बच्चे को दूध पिलाते समय रखें ध्यान, श्वास नली में दूध अटकने से गई नवजात की जान
बच्चे को दूध पिलाते समय ध्यान रखना जरूरी है। श्वास नली में दूध अटकने से एक मासूम की जान चली गई है। मासूम एक माह का था। ट्रेन में मासूम को मां लिटाकर दूध पिला रही थी। तभी सांस की नली में दूध अटकने से मौत हो गई।

अंबाला, जागरण संवाददाता। अंबाला, जागरण संवाददाता। बच्चों को दूध पिलाने के दौरान सावधानी बरतें। जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है और मासूम की जान जा सकती है। अंबाला में एक ऐसा ही मामला सामने आया है।
श्वास नली में दूध फंसने से एक माह के बच्चे की मौत हो गई। घटना गाजीपुर निवासी सोनू कुमार गुप्ता के साथ हुआ। वहीं बच्चे की पहचान आर्यन गुप्ता के तौर पर हुई। जीआरपी जांच अधिकारी राजकुमार ने बताया कि बच्चे के संबंध में सूचना उन्हें शुक्रवार सुबह लगभग आठ बजे मिली थी।
दंपती ट्रेन नंबर 14611 गाजीपुर-श्रीमाता वैष्णो देवी कटरा के जनरल कोच में सफर कर रहा था। ट्रेन सुबह लगभग चार बजे छावनी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर सात पर पहुंची थी। इस दौरान कंट्रोल के माध्यम से रेलवे को जानकारी मिली थी कि जनरल कोच में सफर कर रहे एक माह के बच्चे की तबीयत खराब हो गई है और उसे तुरंत उपचार की जरूरत है।
ट्रेन के छावनी रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही पहले रेलवे डाक्टर ने बच्चे की प्राथमिक जांच की और फिर इसे छावनी सिविल अस्पताल भिजवा दिया। लेकिन उपचार के दौरान यहां बच्चे की मौत हो गई। मृतक बच्चे के पिता सोनू ने बताया कि वह गाजीपुर की एक गत्ता फैक्ट्री में काम करता है। बच्चे की मन्नत उतारने के लिए वह पत्नी साक्षी गुप्ता के साथ वैष्णो देवी जा रहे थे।
सफर के दौरान जब पत्नी बच्चे को सीट पर लिटाकर दूध पिला रही थी तो अचानक झटका लगने के कारण दूध बच्चे की सांस की नली में फंस गया। ट्रेन छावनी रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर थी। बच्चे ने सांस लेना बंद कर दिया तो तुरंत मामले की सूचना ट्रेन में तैनात कर्मचारी को दी गई, लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका।
जांच अधिकारी ने बताया कि बच्चे के माता-पिता बेहद गरीब थे। उनके पास एंबुलेंस के लिए पैसे भी नहीं थे। पोस्टमार्टम करवाने के बाद बच्चे को स्वजनों के हवाले कर दिया गया और बच्चे को रामबाग में ही दफना दिया है।
दूध पिलाते समय बरतें सावधानियां
बालरोग विशेषज्ञ की मानें तो बच्चे को दूध लिाते समय सावधानी बरतने की जरूरत है।
दूध पिलाते समय बच्चे का सिर पैरों से ऊंचा रखें।
दूध पिलाकर बच्चे को उठाकर कंधे लगाकर पीठ पर थपकियां दें।
यह सुनिश्चित करें कि दूध पीने के बाद बच्चे को डकार आई है या नहीं।
बच्चों को लिटाकर दूध पिलाने से परहेज करना चाहिए।
अगर बच्चे की सांस लेने में तकलीफ हो तो बिना देरी चिकित्सक से संपर्क करें।
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