हरियाणा में महिपाल ढांडा का मंत्री पद सचिन के सौवें शतक जैसा, ये है इनसाइड स्टोरी
महीपाल ढांडा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के शिष्य हैं। सांसद से इनका शीतयुद्ध भी थम गया है। संगठन में मजबूत पकड़ बना ली है। मंत्री पद मिलने के ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, रवि धवन। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं महिपाल ढांडा। भाजपा के जहां बड़े-बड़े मंत्री पिछला विधानसभा चुनाव हार गए, तब ढांडा ऐसे इकलौते जाट नेता थे, जो लगातार दूसरी बार बड़े अंतर से जीते। राजनीतिक बायोडाटा देखें तो पता चलता है कि शानदार खिलाड़ी हैं। मंत्री पद की क्रीज पर जैसे ही उनके नाम की चर्चा होती है, न जाने क्यों किसी न किसी की नजर लग जाती है। पर इस बार लगता है मनोहर इन पर मेहरबान हो जाएं। सांसद जी से महिपाल का जो शीतयुद्ध चल रहा था, उस पर अब विराम लग गया है। महिपाल जी ट्विटर पर तो अब सांसद जी को बड़ा भाई बताते हैं। प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के शिष्य महिपाल ने संगठन में अब अपनी पकड़ मजबूत बना ली है, वजह ये भी हो सकती है। महिपाल के समर्थकों के लिए उनका मंत्री पद ठीक वैसा ही हो गया है, जैसे सचिन का सौवां शतक था।
बिजली वालों को खाकी भी पहना दो
तीन दिन से हरियाणा के घरों में बड़ी चर्चा है। आधी रात को भी कई-कई बार किसी न किसी की नींद खुल जाती है। एसी चल रहा हो तो भी माथे पर पसीना आ जाता है। ये पसीना आ रहा है उन लोगों को जो चोरी से बिजली चलाते हैं। बिजली निगम की 507 टीमों ने इन तीन दिनों में 28 हजार घर और उद्योग छान मारे। बिजली चोरी के केस बनाए, मीटर उखाड़कर ले गए। 24 करोड़ से ज्यादा जुर्माना ठोका। आधी रात को बाहर से ही सीढ़ी लगाकर भी चढ़ने से गुरेज नहीं किया। कप्तान बिजली मंत्री इस सफलता पर वाहवाही बटोर रहे हैं। इसके साथ ही लोग कहने लगे हैं, चौटाला साहब, बिजली वालों को खाकी भी पहना दो। जैसे आधी रात को बिजली चोरों को पकड़ा है, ठीक वैसे ही ये तो अपराधियों को भी पकड़ सकते हैं। या इन्हीं से पुलिस को ट्रेनिंग दिला दो।
शाही सौदा, जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा
शहर के इंसार बाजार के नजदीक है इंद्रा बाजार। यहां सोसाइटी की खाली जगह को शहर के बड़े नेताओं ने खरीद लिया है। इस सौदे की चर्चा इन दिनों एलीट क्लास के लोगों के बीच में है। जिन लोगों का हिस्सा है, वे तो चुप रहते हैं। जिनका हिस्सा नहीं है, वे जोर-शोर से बातें करते हैं। पता उन्हें भी होता है कि किसे सुना रहे हैं। शाह परिवार के साथ रहे एक बड़े नेता का भी इसमें हिस्सा है। कभी शहर की राजनीति में चाणक्य की भूमिका निभाते थे। इन दिनों अपने लिए ठिकाना तलाश रहे हैं। वैसे, अंदर की खबर तो ये है कि जमीन के इस सौदे में जैसा सोचा गया था, वैसा मुनाफा मिलना तो दूर, मूल भी निकलना मुश्किल हो रहा है। इन दिनों पंडितों को बुलाकर हवन कराए जा रहे हैं। जिससे किसी न किसी तरह सौदा हो जाए, झंझट से बाहर निकल जाएं।
ये सजा तो अच्छी है
नगर निगम की कप्तानी औपचारिक तौर पर तो मेयर अवनीत कौर के पास है। वैसे सरदार और भी बहुत हैं। इन दिनों सीनियर डिप्टी मेयर दुष्यंत भट्ट ने कुशलता से पकड़ मजबूत बना ली है। विधायक प्रमोद विज बैठकें लेते ही रहते हैं। विधायक महिपाल ढांडा ग्रामीण क्षेत्र में मौका नहीं चूकते। सांसद संजय भाटिया ने ऐसी फील्डिंग जमाई है कि उन्हें पल-पल की खबर मिल ही जाती है। अब कोई न कोई सरदार किसी न किसी अफसर का तबादला करा ही देता है। पहले कमिश्नर मनोज कुमार की मेयर खेमे ने बदली कराई तो बाद में चीफ इंजीनियर महिपाल विधायक विज से सिफारिश लगवाकर जिला छोड़ गए। वैसे, अफसरों को इसका फायदा ही हुआ है। मनोज कुमार को मुख्यमंत्री के जिले करनाल की कमिश्नरी मिल गई तो उधर, महिपाल को गृहमंत्री अनिल विज का जिला मिल गया है। अब सरदार सोच रहे हैं, अफसरों को सजा मिली या प्रमोशन।
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