Success Story: इन 3 बेटियों से सीखिए हालातों से लड़ना, पढ़ने को पैसे नहीं थे तो खेल में दम दिखा पाई रेलवे में नौकरी
कबड्डी के दम पर हरियाणा (Haryana) के कैथल के गांव पाई की तीन बेटियों ने सरकारी नौकरी हासिल की। एक के परिवार में पांच बहनों में से तीन अशिक्षित हैं। एक ने रेलवे में तो दूसरी का डाक विभाग में चयन हुआ। तीसरी लड़की के पास मकान भी नहीं था।

कैथल, [जोनी प्रजापति]। Success Story: जिनके पास कुछ करने का जज्बा और लग्न होती है, वह अभावों की अकड़ तोड़ते हुए मंजिल को हासिल कर ही लेते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है गांव पाई की तीन बेटियों शीतल, नेहा और ऋतु ने। कबड्डी के दम पर तीनों ने रेलवे में नौकरी हासिल की।
गरीब परिवार से हैं बेटियां
तीनों बेटियां गरीब परिवारों से संबंध रखती हैं, लेकिन कबड्डी के मैदान में इनकी समृद्धि का लोहा माना जाता है। इनमें से एक के परिवार के पास तो खुद का मकान भी नहीं है। नेहा और ऋतु गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ी हैं। वहीं शीतल ने गांव स्थित निजी स्कूल से पढ़ाई की है। नेहा और शीतल ने दो दिन पहले ही रेलवे में ज्वाइन किया है, जबकि ऋतु तीन माह पहले रेलवे में ही नियुक्त हुई। तीनों ने क्लर्क के पद पर ज्वाइन किया है। कबड्डी कोच शमशेर सिंंह ने बताया कि गांव में ही खेल का मैदान है। यहां बड़ी संख्या में बेटियां अभ्यास के लिए आती हैं। कइयों को सरकारी नौकरियां भी मिल चुकी है।
.jpg)
खेलों में दम पर मिली रेलवे में नौकरी
मूल रूप से गांव पाई की रहने वाली शीतल कबड्डी की सब जूनियर में स्वर्ण पदक विजेता है। इन्होंने स्कूली शिक्षा के साथ ही कबड्डी खेल काे अपना लक्ष्य बनाया। इसके बाद शुरूआत को आगे बढ़ाया। वह करीब चौदह साल से कबड्डी खेल में अपना दमखम दिखा रहीं है। इन्होंने गांव में बने निजी स्कूल में बारहवीं तक की पढ़ाई की। पढ़ाई के साथ-साथ इनकी खेलों में अधिक रुचि रहीं। शीतल के परिवार में माता-पिता व दो भाई-बहन हैं। बड़ा भाई बीए द्वितीय वर्ष में है।
.jpg)
किराये के मकान में रहता है परिवार
आर्थिक रूप से कमजोर परिवार में जन्मी गांव पाई निवासी नेहा भी सब जूनियर में स्वर्ण पदक विजेता है। परिवार के पास अपना मकान भी नहीं, लेकिन अभाव नेहा की तरक्की के आड़े नहीं आए। परिवार गांव में ही किराये के मकान में रहता है। बता दें कि नेहा ने इसी वर्ष बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण की है और उसे रेलवे विभाग में नौकरी मिल गई है। इनके परिवार में इनकी माता, दादी और भाई हैं। इस नौकरी के पास परिवार में खुशी की लहर है।
पांच बहनों में तीन अशिक्षित, दो को मिली नौकरी
ऋतु लंबे समय से खेलों में शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। वह कबड्डी में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक हासिल कर चुकी हैं। इन्होंने गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ाई की है। स्कूली शिक्षा के साथ ही इन्होंने खेलों में अपनी अहम भूमिका निभाई। करीब तीन महीने पहले इन्हें भी रेलवे विभाग में नौकरी मिली है। इनके परिवार में माता-पिता और पांच बहनें एक भाई है। ऋतु से दो बड़ी बहनें हैं और दोनों की शादी हो चुकी है। इससे बड़ी बहन को डाक विभाग में नौकरी मिल चुकी है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।