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    Kisan Rail Roko Andolan Update: किसान का रेल रोको आंदोलन और बेबसी की कहानियां, जब बुजुर्गों को यूं आगे निकलना पड़ा

    By Anurag ShuklaEdited By:
    Updated: Thu, 18 Feb 2021 02:12 PM (IST)

    एक तरफ रेलवे ट्रैक पर किसान रेल रोको आंदोलन को सफल बनाने में डटे हैं। वहीं दूसरी तरफ इस आंदाेलन से रोकी गईं ट्रेनों में फंसे यात्रियों की सहूलियत के लिए प्रशासन लगातार मदद पहुंचा रहा है। जानिए क्‍या हैं हालात।

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    पानीपत रेलवे स्‍टेशन में ट्रेन रोके जाने से बाहर आते बुजुर्ग।

    पानीपत, जेएनएन। एक तरफ हजारों यात्री फंसे हुए हैं। उन्‍हें कहीं जाने का रास्‍ता नहीं मिल रहा। चार घंटे तक कम से कम इंतजार करना ही होगा। दूसरी तरफ आउटर पर किसान लगातार डटे हैं। पानीपत में टीडीआइ पुल के नीचे किसान बैठे हुए हैं। करीब 70 पुलिसकर्मी आसपास मौजूद हैं। किसानों ने ऐलान कर दिया है कि अगर यहां तक ट्रेन आती भी है, तो भी उसे आगे नहीं जाने दिया जाएगा। वहीं स्‍टेशन में फंसे लोगों को बस अड्डे तक पहुंचाया जा रहा है।

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    किसानों का रेल रोको अभियान आमजन पर भारी पड़ रहा है। चार घंटे तक ट्रेन नहीं चलेगी। जब तक पटरियों से किसान हटेंगे, तब भी एक घंटे तक का समय तो लग ही जाएगा। यानी पांच घंटे तक ट्रेनों का चक्‍का जाम रहने वाला है। इस समय तक यात्रियों को मजबूरी में ट्रेन में रहना होगा या प्‍लेटफार्म पर समय गुजारना होगा। अगर ट्रेन आउटपर में है तो और ज्‍यादा मुसीबत। पानीपत रेलवे स्‍टेशन पर पश्चिम एक्‍सप्रेस को रोका गया है। करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल और अंबाला तक जाने वाले लोगों ने ट्रेनों से उतरकर आगे बस से जाना बेहतर समझा है। हालांकि इस दौरान भी कठिनाइयां कम नही हैं। बुजुर्गों को सामान लेकर निकलना पड़ रहा है। बच्‍चे साथ हैं।

    गुजरात के दाहोद से ट्रेन में बैठे थे जगदीश गुप्‍ता। उनके साथ उनकी पत्‍नी सुलोचना और पोता है। बुजुर्ग जगदीश गुप्‍ता हाथ में अटैची लिए सीढि़या चढ़ते हुए प्‍लेटफार्म क्रास कर रहे थे। दैनिक जागरण को उन्‍होंने बताया, उनका बेटा गुजरात रहता है। वह कुरुक्षेत्र रहते हैं। बेटे से मिलकर ही वापस कुरुक्षेत्र लौट रहे थे। यहां पता चला कि किसान आंदोलन कर रहे हैं। पानीपत से कुरुक्षेत्र ज्‍यादा दूर नहीं है। ट्रेन में बैठे रहेंगे तो सात घंटे और लग सकते हैं। बस में बैठकर दो घंटे तक घर पहुंच जाएंगे। इसलिए ट्रेन से उतर गए हैं।

    इसी तरह जयभगवान व अजय का परिवार है। इन्‍हें कैथल जाना था। पानीपत में ही ट्रेन से उतर गए हैं। इन्‍हें पता चला कि पानीपत रोडवेज की तरफ से पानीपत बस स्‍टैंड तक के लिए बस मुहैया कराई गई है। इसी बस से ये दोनों बस स्‍टैंड के लिए निकले। यहां से बस करके कैथल की तरफ रवाना हो जाएंगे।

    पानीपत में बस चलाई, यात्रि‍यों को रेलवे स्‍टेशन से बस स्‍टैंड तक फ्री छोड़ेंगे

    पानीपत रेलवे स्‍टेशन पर पश्चिम एक्‍सप्रेस रोक दी गई है। जब तक किसान पटरी पर बैठे हैं, तब तक ट्रेन आगे रवाना नहीं होगी। इस बीच ट्रेन यात्री अब प्‍लेटफार्म पर उतरने लगे हैं। कुछ लोगों को करनाल, अंबाला तक ही जाना है। ऐसे यात्री बस से भी आगे सफर कर सकते हैं। पानीपत रोडवेज की तरफ से रेलवे स्‍टेशन से लेकर बस स्‍टैंड तक मिनी बस चलाई गई। इस बस से इन यात्रियों को बस स्‍टैंड तक फ्री छोड़ा जाएगा।

    जानिए क्‍या कहा किसान नेताओं ने

    किसान नेताओं का कहना है कि उन्‍होंने यात्रि‍यों के लिए यहां लंगर का इंतजाम किया हुआ है। पुलिसकर्मियों को भी लंगर खिलाया जाएगा। लेकिन ट्रेन को आगे रवाना नहीं होने देंगे। पहले चार से पांच जगह पर पटरी पर बैठने की योजना था। लेकिन अब सभी टीडीआइ पुल के नीचे पहुंच रहे हैं। कवि, उग्राखेड़ी, बाबरपुर से लेकर समालखा तक किसान यहां पहुंच रहे हैं।

    प्रशासन करवा रहा वीडियोग्राफी

    प्रशासन अब वीडियोग्राफी करवा रहा है। सीआइडी की टीम भी सभी के नाम लिख रही है। पुलिसकर्मी हालात के बारे में उच्‍चाधिकारियों को अपडेट कर रहे हैं।

    पानीपत में ये नेता कर रहे लीड

     कुलदीप बलाना, जयकरण कादियान, बिंटु मलिक, सुनील दत्‍त, रणबीर शर्मा, रणबीर देशवाल, सुरेंद्र मलिक। यहां पर किसानों की संख्‍या धीरे धीरे बढ़ रही है। दूर तक दरियां बिछाई जा रही हैं।

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