पानीपत में आवारा कुत्तों को पकड़ने का टेंडर खुला, जल्द शुरू होगा काम
समालखा में आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम ने टेंडर जारी कर दिया है। पानीपत के एक ठेकेदार को यह टेंडर मिला है, जो कुत्तों की नसबंदी करवाएगा। शहर में लगभग दो हजार आवारा कुत्ते हैं, जिनकी नसबंदी की जाएगी। पिछले साल कुत्तों ने 2550 लोगों को काटा था, जिससे लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। शेल्टर होम तैयार होते ही अभियान शुरू होगा।

समालखा में आवारा कुत्तों को पकड़ने का टेंडर खुला।
जागरण संवाददाता, समालखा। शहर में आवारा कुत्तों को पकड़ने का टेंडर खुल चुका है। पानीपत नगर निगम के एक ठेकेदार को ही टेंडर मिला है। कुत्तों की नसबंदी करने के लिए शेल्टर होम का चयन किया गया है, जहां साफ-सफाई और सुरक्षा की जरूरत है। ठेकेदार निजी वेटनरी सर्जन से कुत्तों की नसबंदी करवाएगा। नसबंदी के अगले दिन कुत्तों को छोड़ दिया जाएगा।
शहर में दो हजार के करीब आवारा कुत्ता होने का अनुमान है, जिसे पकड़ने और नसबंदी करने पर ठेकेदार को 1450 रुपये प्रति कुत्ते के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। करीब 9 माह से इस टेंडर को छोड़ने की तैयारी चल रही थी, लेकिन ठेकेदार नहीं मिल रहा था। तीसरी बार सिंगल बीड होने से यह टेंडर छोड़ा जा सका। टेंडर छूटने से शहरवासियों को आवारा कुत्तों के पकड़े जाने की उम्मीद बढ़ी है।
कुत्तों की नसबंदी होने से इनकी संख्या में कमी आएगी। लोगों को राहत मिलेगी। पिछले वर्ष आवारा कुत्तों ने शहर और ग्रामीण अंचल के 2550 लोगों को अपना शिकार बनाया था। 2023 में इस बार भी अप्रैल से 20 नवंबर तक 1723 लोग आवारा कुत्तों के शिकार हो चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने भी सार्वजनिक जगहों पर घूम रहे आवारा कुत्तों को पकड़ने के निर्देश सरकार को दिए थे। उसके बाद नगर परिषद ने भी इसकी कवायद शुरू की थी। सचिव मनीष शर्मा ने कहा कि शेल्टर होम तैयार होते ही कुत्ता पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया जाएगा।
आवारा कुत्तों को पकड़ने का टेंडर खुला, जल्द शुरू होगा काम
-पिछले वर्ष 2550 तो इस बार अप्रैल से अब तक 1723 लोगों को काट चुके कुत्ते
जागरण संवाददाता, समालखा : शहर में आवारा कुत्तों को पकड़ने का टेंडर खुल चुका है। पानीपत नगर निगम के एक ठेकेदार को ही टेंडर मिला है। कुत्तों की नसबंदी करने के लिए शेल्टर होम का चयन किया गया है, जहां साफ-सफाई और सुरक्षा की जरूरत है। ठेकेदार निजी वेटनरी सर्जन से कुत्तों की नसबंदी करवाएगा। नसबंदी के अगले दिन कुत्तों को छोड़ दिया जाएगा।
शहर में दो हजार के करीब आवारा कुत्ता होने का अनुमान है, जिसे पकड़ने और नसबंदी करने पर ठेकेदार को 1450 रुपये प्रति कुत्ते के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। करीब 9 माह से इस टेंडर को छोड़ने की तैयारी चल रही थी, लेकिन ठेकेदार नहीं मिल रहा था। तीसरी बार सिंगल बीड होने से यह टेंडर छोड़ा जा सका। टेंडर छूटने से शहरवासियों को आवारा कुत्तों के पकड़े जाने की उम्मीद बढ़ी है। कुत्तों की नसबंदी होने से इनकी संख्या में कमी आएगी। लोगों को राहत मिलेगी। पिछले वर्ष आवारा कुत्तों ने शहर और ग्रामीण अंचल के 2550 लोगों को अपना शिकार बनाया था। 2023 में इस बार भी अप्रैल से 20 नवंबर तक 1723 लोग आवारा कुत्तों के शिकार हो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी सार्वजनिक जगहों पर घूम रहे आवारा कुत्तों को पकड़ने के निर्देश सरकार को दिए थे। उसके बाद नगर परिषद ने भी इसकी कवायद शुरू की थी। सचिव मनीष शर्मा ने कहा कि शेल्टर होम तैयार होते ही कुत्ता पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया जाएगा।

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