Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Success Story Of IPS: खाकी के भीतर शायर दिल संभाले हैं एसपी कैथल, प्राइवेट नौकरी करने के बाद बने आईपीएस

    By Anurag ShuklaEdited By:
    Updated: Sat, 09 Jul 2022 10:00 AM (IST)

    Success Story of IPS कैथल के एसपी आईपीएस (IPS) मकसूद अहमद। एक प्राइवेट स्कूल में नौकरी करके अपने मंजिल की ओर बढ़े। इंजीनियरिंग की फिर एमबीए। इसके बाद आईपीएस का सपना पूरा किया। पढ़ें आईपीएस मकसूद अहमद के संघर्ष की कहानी।

    Hero Image
    Success Story of IPS: कैथल के एसपी आईपीएस मकसूद अहमद!

    कैथल, [सुनील जांगड़ा]। पुलिस। यह एक शब्द सुनते ही सख्त लहजे, कड़े व्यवहार और कठाेर व्यक्तित्व की छवि जहन में उभरना स्वाभाविक है। इन सबके साथ एक पुलिस नौकरशाह के सीने में अगर कोमल शायर दिल पलता हो तो कहने ही क्या। जी हां, कैथल के एसपी मकसूद अहमद दिखने में जितने सौम्य हैं, उनका व्यक्तित्व भी उतना ही सरल और शायराना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ड्यूटी के साथ कविताएं भी लिखते

    कानून की धाराओं के साथ-साथ वह कविताओं और गजलों से भी बराबर वफा निभाते आ रहे हैं। हिंदी और उर्दू पर बराबर पकड़ रखते हुए आइपीएस मकसूद अहमद अपनी पुलिस की ड्यूटी के साथ-साथ शायरी और कविताएं लिखने में भी समय बिताते हैं। बचपन से ही खेलों से दूरी बनाए रखी थी। उन्हें बस किताबें पढ़ने और शायरी का शौक है। अभी भी जैसे ही समय मिलता है तो गजलें-कविताएं लिखते हैं और कहीं मंच मिल जाए तो शायरी सुनाते भी हैं।

    कविताओं में मासूमियत

    उनकी कविताओं की मासूमियत का अंदाजा उनकी इस कविता से लगाया जा सकता है। कविता का शीर्षक है तू औरत है। कुछ पंक्तियां यूं हैं:- मां भी है तू बेटी भी तू, बहन भी है तू बीवी भी तू ममता की तू तो मूरत है, औरत है तू औरत है, लक्ष्मी भी तू काली भी तू है सरस्वती भवानी तू इस जमीं पे खुदा की तू सूरत है तू औरत है तू औरत है।

    एक प्राइवेट स्कूल में नौकरी की

    देश का हर युवा आइएएस और आइपीएस बनने का सपना देखता है। ज्यादातर युवाओं के लिए यह सपना ही बनकर रह जाता है तो कुछ युवा अपने इस सपने को साकार कर पाते हैं। कैथल के एसपी मकसूद अहमद ने आइपीएस बनने तक का सफर दैनिक जागरण से सांझा किया है। सप्ताह के साक्षात्कार को लेकर एसपी से बातचीत की गई।

    ये है सफलता का मूलमंत्र

    एसपी ने कहा कि मेहनत ही सफलता का मूलमंत्र है। सफलता हासिल करने का कोई शार्टकट नहीं है। युवाओं को नशे से दूर रहना चाहिए और अपने तय किए गए लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। बता दें कि एसपी मकसूद अहमद मूल रूप से नूंह मेवात के रहने वाले हैं। पिता शिफाद खान बैंक मैनेजर थे, जो रिटायर्ड हो चुके हैं। पत्नी वाजिदा अहमद और पिता का उनके आइपीएस बनने में खास योगदान रहा है।

    इंजीनियरिंग के बाद की एमबीए

    एसपी मकसूद अहमद ने बताया, मेरी पहली से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई अलवर केंद्रीय विद्यालय में हुई। उसके बाद 2005 में अलवर स्थित आइईटी कालेज से इलेक्ट्रिक में इंजीनियरिंग की। इंजीनियरिंग करने के बाद आइआइएमटी गाजियाबाद से एमबीए की। एमबीए करने के बाद पांच सालों तक प्राइवेट क्षेत्र में नौकरी की। इस दौरान मैंने रिलाइंस लाइफ इंश्योरेंस, इंडिया मार्ट डाट काम और एक निजी स्कूल में एचआर हेड के पद पर कार्यरत रहा।

    आईपीएस और आईएएस बनने का था सपना

    आइपीएस मकसूद अहमद ने बताया कि साल 2010 में उनकी शादी हो गई थी। पत्नी को पता था कि उनका सपना आईएएस और आइपीएस बनने का था। साल 2013 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। पहली बार में ही उनका प्री और मेन पास हो गया था, लेकिन साक्षात्कार में रह गए थे। कुछ दिन तक उदास रहे, लेकिन परिवार के लोगों ने दोबारा तैयारी करने के लिए कहा। साल 2014 में दोबारा से तैयारी की और आइआरटीएस रेलवे में नौकरी मिल गई, लेकिन उनका सपना अभी भी अधूरा था। साल 2015 में तीसरी बार फिर प्रयास किया और इस बार उन्हें 611 रैंक मिला। ओबीसी कैटेगरी में उनका चयन आइपीएस में हो गया।

    ट्रेनिंग के बाद रोहतक एसएचओ की पहली पोस्टिंग

    एसपी ने बताया कि ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सबसे पहले उन्हें रोहतक सदर थाने में थाना प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई। कुछ महीने के बाद उन्हें एएसपी रोहतक लगा दिया गया। उसके बाद नारनौल का अतिरिक्त एसपी लगाया गया। साल 2020 में बल्लभगढ़ डीसीपी लगाया गया और 2020 में ही गुरुग्राम ईस्ट का डीसीपी लगा दिया गया। अब कैथल में एसपी के पद पर सेवाएं दे रहे हैं।

    आरोपितों को नहीं किया जाएगा माफ

    एसपी ने बताया कि जिले में अपराध किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। आपराधिक वारदातों में शामिल बदमाशों को लगातार पुलिस पकड़ रही है। कलायत में दुकानदार पर फायरिंग का बड़ा मामला हो या कैथल में आढ़ती से रंगदारी का मामला हो। पुलिस सभी बड़े मामलों में बदमाशों को पकड़ रही है।