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सर्दी में ये चार आसन जरूर करें, सूर्यभेदी प्राणायाम सर्दियों में बढ़ाता है बॉडी हीट

सर्दी के मौसम में तीन तरह की दिक्‍कतें आती हैं। एक पीठ दर्द ठंड लगना और एसिडिटी। इन तीनों ही समस्‍याओं को दूर करने के लिए अचूक योगासन हैं। सूर्यभेदी सबसे श्रेष्‍ठ माना गया है। जागरण विशेष में पढि़ए सर्दी के मौसम में कौन से आसन करने रहेंगे बेहतर।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 10:15 AM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 10:54 AM (IST)
सर्दी में ये चार आसन जरूर करें, सूर्यभेदी प्राणायाम सर्दियों में बढ़ाता है बॉडी हीट
जागरण विशेष में पढि़ए, सर्दी के मौसम में कौन से आसन करने रहेंगे बेहतर।

पानीपत, जागरण संवाददाता। सर्दी अब बढ़ गई है। न्‍यूनतम तापमान दस डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। दिन में भी सूर्य की तपिश अच्‍छी लगती है। जैकेट बाहर निकल आई हैं। इस मौसम में शरीर को स्‍वस्‍थ रखने के लिए विशेष योगासन करके सर्दी को मात दे सकते हैं। सबसे पहले नंबर पर है सूर्यभेदी प्राणायाम। इसके नाम से ही पता चला है कि सूर्य की तरह से यह हमारे शरीर में ऊर्जा बढ़ा देता है। गर्मी के मौसम में इस आसन को करने से बचना चाहिए। आइये, आज आपको बताते हैं कि सर्दी के मौसम में कौन से आसन करने चाहिए।

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सूर्यभेदी प्राणायाम: पतंजलि की महिला विंग की जिला संयोजक वीरा गोयल ने जागरण को बताया कि सूर्यभेदी प्राणायाम इस समय करना सबसे श्रेष्‍ठ है। जिस तरह सूर्य से हमें ऊर्जा मिलती है, गर्मी मिलती है, ठीक उसी तरह सूर्यभेदी प्राणायाम करने से शरीर में स्‍फूर्ति आ जाती है। सर्दी का असर कम होता है। इस प्राणायाम में केवल दायें नाक से ही सांस ली जाती है। सीधी नाक से ली गई सांस को सूर्यभेदी कहा जाता है। बायें तरफ की नासिका को चंद्र कहा जाता है। इस प्राणायाम करने के लिए पालथी में बैठ जाएं। बायें हाथ को घुटनों पर योग मुद्रा में रख दें। दायें हाथ की तर्जनी से बायीं तरफ की नासिका को बंद करें। सीधे नाक से लंबी सांस लें। लंबी सांस बाहर छोड़ते जाएं। इस तरह से 25 से 30 बार क्रिया को दोहराएं।

सर्दी में ये तीन आसन भी करें

1- भुजंग आसन

2- मर्कटासन

3- पवन मुक्‍त आसन

इसलिए जरूरी हैं ये आसन: दरअसल, सर्दी के मौसम में पीठ दर्द की सबसे ज्‍यादा शिकायत रहती है। भुजंग आसन और मर्कटआसन (Markatasana) से इस परेशानी को दूर किया जा सकता है। मर्कटआसन के लिए पीठ के बल लेटना होता है। घुटनों को उठाकर पैरों को मोड़ा जाता है। सिर को दायीं तरफ, घुटनों को बायीं तरफ मोड़ते हुए, बायें पैर को छूने का प्रयास करें। ध्‍यान रखें कि आप दायीं तरफ देखने की कोशिश करते रहें। सात से आठ सेकेंड तक करने के बाद विपरीत दिशा में इस आसन को करें। इसी तरह भुजंग आसन करके पेट की समस्‍याओं से निजात मिल सकती है। तीसरा आसन है पवन मुक्‍तासन।

सर्दी के दिनों में पाचन को लेकर काफी चिंता रहती है। इस चिंता को यह आसन दूर करता है। शरीर से गैस को बाहर निकालता है ये आसन। वैसे इससे कमर दर्द को दूर कर सकते हैं। इस आसन को आसानी से किया जा सकता है। पीठ के बल लेटकर पैरों को उठाएं। पैरों को मोड़ते हुए घुटनों को छाती की ओर लाएं। अंगुलियों से घुटनों को कसकर पकड़ लें। सिर को उठाते हुए माथे को घुटनों से लगाने का प्रयास करें। इसी मुद्रा में रहते हुए सांस लें। वापस अपनी मुद्रा में आ जाएं। इसे दो से तीन बार करें। एसिडिटी की समस्‍या भी इस आसन से दूर होती है।


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