सरस्वती नदी पर बनने वाले बांधों का सर्वे पूरा, अब इंवायरमेंट असेसमेंट स्टडी करेगी गाजियाबाद की कंपनी
जेएनएन, पानीपत : सरस्वती नदी की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार होने के बाद बांध बनने के लिए भी सवे
जेएनएन, पानीपत : सरस्वती नदी की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार होने के बाद बांध बनने के लिए भी सर्वे पूरा हो गया है। सर्वे पूरा होने के बाद अब प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार कराई जा रही है। जिसे सेंटर वाटर कमीशन को भेजा जाएगा। इसके साथ ही अब सरस्वती नदी पर इंवायरमेंट असेसमेंट स्टडी के लिए भी कंपनी को टेंडर दे दिया गया। गाजियाबाद की कंपनी इंवायरो इंफ्रा सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को यह कार्य दिया गया है। कंपनी जल्द ही अपना कार्य शुरू करेगी।
2015 में शुरू हुई थी खोदाई :
सरकार ने 21 अप्रैल 2015 को जिले के गांव रोलाहेड़ी से सरस्वती नदी की खोदाई का कार्य शुरू कराया था। मनरेगा के तहत खोदाई का कार्य कराया गया। खोदाई के बाद गांव मुगलावाली में पानी भी निकला था। हालांकि पानी पर कई तरह के सवाल उठे। खोदाई के दौरान पानी निकलने पर सीएम सहित कई केंद्रीय मंत्री डॉक्टर महेश शर्मा पूजा करने के लिए मुगलावाली में पहुंचे थे। मार्च 2017 में अलग से सरस्वती हेरीटेज बोर्ड भी बनाया गया। सबसे पहले देहरादून के वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जुलॉजी से चार सदस्यों की टीम ने पहाड़ों से निकल रही सरस्वती नदी के ¨लकेज और इसके अस्तित्व का रिकॉर्ड तलाशने के लिए दौरा किया। इसके बाद सर्वे ऑफ इंडिया की टीम भी पहुंची और उन्होंने जहां-जहां पर सरस्वती नदी का रिकॉर्ड मिला। वहां पर मार्किंग की। पहले यह कार्य ¨सचाई विभाग के ही वाटर एंड सीवरेज डिविजन को दिया गया था। मार्च 2017 में इसके लिए अलग से सरस्वती डिविजन नंबर एक बना दी गई। जबकि दो अन्य डिविजन कैथल व कुरुक्षेत्र जिले में है। डिविजन बनने के बाद वेबकॉश कंपनी से सरस्वती नदी की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराई गई। करीब 500 पेजों की इस रिपोर्ट को सरकार के पास भेजा गया है। जिसके मुताबिक जिले के 38 गांवों से सरस्वती नदी निकलेगी।
यह है सरकार की योजना :
आदिबद्री में 88 एकड़ के एरिया में डैम बनाया जाएगा। डैम पर पहाड़ों से आने वाला पानी स्टोर किया जाएगा। छोटी-छोटी खोल का पानी भी यहां पर स्टोर होगा। इस पानी को स्टोर करने के बाद पाइप लाइन के जरिए सरस्वती नदी में छोड़ा जाएगा। रामपुर एडियान में रिजर्व वायर बनाया जाएगा। जहां पर डैम का पानी स्टोर होगा। इसे आगे सरस्वती नदी में छोड़ा जाएगा। इसमें 1200-1200 मिमी के दो पाइप 8.82 किमी के एरिया में लगेंगे। करीब 55 क्यूसिक पानी की क्षमता के यह पाइप होंगे। इसके लिए सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने बेस सर्वे शुरू किया। अब यह सर्वे पूरा हो गया है। इस सर्वे के आधार पर अब विभाग डीपीआर तैयार कर रहा है। यह डीपीआर सेंटर वाटर कमीशन को भेजी जाएगी। सर्वे पूरा होने के बाद अब विभाग ने इंवायरमेंट असेसमेंट स्टडी के लिए भी फर्म को टेंडर दे दिया है।
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सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने नदी पर बनने वाले बांधों को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसके आधार पर डीपीआर तैयार कर सेंटर वाटर कमीशन को भेजी जाएगी। अब नदी पर इंवायरमेंट असेसमेंट स्टडी के लिए भी टेंडर दे दिया गया है। गाजियाबाद की कंपनी को यह टेंडर दिए गए हैं।
नितिन कुमार, एसडीओ, सरस्वती डिविजन नंबर एक।