Teacher Day: सरकारी स्कूलों के बच्चों में अफसर बनने के सपने संजो रहे IAS-IPS दंपती
डा. आनंद शर्मा कहते हैं कि गांवों के स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के पास करियर संबंधी जानकारियों की कमी होती है। इसीलिए उन्होंने मेरा भविष्य-मेरा निर् ...और पढ़ें

जींद, कर्मपाल गिल। खबर के साथ लगी फोटो में जिस बच्ची को कापी में कुछ समझा रहे हैं, ये हैं आइएएस डा. आनंद कुमार शर्मा और उनकी धर्मपत्नी आइपीएस पूजा वशिष्ठ। डा. आनंद अभी सफीदों में एसडीएम हैं और पूजा वशिष्ठ समालखा में आइपीएस हैं। दोनों ने खुद कड़ी मेहनत करके बड़ा मुकाम हासिल किया है, अब यह दंपति गांवों के सरकारी स्कूलों के बच्चों में भी आइएएस-आइपीएस बनने का सपना संजो रहे हैं।
बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए काउंसलिंग
दैनिक जागरण से बातचीत में डा. आनंद शर्मा कहते हैं कि गांवों के स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के पास करियर संबंधी जानकारियों की कमी होती है। इसीलिए उन्होंने मेरा भविष्य-मेरा निर्णय नाम से करियर काउंसलिंग अभियान शुरू किया है। मकसद यही है कि गांवों के बच्चे अपनी रुचि के हिसाब से अपने भविष्य के बारे में निर्णय ले पाएं। सूचना के अभाव में गलत निर्णय न लेना पड़े। उन्हें पता होना चाहिए कि उनके पास क्या विकल्प हैं। कौन-कौन से करियर होते हैं। उनकी रुचि किसमें है ताकि सुनहरे भविष्य का निर्माण कर पाएं। हम सिर्फ रुचि पहचानने में मदद कर रहे हैं। अच्छी बात यह है कि बच्चे इनमें रुचि दिखा रहे हैं। हर सप्ताह स्कूलों में करियर काउंसिङ्क्षलग कार्यक्रम शुरू कर दिया है।
बच्चे निर्णय लेने में बने सक्षम
कार्यक्रम के तहत सफीदों के सभी सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को कवर किया जाएगा। इनमें दूसरे आइएएस व आइपीएस अफसरों को भी बुलाकर बच्चों से रूबरू कराया जाएगा। बच्चों में काफी उत्सुकता दिखाई दी है। कुछ की रुचि डाक्टर बनने की तो काई आर्मी में जाना चाहता है। लड़कियां आइपीएस व आइएएस भी बनना चाहती हैं। उन्होंने इस बारे में तरीका जाना। खुशी हो रही है कि गांवों के बच्चे झिझक तोड़कर पहली बार सीधे आइएएस व आइपीएस से सवाल पूछ रहे हैं। उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है। हमने फीडबैक भी लिया है, जिसमें पता चला है कि जहां-जहां कार्यक्रम हुए हैं, वहां बच्चे पहले से ज्यादा मन लगाकर पढ़ाई करने लगे हैं।
सिविल सेवा परीक्षा में डा. आनंद की 62वीं व पूजा की 161 रैंक थी
सफीदों एसडीएम डा. आनंद शर्मा आगरा के रहने वाले हैं। 2019 बैच के आइएएस डा. आनंद की 62वीं रैंक आई थी। उनकी पत्नी पूजा वशिष्ठ सोनीपत की रहने वाली हैं। वह 2018 बैच की आइपीएस हैं और उनकी 161वीं रैंक आई थी। दंपति ने यह तय किया है कि जहां भी रहेंगे, गांवों के बच्चों से लगातार रूबरू होते रहेंगे और उनमें भी बड़ा अफसर बनने के सपने संजोते रहेंगे।
पत्रिका छपवाई, हर स्कूल में नोडल अधिकारी नियुक्त किए
एसडीएम डा. आनंद शर्मा ने बताया कि विद्यार्थियों को अपने करियर चुनने में सहायता करने के लिए सफीदों के सभी 43 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में एक-एक नोडल आफिसर नियुक्त किया है। एक पत्रिका भी बनाई गई है, जिसकी तीन-चार कापियां हर स्कूल में भिजवा दी हैं। बच्चों को उनके मोबाइल पर भी इसकी साफ्ट कापी दे दी है। नोडल आफिसर की सहायता से विद्यार्थी अपने भविष्य की पढ़ाई एवं करियर के बारे में जानकारी ले सकते हैं। यह अभियान बच्चों को रोजगार से जुड़ी हुई समस्याओं से निजात दिलाएगा।

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