हरियाणा में अब होगी अध्यापकों की पढ़ाई, 34 हजार को दी जाएगी ट्रेनिंग
हरियाणा के करीब 34 हजार प्राथमिक अध्यापकों को एफएलएन की ट्रेनिंग दी जाएगी। पहले अध्यापकों को सिखाया जाएगा और उसके बाद अध्यापक बच्चों को सिखाएंगे ज्ञान। कैथल में करीब 1860 प्राथमिक अध्यापक हैं। इन्हें सिखाने के लिए 22 ट्रेनर नियुक्त किए गए हैं।

कैथल, जागरण संवाददाता। पहली से पांचवीं तक के बच्चों का ज्ञान बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है। इसके लिए विभाग की तरफ से एफएलएन यानी बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान योजना बनाई है। पूरे प्रदेश में करीब 34 हजार प्राथमिक शिक्षक हैं और करीब साढ़े आठ हजार प्राथमिक विद्यालय हैं।
प्रदेश के सभी जिलों में एफएलएन के तहत शिक्षकों को पांच-पांच दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग देने के लिए रिसोर्स पर्सन ट्रेनर नियुक्त किए गए हैं। कुछ जिलों में ट्रेनिंग का कार्य शुरू हो चुका है। कैथल में बुधवार से ट्रेनिंग शुरू की जाएगी।
22 ट्रेनर नियुक्त किए गए हैं
जिले भर में करीब 1860 प्राथमिक अध्यापक हैं। इन्हें सिखाने के लिए 22 ट्रेनर नियुक्त किए गए हैं। एक दिन में चार बैच लगाए जाएंगे और एक बैच में 40 अध्यापकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। पांच दिनों तक एक बैच को ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग लेने के बाद अध्यापक पहली से पांचवीं तक के बच्चों को एफएलएन के तहत जानकारी देंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि बच्चों के ज्ञान में वृद्धि की जा सके और उन्हें हर विषय आसानी से समझ आ सके।
क्या है एफएलएन
एफएलएन को दो भागों में बांटा गया है। पहला मूलभूत भाषाई ज्ञान और दूसरा मूलभूत संख्या ज्ञान। इसमें बच्चों की समझ के साथ पढ़ने और बुनियादी गणितीय संक्रियाओं को करने की क्षमता के बारे में बताया जाएगा। प्राथमिक कक्षाओं के लिए भाषा के मुख्य क्षेत्र और योग्यताएं मौखिक भाषा विकास, ध्वनि जागरूकता, पढ़कर समझना, लेखन और डिकोडिंग जरूरी है। इसी प्रकार संख्या ज्ञान के लिए संख्याओं की पहचान, स्थानीय मान की समझ, तीन अंकों के जोड़, घटाव, आकार और पैटर्न की समझ, लंबाई, ऊंचाई और वजन की अवधारणाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी।
बुधवार से शुरू की जा रही है एफएलएन की ट्रेनिंग
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी शमशेर सिंह सिरोही ने बताया कि बुधवार से एफएलएन की ट्रेनिंग शुरू की जा रही है। पहले चरण में चार बैच शुरू किए जाएंगे और एक बैच में 40 अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहली से पांचवीं तक बच्चों का ज्ञान बढ़ाने के लिए यह योजना चलाई जा रही है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।