, उन्हें दूर किया जाए। करनाल की तरह पानीपत में कट खुल सकते हैं। जहां तक पुल के नीचे रास्ता देने की बात है, इस संबंध में बैठक करके फैसला लिया जा सकता है।
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